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महिला और बाल विकास मंत्रालय ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से नए आपराधिक कानूनों पर दूसरा राष्‍ट्रीय वेबिनार आयोजित किया

   महिला और बाल विकास मंत्रालय ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से नए आपराधिक कानूनों पर दूसरा राष्‍ट्रीय वेबिनार आयोजित किया। यह आयोजन हाल ही में लागू किए गए आपराधिक कानूनों ‘भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) , भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) , और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए)’   पर आधारित था। यह पहल विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के कल्‍याण के लिए इन परिवर्तनकारी कानूनी बदलावों के बारे में राष्ट्रव्यापी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए है। इस तरह का पहला वेबिनार 21 जून , 2024 को आयोजित किया गया था। आज के वेबिनार में पंचायती राज मंत्रालय के सचिव और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने उद्घाटन भाषण दिया। उन्‍होंने अपने संबोधन में नए आपराधिक कानूनों के प्रमुख प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) और महिला और बाल विकास मंत्रालय के विशेषज्ञों ने महिलाओं और बच्चों पर इन कानूनों के सकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्‍तृत जानकारी प्रदान की। उन्‍होंने बताया कि इन कानूनों में...

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने एसबीएम-यू 2.0 के तहत ‘सफाई अपनाओ बीमारी भगाओ’ पहल शुरू की

  इस पहल का उद्देश्य मानसून के मौसम के दौरान स्वच्छता और बीमारियों से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए शहरी स्थानीय निकायों की तैयारी को बढ़ाना है   मानसून आते ही साफ-सफाई और स्वच्छता संबंधी चुनौतियां बढ़ जाती हैं। इसके साथ ही जलजनित और वेक्टर जनित बीमारियां भी फैल जाती हैं। मानसून से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए सक्रिय उपायों के महत्व को पहचानते हुए , आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0 के तहत सफाई अपनाओ , बीमारी भगाओ (एसएबीबी) 1 जुलाई से 31 अगस्त , 2024 तक चलने वाली पहल की शुरुआत की गई है। इस पहल का उद्देश्य शहरी स्थानीय निकायों की तैयारियों को बढ़ाना है , ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे जून से अगस्त के महीनों के दौरान भारी बारिश के कारण स्वास्थ्य जोखिमों से पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के ' डायरिया रोको अभियान '- ' डायरिया की रोकथाम , सफ़ाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान ' के अनुरूप इस पहल का उद्देश्य मानसून के मौसम में सफ़ाई और बीमारियों...

शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान आरंभ किया

  भारत में तम्बाकू के उपयोग से बहुत से रोग पैदा होते हैं और इसके इस्तेमाल से व्यक्ति मृत्यु की कगार तक पहुंच सकता है। देश में हर साल लगभग 1.35 मिलियन मौतें तम्बाकू के कारण होती हैं। भारत तम्बाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक भी है। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (जीवाईटीएस) 2019 के अनुसार , देश भर में 13 से 15 वर्ष की आयु के 8.5 प्रतिशत स्कूली छात्र विभिन्न रूपों में तम्बाकू का सेवन करते पाये गये हैं। हमारे स्कूल भवनों और परिसरों के आसपास तम्बाकू उत्पादों की विभिन्न रूपों में आसान पहुँच को उपरोक्त स्थिति पैदा करने वाले प्रमुख कारकों में से एक माना जाता है। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनसीटीपी) के अंग के रूप में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नाबालिगों और युवाओं को तम्बाकू के सेवन से बचाने के लिए शिक्षा संस्थानों को तम्बाकू रहित बनाने के लिए "तम्बाकू मुक्त शिक्षा संस्थान" दिशानिर्देश जारी किए हैं। शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्कूलों के लिए "तम्बाकू मुक्त शिक्षा संस्थान कार्यान्वयन मैनुअल" विकसित किया है और...

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 31 मार्च, 2025 तक के लिए गेहूं की स्टॉक सीमा लागू की

  स्टॉक सीमा व्यापारियों/थोक विक्रेताओं के लिए 3000 मीट्रिक टन ; खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रत्येक खुदरा विक्रय केंद्र के लिए 10 मीट्रिक टन ; बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रय केंद्रों के लिए प्रत्येक दुकान के लिए 10 मीट्रिक टन और उनके सभी डिपो पर 3000 मीट्रिक टन , प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के शेष महीनों द्वारा गुणित मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) का 70 प्रतिशत निर्धारित की गई है समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने तथा जमाखोरी और बेईमानी से की जा रही सट्टेबाजी को रोकने के लिए भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के व्यापारियों/थोक विक्रेताओं , खुदरा विक्रेताओं , बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं पर लागू गेहूं पर स्टॉक सीमा लगाने का निर्णय लिया है। निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं , स्टॉक सीमाओं और आवागमन प्रतिबंधों को हटाने (संशोधन) आदेश , 2024 को आज यानी 24 जून 2024 से तत्काल प्रभाव से जारी कर दिया गया है और यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगा। स्टॉक सीमा प्रत्येक इकाई ...

योजना - कोयला मंत्रालय ने झारखंड में भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए भारत की पहली पायलट परियोजना का शुभारंभ किया

   इस पहल का उद्देश्य कोयला उद्योग में क्रांति लाते हुए कोयला गैसीकरण के उपयोग के माध्‍यम से इसे औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए मीथेन , हाइड्रोजन , कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी मूल्यवान गैसों में परिवर्तित करना है कोयला मंत्रालय के रणनीतिक निर्देशन के अतर्गत , ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) ने झारखंड के जामताड़ा जिले के कास्ता कोयला ब्लॉक में भूमिगत कोयला गैसीकरण (यूसीजी) के लिए एक अभिनव पायलट परियोजना का शुभारंभ किया है। यह कोयला क्षेत्र के भीतर मंत्रालय के सक्रिय विविधीकरण प्रयासों को दर्शाता है। इस प्रथम अभूतपूर्व पहल का उद्देश्य कोयला उद्योग में क्रांति लाना है , इसके लिए मूल स्थान पर कोयला गैसीकरण का उपयोग करके इसे मीथेन , हाइड्रोजन , कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी मूल्यवान गैसों में परिवर्तित करना है। इन गैसों का उपयोग सिंथेटिक प्राकृतिक गैस , ईंधन , उर्वरक , विस्फोटक और अन्य औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए रासायनिक फीडस्टॉक्स के उत्पादन के लिए किया जा सकता है। कोयला मंत्रालय कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से प्रति...

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