यूट्यूब चैनलों के द्वारा प्रसारित समाचारों की वस्तुस्थिति उजागर करने के लिए हिंदुस्तान के पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट (एफसीयू) ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा संज्ञान लिए जाने से यूट्यूब चैनलों पर चलने वाली फर्जी खबरों के विरुद्ध कार्रवाई की.... जिस पर अमोल मालुसारे के दृष्टिकोण से कई पहलू पर विधिक प्रकाश पड़ रहा है
समाज सेविका निशा देशमुख के द्वारा छत्तीसगढ़ के फर्जी वेबसाइटों के विरुद्ध मुहिम का तर्क संगत आधार स्थापित हुआ क्योकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट (एफसीयू) ने छह यूट्यूब चैनलों के द्वारा प्रसारित समाचारों की वस्तुस्थिति उजागर कर दी है बेहद गंभीर आरोप लगाए गए है फर्जी समाचार प्रसारित करने वाले यू ट्यूब चैनलों पर पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट द्वारा उजागर किए गए यूट्यूब चैनलों ने चुनाव , भारत के सर्वोच्च न्यायालय और भारत की संसद में कार्यवाही , भारत सरकार के कामकाज आदि के बारे में फर्जी खबरें फैलाईं । उदाहरणों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर प्रतिबंध के बारे में झूठे दावे और झूठे बयान शामिल हैं। भारत के राष्ट्रपति , भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित वरिष्ठ संवैधानिक पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया । सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट (एफसीयू) के हवाले से कहा गया है चैनल एक नकली समाचार अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं जो नकली समाचारों से कमाई पर पनपती है । चैनल नकली , क्लिकबेट और सनसनीखेज थंबनेल एवं टीवी चैनलों के टेलीविजन समाचार एंकरों की छवियों का ...