सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अप्रैल, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शासकीय योजना और NGO प्रोजेक्ट के विषय सूचि के लिए क्लिक करें

ज़्यादा दिखाएं

बलौदा बाजार के शशि भूषण शुक्ला और सुधीर अग्रवाल एवं रायपुर के सीए नीरज बैद व अन्य के विरुद्ध दुर्ग न्यायालय के आदेश से अपराध दर्ज हुआ… जिसके बाद न्यायालय पर जन सामान्य का यह विश्वास पुनः स्थापित हो गया… पढ़िए अनापेक्षित पुलिस पर समीक्षात्मक लेख…

भिलाई के व्यवसाई की शिकायत पर पुलिस की शंकास्पद और गैर जिम्मेदाराना भूमिका… जो की नियमित और प्रावधानों का अनुपालन-प्रिय व्यवसाई को व्यथित कर न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर करने वाली साबित हुई… इस मामले में न्यायलयीन संज्ञान लिया जाना कानूनी प्रावधानों के प्रति अनुपालन-प्रिय व्यवसायियों के लिए विश्वसनीय कानूनी आधार साबित करने वाला अभूतपूर्व उदाहरण बन गया है…  इस उदाहरण के वैधानिक पहलू निम्नानुसार है: कानूनी प्रावधानों के प्रति अनुपालन-प्रिय अनुपालन-प्रिय व्यवसाई के परिवाद मामले पर न्यायलयीन कार्यवाही का विवरण मार्गदर्शक आदेश साबित हो रहा है…  भिलाई नेहरू नगर के अजय अग्रवाल जो कि EBPL Ventures Pvt.Ltd के डायरेक्टर है इन्होंने पुलिस थाना सुपेला भिलाई में  23/10/2022 को लिखित शिकायत एफआईआर करने वास्ते प्रस्तुत की थी । जिस पर पुलिस थाने द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के बाद कानूनी प्रावधानों के प्रति अनुपालन-प्रिय व्यथित व्यवसाई अजय अग्रवाल ने पुलिस अधीक्षक दुर्ग के समक्ष 09/11/2022 को शिकायत प्रस्तुत की… लेकिन अनापेक्षित तौर पर व्यथित व्यवसाई के लिखित शिकायत पर पुलिस न...

कोरबा जिले से लोकसभा चुनाव लड़ने वाली मैडम सरोज पांडेय मूलतः (उत्तरप्रदेश-बिहार) तरफ की मूल निवासिनी बताई जाती है और वर्तमान में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की रहवासी होने का दावा अपने निर्वाचन शपथपत्र के आधार पर करती है…

वैसे तो मैडम ने अपने नाम दुर्ग शहर की निर्वाचन नामावली में कैसे जुड़वा हैं यह विषय विवाद का बना हुआ है लेकिन… वर्तमान में एक और आपत्ति मैडम के विरुद्ध इसलिए कि गई है क्यों कि, मैडम ने अपने राजनैतिक पद का दुरुपयोग कर तथाकथित तौर पर दुर्ग जिले के अपने निवास पर शासकीय कर्मचारियों को कार्य करने के लिए मजबूर किया… जिसकी शिकायत कार्यवाही का सामना मैडम सरोज पांडेय कर रहीं है पढ़िए पूरी जानकारी… छत्तीसगढ़ का जिला कोरबा भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का चुनावी अखाड़ा बना हुआ है इसलिए कुछ ऐसे तथ्य सामने आ रहे है जो मतदाताओं को जनाना और समझना लोकतांत्रिक हिट के लिए आवश्यक है …. ****************************** पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करें 👇👇👇 ****************************** संसदीय निर्वाचन क्षेत्र कोरबा से अभ्यर्थी मैडम सरोज पाण्डेय ने अपनी राजनैतिक पहुंच का आधार लेकर तृतीय वर्ग कर्मचारी स्तर के पद पर पदस्थ शासकीय कर्मचारियों को अपने निजी कामकाज और कार्यों के लिए दबाव पूर्वक नियोजित किए जाने की जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता विंसेंट डिसूजा जी को मिली… तो उन्होंने शीर्ष निर्वाचन कार्यालय के निर्ण...

जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अंदर राजेंद्र साहू का राजनैतिक कद बढ़ता जा रहा है… परिणाम स्वरूप विधायक प्रत्याशी और बड़े कांग्रेसी कार्यकर्ता अपनी भूमिका बदलने को मजबूर होते दिखाई पड़ते हैं क्योंकि कांग्रेस में दूसरे पार्टी से प्रवेश लेने वाला राजेंद्र साहू… अब जिला में सर्वोच्च राजनीतिक पद की भूमिका निभाने की तैयारी कर रहा है… इसलिए जिला दुर्ग के विधानसभा क्षेत्र में होने वाले बदलाव उल्लेखनीय है…

कांग्रेस के लिए संसदीय क्षेत्र दुर्ग बाहरी चुनौतियों से ज्यादा अंदरूनी राजनीति चुनौतियों का अखाड़ा बन गया है क्योंकि… पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कृपापात्र राजेंद्र साहू अब पुराने कांग्रेसियों के लिए राजनैतिक प्रतिद्वंदी के तौर पर चुनौती बन गया है ****************************** पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करें👇👇👇 ****************************** पाटन विधानसभा   कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी पदेन शक्तियों के दम पर पाटन विधानसभा को जीत लिया है लेकिन पाटन क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री के तथाकथित तानाशाही कार्य व्यवहार के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं और कांग्रेस के हाई कमान के बीच वैचारिक मतभेद की अच्छी खासी खाई तैयार हो गई है… उल्लेखनीय है कि जो कार्यकर्ता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से खफा होने के बाद भी किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया करने से रुक जाते थे… वे प्रदेश कांग्रेस द्वारा सत्ता गवाने के बाद निर्भीक होकर अपना पक्ष रखने की स्थिति में… परिस्थिति वश आ गए है… इसलिए पाटन क्षेत्र में कांग्रेस के लिए कोई विशेष महत्व रखेगा… ऐसा नहीं लगता है क्योंकि पाटन के कांग्रेसी भूपेश बघेल...

कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा बनाए रखने के लिए सभी की भागीदारी और जनजागृति आवश्यक है… जिसके लिए एक पहल हमारे द्वारा की जा रही है…

क्या आप महिला सुरक्षा कानून के तहत प्राधिकृत शासकीय समिति के सदस्य बनकर सामाजिक योगदान देना चाहते है… तो यह लेख आपको नई दिशा दिखा सकता है… इसलिए इसे पूरा पढ़िएगा… प्रतिबद्धता का विषय गरिमापूर्ण कामकाजी वातावरण वाला सुरक्षित और सर्व सुविधायुक्त कार्यस्थल महिलाओं को तभी मिल सकता है… जब हम महिला सुरक्षा के कानून को जान लेंगे और समझ जायेंगे व कानून के प्रावधानों को व्यवहारिक बनाने में नागरिक जिम्मेदारी निभायेंगे; सतत कानूनी निगरानी बनाए रखने के लिए हमारा योगदान जरूरी है   उल्लेखनीय है कि, भारत में महिलाओं की सुरक्षा और गरिमापूर्ण कामकाजी वातावरण बनाने के लिए सशक्त कानून है… जिनका उद्देश्य महिलाओं को न्यायिक संरक्षण देने के साथ-साथ व्यवहारिक संरक्षण भी उपलब्ध करवाना है… इसलिए इन सभी नियमों और कानूनी प्रावधानों को जानना सभी के लिए आवश्यक है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की निकट संबंधी कोई न कोई महिला होती है जिसकी सुरक्षा और गरिमापूर्ण सामाजिक स्थिति को बनाए रखना उसकी पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारी होती है इसलिए अग्रलिखित कानून से आप भी परिचित हो जाइए : लैंगिक भेदभाव नहीं:   संविधान म...

इस ब्लॉग पर प्रकाशित होने वाले नए विषयों को जानने के लिए फॉलो करें