समाजसेविका और बाल कल्याण समिति दुर्ग की सदस्य ने आपत्तिजनक शालेय आचरण के विषय पर शासन का संज्ञान करवाया और बताया की छत्तीसगढ़ के युवाओं भटकाने वाली है फिल्म "ले शुरू हो गए मया के कहानी"
अनुशासन्हीनता और अशोभनीय व्यवहार शैली आपत्तिजनक है शाला परिसर और स्कूल यूनिफॉर्म में प्रेम प्रसंग और गर्भवती छात्रा की उपस्थिति का फिल्मांकन करने वाली छत्तीसगढ़ी फिल्म , " ले शुरू हो गए मया के कहानी" के आपत्तिजनक विषय का संज्ञान समाज सेविका श्रद्धा साहू ने शासन को करवाया है और बताया है की , इस फिल्म का विषय और किरदार छत्तीसगढ़ी संस्कृति और जन अपेक्षित शालेय आचरण शैली को आहत करने वाले हैं । जिसमें एक पिता और स्कूल के प्रिंसिपल के किरदार का मजाक उड़ाता सीन तथा गर्भवती स्कूली छात्रा की गर्भस्थ अवस्था को स्कूल ड्रेस में फिल्माए जाने के साथ-साथ स्कूल परिसर में अनुशासनहीनता के व्यवहार शैली को समर्थन देने वाली तर्कविहीन कहानी को दिखाया गया है । जिसके कारण स्कूल शिक्षा में विधि अपेक्षित अनुशासन बनाए रखने का जन अपेक्षित विषय आहत हो रहा है और अनुशासनहीन शालेय आचरण किए जाने को बढ़ावा मिल रहा है । उल्लेखनीय है कि , शालेय आचरण में अनुशासन को सर्वोपरि स्थान देने की हमारी संस्कृति और परंपरा है जिसे भी संदर्भित फिल्मी कहानी का विषय अपमानित कर रहा है । फिल्म की कहानी और उसके किरद...