बलौदा बाजार के शशि भूषण शुक्ला और सुधीर अग्रवाल एवं रायपुर के सीए नीरज बैद व अन्य के विरुद्ध दुर्ग न्यायालय के आदेश से अपराध दर्ज हुआ… जिसके बाद न्यायालय पर जन सामान्य का यह विश्वास पुनः स्थापित हो गया… पढ़िए अनापेक्षित पुलिस पर समीक्षात्मक लेख…
भिलाई के व्यवसाई की शिकायत पर पुलिस की शंकास्पद और गैर जिम्मेदाराना भूमिका… जो की नियमित और प्रावधानों का अनुपालन-प्रिय व्यवसाई को व्यथित कर न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर करने वाली साबित हुई… इस मामले में न्यायलयीन संज्ञान लिया जाना कानूनी प्रावधानों के प्रति अनुपालन-प्रिय व्यवसायियों के लिए विश्वसनीय कानूनी आधार साबित करने वाला अभूतपूर्व उदाहरण बन गया है…
कानूनी प्रावधानों के प्रति अनुपालन-प्रिय अनुपालन-प्रिय व्यवसाई के परिवाद मामले पर न्यायलयीन कार्यवाही का विवरण मार्गदर्शक आदेश साबित हो रहा है…
भिलाई नेहरू नगर के अजय अग्रवाल जो कि EBPL Ventures Pvt.Ltd के डायरेक्टर है इन्होंने पुलिस थाना सुपेला भिलाई में 23/10/2022 को लिखित शिकायत एफआईआर करने वास्ते प्रस्तुत की थी । जिस पर पुलिस थाने द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के बाद कानूनी प्रावधानों के प्रति अनुपालन-प्रिय व्यथित व्यवसाई अजय अग्रवाल ने पुलिस अधीक्षक दुर्ग के समक्ष 09/11/2022 को शिकायत प्रस्तुत की… लेकिन अनापेक्षित तौर पर व्यथित व्यवसाई के लिखित शिकायत पर पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया… इसलिए पीड़ित पक्ष ने सक्षम न्यायालय में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 156/3 के तहत अपने अधिवक्ता सोहन शर्मा एवं सुदेश पेटे के माध्यम से बलौदा बाजार के शशि भूषण शुक्ला, सुधीर अग्रवाल, आशीष जोशी, सुदामा वर्मा, ओम प्रकाश निर्मलकर एवं रायपुर के सीए नीरज बैद के विरुद्ध दुर्ग के जिला न्यायालय में परिवाद दर्ज किया जिस पर माननीय न्यायालय श्रीमान न्यायिक मजिस्ट्रेट कु. अंकिता तिग्गा जी के न्यायालय ने परिवाद कार्यवाही प्रक्रिया पूर्ण कर संज्ञान लेकर अभियूक्तगण शशि भूषण शुक्ला, सुधीर अग्रवाल, आशीष जोशी, सुदामा वर्मा एवं प्रकाश निर्मलकर नीरज बैद के विरुद्ध दंडात्मक धारा 420, 467, 468,471 एवं 120बी भारतीय दण्ड संहिता के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिनांक 04/03/2023 को पारित किया उल्लेखनीय है कि, माननीय न्यायालय के इस आदेश पर थाना सुपेला पुलिस द्वारा उपरोक्त धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है । जबकि इस पुलिस थाने ने व्यथित व्यवसाई की शिकायत पर प्रकरण दर्ज नहीं किया था ।
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न्यायलयीन आदेश पर पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर एवं न्यायालयीन आदेश यह है 👇
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विवाद का कारण और आरोप क्या लगाया गया था ?
भिलाई के व्यवसाई अजय अग्रवाल जो कि डायरेक्टरशिप कंपनी EBPL Ventures Pvt.Ltd नेहरू परिसर भिलाई एवं अभियुक्तगण शशि भूषण शुक्ला व सुधीर अग्रवाल की डायरेक्टरशिप वाली कंपनी दुर्गा कांटिनेंटल प्राइवेट लिमिटेड (DCPL) बलौदा बाजार ने मिलकर दिनांक 09/04/2010 को ज्वाइंट वेंचर्स एग्रीमेंट निष्पादित कर, ज्वाइंट वेंचर्स से नव निर्मित कंपनी दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (DHPPL) बनाई थी l जिसमें तथाकथित तौर पर पीड़ित की कंपनी EBPL Ventures Pvt.Ltd का पचास प्रतिशत का शेयर एवं आरोपीगण सुधीर अग्रवाल की कंपनी दुर्ग कांटिनेंटल प्राइवेट लिमिटेड (DCPL) का संयुक्त रूप से पचास प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। इस ज्वाइंट वेंचर्स के द्वारा सोनाडी सीमेंट प्लांट से निपनिया रेलवे स्टेशन तक लगभग 26 किलोमीटर की रेल लाईन बिछाने एवं अन्य प्रकार के सिविल वर्क का कार्य “एलएनटी कंपनी” के माध्यम से जिसका परियोजना खर्च लगभग 70 करोड़ का कार्य का था इसे सन 2010 में लिया गया था । जो की 19 सितंबर 2014 में पूर्ण कर लिया गया था । जिसका पूर्णता प्रमाण पत्र “एलएनटी कंपनी” ने विधिवत प्रदान किया था । इसके पश्चात ज्वाइंट वेंचर्स से निर्मित कंपनी के बैंक खाते में कंपनी की बचत रकम को हड़पने के नियत से षड्यंत्र पूर्वक कार्य व्यवहार किया जाना परिवाद में अभिलिखित है इस शिकायत में लेख किया गया है कि उक्त ज्वाइंट वेंचर कंपनी से शशि भूषण शुक्ला एवं सुधीर अग्रवाल पृथक हो गए एवं अपनी जगह अपनी कंपनी में काम करने वाले 3 मुलाजिम क्रमशः आशीष जोशी सुदामा वर्मा एवं ओमप्रकाश निर्मलकर को उक्त संयुक्त कंपनी में षडयंत्र पूर्वक निर्देशक बना दिया गया गौरतलब रहे कि एक गंभीर आरोप यह भी लगाया गया है की EBPL Ventures Pvt.Ltd के विधि अपेक्षित अनुमति के बिना उक्त आरोपी लोगों को अनियमित कार्य व्यवहार से निदेशक बना दिया गया जिसके कारण कंपनी में प्रशासकीय और निर्णायक असंतुलन की स्थिति निर्मित हो गई तथा शशि भूषण व सुधीर अग्रवाल के द्वारा नीरज बैद्य चार्टर्ड अकाउंटेंट रायपुर वाले को EBPL Ventures Pvt.Ltd के सहमति के बिना व पूर्व सीए से अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल किए बगैर नए सीए के तौर पर सन 2020 को अनियमित तरीके से नियुक्त किया गया व इसी विधि विरुद्ध प्रक्रिया से नियुक्त किए गए सीए के माध्यम से त्रुटि पूर्ण बैलेंस शीट को प्रमाणित करवाकर केंद्रीय सरकार की वेबसाईट MCA में अपलोड किया गया एवं छल कपट करते हुए कंपनी की बचत जमा रकम को दुर्गा केरियर प्राइवेट लिमिटेड (DCRTL) का बनावटी फर्जी परिवहन व्यय दिखाकर 25000 ट्रिप लोहे का स्क्रैप का उठाने का अभिकथन कर फर्जी बिल लगाकर उक्त संयुक्त कंपनी की जमा रकम जो की शिकायत अनुसार लगभग एक करोड़ बियासी लाख चवालीस हजार पांच सौ रू थी इतनी बड़ी रकम का गबन किए जाने का आरोप लगाया गया है जिसकी लिखित शिकायत EBPL Ventures Pvt.Ltd के डायरेक्टरशिप प्राधिकारी द्वारा की गई है ।
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व्यथित व्यवसाई के शिकायत पर क्यों की गई अनापेक्षित और असहयोगपूर्ण पुलिस कार्यवाही से जुड़े कर गंभीर प्रश्न:
माननीय न्यायालय श्रीमान न्यायिक मजिस्ट्रेट कु. अंकिता तिग्गा जी के न्यायालय ने परिवाद कार्यवाही प्रक्रिया पूर्ण कर संज्ञान लेकर अभियूक्तगण के विरुद्ध शिकायत दर्ज किए जाने का आदेश पारित किए जाने के बाद इस बात की पुष्टि हो गई है की दुर्ग पुलिस ने भिलाई के व्यथित व्यवसाई व परिवादी अजय अग्रवाल जो कि डायरेक्टरशिप कंपनी EBPL Ventures Pvt.Ltd नेहरू परिसर का व्यवसाई है इनके द्वारा पुलिस शिकायत किए जाने पर विधि अपेक्षित पुलिस कार्यवाही नहीं की है उल्लेखनीय है की शिकायत पर पुलिस प्रकरण न्यायलयीन आदेश आने तक दर्ज नहीं किया गया था जिसके कारण इस प्रश्न को खड़े किए जाने आधार उत्पन्न हो गया है कि, क्या ? कंपनी मामलों में पुलिस कार्यवाही किए जाने की विधि निर्देशित प्रक्रिया से दुर्ग पुलिस परिचित व प्रशिक्षण प्राप्त नहीं है और यदि ऐसा है तो एशिया के सबसे बड़े इस्पात संयंत्र के आसपास संचालित छोटे बड़े व मध्यम स्तर के उद्योगों का कंपनी विवाद कैसे सुलझेगा विशेषकर दुर्ग जिले के रहवासी उद्योगपति और बड़े व्यवसाईयों के कंपनी हित-रक्षण के मामले में दुर्ग पुलिस कैसे अपनी जिम्मेदाराना भूमिका… विधि अपेक्षित तौर पर पूरी करेगी । इन प्रश्नों का उत्तर माननीय आदेश के बाद पुलिस उच्च अधिकारियों द्वारा समीक्षक दृष्टिकोण से खोजा जाना विधि अपेक्षित है ।
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सूचना : आगामी लेख का विषय होगा कंपनी अधिनियम के विधि निर्देश का अनुपालन नहीं करके इस शिकायत मामले में कैसे आर्थिक अपराध को अंजाम दिया गया… निवेदन है की इस विषय पर आगामी लेख पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को ससक्राइबर अवश्य करिए ।
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नोट : इस लेख पर प्रतिक्रिया अभिप्राप्त करने का इच्छुक लेखक : आपका... अमोल मालुसरे 🙏 ध्यान दीजिए :- इस लेख के विषयवस्तु पर किसी को दाव-आपत्ति💥हो तो उनका अमोल मालुसरे सहर्ष स्वागत करता है सक्षम न्यायालय में याचिका दायर कर अमोल मालुसरे को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर अवश्य दें । 🙏 malusare9@gmail.com
निवेदन: लोकतंत्र बचाना है तो अनियमित प्रशासकीय कार्याचरण के प्रति आपका रवैया 🙊🙉🙈 ऐसा नहीं होना चाहिए अनियमित के विरुद्ध बोलिए, व्यथित को सुनिए, अनियमितता को अनदेखा मत करिए ।
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