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श्रमिक बस्ती क्षेत्र को कचरा फेको केंद्र बनाने की कांग्रेसी साजिश नाकाम हुई ! पार्षद धर्मेंद्र भगत ने खोला मोर्चा तो कांग्रेस के महापौर और पार्षदों की बोलती बंद हो गई पढ़िए क्या है पूरा मामला…

भाजपा पार्षद धर्मेंद्र भगत ने लोकस्वास्थ्य संरक्षण मामले पर विधिक कार्यवाही करने का मोर्चा संभालते हुए कचरा फेंकने वाली गाड़ियों को पकड़ा और विधिवत शिकायत दर्ज करवाई  नेवई क्षेत्र को कचरा फेंको केंद्र क्यों बनाना चाहती है कांग्रेस ? रिसाली निगम का नेवई क्षेत्र श्रमिक बस्ती बहुल क्षेत्र है जहां पर श्रमिक रहते हैं । इन्हीं बस्तियों के आसपास कांग्रेस की शहर सरकार वर्षों से  शहरी कचरा नियमविरुध तरीके से फिकवा रही है कांग्रेस की शहर सरकार ऐसा क्यों करवा रही है इसका जवाब तो पूर्व विधायक ताम्रध्वज साहू ज्यादा अच्छे से दे सकते हैं लेकिन वर्तमान स्थिति है कि कचरा फेंकने वाली… जो गाड़ियां मौके वारदात पर पकड़ी गई वे गाड़ियां दुर्ग निगम की बताई जा रही है । इन गाड़ियों को पकड़ने वाले पार्षद और उनके साथीगण लोक स्वास्थ्य को बचाने के लिए सभी जिम्मेदार प्राधिकारियों जैसे कलेक्टर दुर्ग, क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई, महापौर रिसाली, पर्यावरण एमआईसी रिसाली और आयुक्त एमआईसी सदस्य के समक्ष शिकायत कर चुके हैं । इसलिए अब सभी को यह जानने की उत्सुकता है कि आखिर यह लोग किसके विरुद्ध क्य...

प्रधानमंत्री प्रशिक्षण योजना -2024-25 के केंद्रीय बजट में घोषित इस योजना की शुरुआत वितीय वर्ष 2024-25 के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के साथ हुई, जिसका लक्ष्य 1.25 लाख युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह प्रशिक्षण तेल, गैस , ऊर्जा , यात्रा, आतिथ्य, ऑटोमेटीव और बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाए आदि क्षेत्रों सहित 24 क्षेत्रों में दिया जाता हैं।

पेशेवर विकास का मार्ग: प्रधानमंत्री प्रशिक्षण योजना 2024-25 के केंद्रीय  बजट में घोषित  इस योजना की शुरुआत वितीय  वर्ष 2024-25 के लिए  एक पायलट प्रोजेक्ट के साथ  हुई, जिसका  लक्ष्य 1.25 लाख युवाओं का प्रशिक्षण प्रदान  करना है। यह प्रशिक्षण तेल,  गैस , ऊर्जा , यात्रा, आतिथ्य, ऑटोमेटीव और बैंकिंग  एवं वित्तीय सेवाए आदि क्षेत्रों सहित  24 क्षेत्रों में दिया जाता हैं। अधिक जानकारी : पेशेवर विकास का मार्ग: प्रधानमंत्री प्रशिक्षण योजना *****

पौष्टिकता को बढ़ावा : स्वस्थ भारत के लिए नि:शुल्क पोषणयुक्त चावल

  पौष्टिकता को बढ़ावा : स्वस्थ भारत के लिए नि:शुल्क पोषणयुक्त चावल की योजना अधिक   पढ़े :   पौष्टिकता   को   बढ़ावा  :  स्वस्थ   भार   त   के   लिए   नि : शुल्क   पोषणयुक्त   चावल

एनसीबीसी ने केंद्र सरकार को महाराष्ट्र की कुछ खास जातियों/समुदायों को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल करने की सलाह दी

  केंद्र सरकार को महाराष्ट्र की कुछ खास जातियों/समुदायों को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल करने की सलाह दी है एनसीबीसी ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग [NCBC] ने केंद्र सरकार को (i) लोध, लोधा, लोधी; (ii) बड़गूजर, (iii) सूर्यवंशी गूजर, (iv) रेवे गूजर, लेवे गूजर, रीवा गूजर; (v) डांगरी; (vi) भोयर, पवार (vii) कपेवार, मुन्नार कपेवार, मुन्नार कापू, तेलंगा, तेलंगी, पेंटारेड्डी, बुकेकारी जातियों/समुदायों को महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की केंद्रीय सूची में शामिल करने की सलाह दी है। NCBC(एनसीबीसी) के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर और माननीय सदस्य श्री भुवन भूषण कमल की दो सदस्यीय पीठ ने १७ अक्टूबर, २०२३ और २६ जुलाई,२०२४ को मुंबई में समावेशन के सम्बंध में सुनवाई की थी। महाराष्ट्र के लिए ओबीसी की केंद्रीय सूची में उपरोक्त जातियों को शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को सलाह देने का अंतिम निर्णय८ अक्टूबर, २०२४ को लिया गया और ९अक्टूबर, २०२४ को इसे मूर्त रूप दिया गया। *** एमजी/आरपीएम/केसी/वीके/एसके ( रिलीज़ आईडी: 2063898) आगंतुक पटल : 43 प्रविष्टि तिथि: 09 OCT 2024 by PIB Delhi ...

मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: भारतीय सिनेमा में उत्कृष्टता का उत्सव संपन्न  मिथुन चक्रवर्ती जी को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार: भारतीय सिनेमा में उत्कृष्टता का जश्न मनाया ****** एमजी/आरपीएम/केसी/एनके प्रविष्टि तिथि: 08 OCT 2024 by PIB Delhi( रिलीज़ आईडी: 2063400) आगंतुक पटल : 86

अटल पेंशन योजना- एपीवाई, भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना हैं जो 9 मई 2015 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य सभी भारतीयों, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनाना है।

  चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 56 लाख से ज्यादा नामांकन के साथ अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत कुल सकल नामांकन 7 करोड़ को पार कर गया है एपीवाई, भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना हैं जो 9 मई 2015 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य सभी भारतीयों, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों / असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनाना है।यह योजना अपने दसवें वर्ष में है, और इसने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। चालू वित्त वर्ष २०२४ -२५  में ५६  लाख से अधिक नामांकन के साथ योजना के तहत कुल सकल नामांकन सात करोड़ को भी पार कर गया है। इस पेंशन के दायरे में समाज के सबसे कमजोर वर्गों को लाने की यह उपलब्धि सभी बैंकों और एसएलबीसी/युटीएलबीसी के अथक प्रयासों से संभव हुई । पीएफआरडीए ने हाल ही में योजना के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए कई पहल की हैं जैसे राज्य और जिला स्तरों पर एपीवाई आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करना, जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयोजित करना, विभिन्न मीडिया चैनलों के माध्यम से प्रचार, हिंदी, अंग्रेजी और 21 क्षेत्रीय भाषाओं में एक-पेज का सरल एपीव...

कैबिनेट ने 2024-25 से 2030-31 तक के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन - तिलहन (एनएमईओ -तिलहन) को मंजूरी दी

  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन - तिलहन (एनएमईओ -तिलहन) को मंजूरी दी है , जो घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता /  (आत्मनिर्भर भारत) हासिल करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल है। मिशन को 10,103 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ 2024-25 से 2030-31 तक की सात वर्ष  की अवधि में लागू किया जाएगा। मिशन का लक्ष्य सात वर्षों में तिलहन उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है , मिशन  साथी पोर्टल की शुरुआत करेगा , जिसके जरिये राज्य गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर उपलब्धता के लिए हितधारकों के साथ समन्वय कर सकेंगे   नयी मंजूरी प्राप्त एनएमईओ-तिलहन , रेपसीड-सरसों , मूंगफली , सोयाबीन , सूरजमुखी व  तिल जैसी प्रमुख प्राथमिक तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ कपास के बीज , चावल की भूसी /  वृक्ष जनित तेलों जैसे द्वितीयक स्रोतों से संग्रह और निष्कर्षण दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। मिशन का लक्ष्य प्राथमिक तिलहन उत्पादन को 39 मिलियन टन ( 2022-23) से ब...

मंत्रिमंडल ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने को स्वीकृति दी

  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मराठी , पाली , प्राकृत , असमिया और बंगाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने को स्वीकृति दे दी है। शास्त्रीय भाषाएं भारत की गहन और प्राचीन सांस्कृतिक विरासत की संरक्षक के रूप में काम करती हैं , जो प्रत्येक समुदाय की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों का सार प्रस्तुत करती हैं। बिंदुवार विवरण एवं पृष्ठभूमि: भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 2004 को “शास्त्रीय भाषाओं” के रूप में भाषाओं की एक नई श्रेणी बनाने का निर्णय लियाथा , जिसमें तमिल को शास्त्रीय भाषा घोषित किया गया और शास्त्रीय भाषा की स्थिति के लिए निम्नलिखित मानदंड निर्धारित किए गए: क. इसके आरंभिक ग्रंथों/एक हजार वर्षों से अधिक के दर्ज इतिहास की उच्च पुरातनता। ख. प्राचीन साहित्य/ग्रंथों का एक संग्रह , जिसे बोलने वालों की पीढ़ी द्वारा एक मूल्यवान विरासत माना जाता है। ग. साहित्यिक परंपरा मौलिक होनी चाहिए और किसी अन्य भाषण समुदाय से उधार नहीं ली गई होनी चाहिए। शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के उद्देश्य से प्रस्तावित भाषाओं का परीक्षण करने के लिए नवंब...

भारतीय खाद्य निगम ने अपने डिपो में आधुनिक वीडियो निगरानी प्रणाली की शुरुआत की

  उपभोक्ता मामले , खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की 100 दिन की उपलब्धियों के एक हिस्से के रूप में , भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अपने भंडारण डिपो में वर्तमान एनालॉग सीसीटीवी निगरानी प्रणाली को आधुनिक आईपी-आधारित सीसीटीवी निगरानी प्रणाली में अद्यतन करने की पहल की है।  एफसीआई के स्वामित्व वाले 561 डिपो में लगभग 23,750 कैमरे लगाए जाएंगे। यह बदलाव एफएसडी श्यामनगर में भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) द्वारा आयोजित एक सफल प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) पर आधारित है। इस नई आईपी-आधारित प्रणाली के कार्यान्वयन से बेहतर क्षमता वाली तस्वीरें मापक दायरा और दूर से निगरानी क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। भारतीय खाद्य निगम देश के खाद्यान्न प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है , जो खाद्यान्नों की खरीद , भंडारण और वितरण में अहम है। यह उत्कृष्टता न केवल देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करती है , बल्कि कृषि विकास को भी बढ़ावा देती है। इसके अनेक कार्यों में से , सार्वजनिक वितरण प्रणाली और सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों ...

‘भारतजेन’ का शुभारंभ: सरकार दवारा वित्त पोषित पहली ‘मल्टीमॉडल लार्ज लैंग्वेज मॉडल’ पहल

  सार्वजनिक सेवाओं की आपूर्ति में क्रांति लाने और भाषा , अभिव्यक्ति एवं कंप्यूटर संबंधी दृष्टिकोण में मूलभूत मॉडलों का एक समूह विकसित करके नागरिकों के साथ जुड़ाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिज़ाइन की गई जेनरेटिव एआई से संबंधित एक अग्रणी पहल ‘भारतजेन’ का उद्घाटन आज नई दिल्ली में केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) , पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) , प्रधानमंत्री कार्यालय , परमाणु ऊर्जा विभाग एवं अंतरिक्ष विभाग राज्यमंत्री तथा कार्मिक , लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की वर्चुअल उपस्थिति में किया गया।  उद्घाटन के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा , “ भारतजेन स्वदेश में विकसित प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का एक गौरवपूर्ण उदाहरण है। यह यूपीआई और विभिन्न क्षेत्रों को बदल देने वाले अन्य नवाचारों से संबंधित हमारी उपलब्धियों की तरह ही भारत को जेनरेटिव एआई के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करता है।”  उन्होंने कहा कि यह पहल सरकार द्वारा वित्त पोषित दुनिया की ...

अतुल्य भारत डिजिटल पोर्टल एक पर्यटक-केंद्रित, वन-स्टॉप डिजिटल समाधान है जिसे भारत आने वाले आगंतुकों के लिए यात्रा के अनुभव को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है

  पर्यटन मंत्रालय ने अतुल्य भारत कंटेंट हब और डिजिटल पोर्टल शुरू किया भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने 27 सितंबर 2024 को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर नए सिरे से तैयार किए गए अतुल्य भारत डिजिटल पोर्टल ( www.incredibleindia.gov.in) पर अतुल्य भारत कंटेंट हब शुरू किया। अतुल्य भारत कंटेंट हब एक व्यापक डिजिटल संग्रह है। इसमें भारत में पर्यटन से संबंधित उच्च गुणवत्ता वाली छवियों , फिल्मों , ब्रोशर और समाचार पत्रों का समृद्ध संग्रह है। यह संग्रह विभिन्न हितधारकों के उपयोग के लिए है। इसमें टूर ऑपरेटर , पत्रकार , छात्र , शोधकर्ता , फिल्म निर्माता , लेखक , प्रभावशाली व्यक्ति , सामग्री निर्माता , सरकारी अधिकारी और राजदूत शामिल हैं। कंटेंट हब नए अतुल्य भारत डिजिटल पोर्टल का हिस्सा है। इसका उद्देश्य दुनिया भर में यात्रा व्यापार (यात्रा मीडिया , टूर ऑपरेटर , ट्रैवल एजेंट) के लिए अतुल्य भारत पर अपनी ज़रूरत की हर चीज़ को एक ही स्थान पर एक्सेस करना आसान और सुविधाजनक बनाना है। इससे वे अपने सभी मार्केटिंग और प्रचार प्रयासों में अतुल्य भारत को बढ़ावा दे सकें। कंटेंट हब में वर्तमान में लगभग 5,000 कं...

योजना - पर्यटन मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय उत्तरदायी पर्यटन पहल - पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी की शुरुआत की

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस पर ' पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी ' नाम से एक राष्ट्रीय उत्तरदायी पर्यटन पहल की शुरुआत की। प्रधानमंत्री के विजन के आधार पर पर्यटन को सामाजिक समावेशन , रोजगार और आर्थिक प्रगति के साधन के रूप में सक्षम बनाने के उद्देश्य से पर्यटन मंत्रालय ने भारत भर के 6 पर्यटन स्थलों - ओरछा ( मध्य प्रदेश ), गंडीकोटा ( आंध्र प्रदेश ), बोधगया ( बिहार ), आइजोल ( मिजोरम ), जोधपुर ( राजस्थान ) और श्री विजयपुरम ( अंडमान - निकोबार द्वीप समूह ) में ‘ पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी ’ की शुरुआत की। इस पहल के माध्यम से , पर्यटन मंत्रालय का उद्देश्य गंतव्यों में पर्यटकों के लिए समग्र अनुभव को बेहतर बनाना है , उन्हें ' पर्यटक - अनुकूल ' लोगों से मिलवाकर जो उनके गंतव्य के लिए गौरवान्वित एंबेसडर और कहानीकार हैं। उन सभी व्यक्तियों को पर्यटन से संबंधित प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान करके ऐसा किया जा रहा है , जो किसी गंतव्य पर पर्यटकों के साथ बातचीत करते हैं और उनसे जुड़ते हैं। ‘ अतिथि देवो भवः ’ की भावना से प्रेरित होकर , कैब...

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