कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा बनाए रखने के लिए सभी की भागीदारी और जनजागृति आवश्यक है… जिसके लिए एक पहल हमारे द्वारा की जा रही है…
क्या आप महिला सुरक्षा कानून के तहत प्राधिकृत शासकीय समिति के सदस्य बनकर सामाजिक योगदान देना चाहते है… तो यह लेख आपको नई दिशा दिखा सकता है… इसलिए इसे पूरा पढ़िएगा…
प्रतिबद्धता का विषय
गरिमापूर्ण कामकाजी वातावरण वाला सुरक्षित और सर्व सुविधायुक्त कार्यस्थल महिलाओं को तभी मिल सकता है… जब हम महिला सुरक्षा के कानून को जान लेंगे और समझ जायेंगे व कानून के प्रावधानों को व्यवहारिक बनाने में नागरिक जिम्मेदारी निभायेंगे;
सतत कानूनी निगरानी बनाए रखने के लिए हमारा योगदान जरूरी है
उल्लेखनीय है कि, भारत में महिलाओं की सुरक्षा और गरिमापूर्ण कामकाजी वातावरण बनाने के लिए सशक्त कानून है… जिनका उद्देश्य महिलाओं को न्यायिक संरक्षण देने के साथ-साथ व्यवहारिक संरक्षण भी उपलब्ध करवाना है… इसलिए इन सभी नियमों और कानूनी प्रावधानों को जानना सभी के लिए आवश्यक है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की निकट संबंधी कोई न कोई महिला होती है जिसकी सुरक्षा और गरिमापूर्ण सामाजिक स्थिति को बनाए रखना उसकी पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारी होती है इसलिए अग्रलिखित कानून से आप भी परिचित हो जाइए :
लैंगिक भेदभाव नहीं:
संविधान महिलाओं को समान अधिकार देता है इसलिए महिला और पुरुष दोनों का सामान अधिकार है।
कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकना:
गरिमापूर्ण कामकाजी वातावरण प्रत्येक महिला का अधिकार है इसलिए कानून पीड़ितों को सुरक्षा और न्याय देता है।
सुरक्षित कामकाजी माहौल: मातृत्व लाभ, उचित कार्य घंटे, और यौन उत्पीड़न से सुरक्षा देने वाले विशेष कानून हमारे देश ने बनाएं है।
मातृत्व लाभ:
भगवान ने महिला को माता बनाने का शारीरिक सामर्थ्य दिया है इसलिए भारत देश ने मातृत्व अवकाश और वेतन सहित लाभ दिलवाने वाले कानून बनाए है ।
असंगठित क्षेत्र में सुरक्षा:
घरेलू कामकाज, एकल व्यवसाय और विभिन्न कार्यस्थलों पर कार्य करने वाली असंगठित महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और कल्याण लाभ दिलवाने के लिए हमारे देश ने कानून बनाए हैं ।
न्यायालय द्वारा जारी किए गए हैं विशेष दिशा निर्देश :
विशाखा दिशानिर्देश: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए है।
महत्वपूर्ण तथ्यों पर भी ध्यान दीजिए:
कानून तभी प्रभावी होते हैं जब उन्हें लागू किया जाता है।
महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए।
उत्पीड़न का सामना करने पर शिकायत दर्ज करने के की व्यवहारिक सुविधा सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
नोट : महिला सुरक्षा के लिए संरक्षात्मक भूमिका निभाने वाले शासकीय व्यवस्था अग्रलोखित हैं
राष्ट्रीय महिला आयोग
भारतीय कानून आयोग
महिला हेल्पलाइन
कामकाजी महिला के अधिकार के संबंध में यदि आप अधिक जानकारी लेना चाहते है और अपनी सामाजिक भागीदारी देने के विषय पर कार्य करने के इच्छुक है… तो सभी आधरभूत जानकारी लेने के लिए आप संपर्क कर सकते है ।
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