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अमोल मलूसरे का दृष्टिकोण है कि, अब रिसाली निगम क्षेत्र के सभी शासकीय और अशासकीय स्कूल, कालेज, अस्पताल और कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति बनेगी और निगम क्षेत्र के घरों में घरकाम करने वाली कामवाली बाई, सफाई कर्मचारी, रोजी मजदूरी करने वाली महिलाएं, सब्जी विक्रेता व ठेला गुमटी चलाने वाली महिलाएं निगम अपील समिति का सहजता से संरक्षण प्राप्त कर सकेंगी 👇आगे पढ़िए पूरी जानकारी

  जानिए रिसाली की आंतरिक शिकायत समिति कैसे अस्तित्व में आई है मेरा दृष्टिकोण है कि , समाज सेविका निशा देशमुख की पहल और वैचारिक संघर्ष के परीणाम स्वरूप रिसाली निगम क्षेत्र के लोगों को शिकायत समिति मिली है और लोकहित के उल्लेखनीय काम के रूप में रिसाली निगम कि आंतरिक शिकायत समिति का पुनर्गठन आदेश अस्तित्व में आया है उल्लेखनीय है इस आदेश के पूर्व भी एक अनियमित आदेश से रिसाली निगम की शिकायत समिति का गठन किया गया था गौरतलब रहे कि पूर्व का आदेश निशा देशमुख के द्वारा सूचना के अधिकार आवेदन से मांगी गई जानकारी के बाद रिसाली निगम प्रशासन ने दिया था लेकिन इस आदेश की अनियमितताओं को विधिक आधार पर चुनौती देकर निशा देशमुख ने वैधानिक कार्यवाही प्रक्रिया में रिसाली निगम प्रशासन की प्रशासकीय अनियमियाओं को सभी की जानकारी में लाया जिसके आधार पर रिसाली निगम प्रशासन ने सभी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को आंतरिक शिकायत समिति का सदस्य बनाकर त्रुटियों का सुधार किया इस तरह निशा देशमुख के संघर्ष के बाद रिसाली निगम को सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रतिनिधित्व रखने वाली शिकायत समिति मिली है Visit  ...

नगर निगम से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए निगम पार्षद को जिस नियम का अनुपालन करके वांछित जानकारी हासिल करने होती है उसका सविस्तार उल्लेखन छ,ग. नगरपालिक (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया ) नियम २०१६ नियम १७ में किया गया है पढ़िए क्या कहता है यह नियम

  छ,ग. नगरपालिक (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया ) नियम २०१६ नियम १७ पार्षदों द्वारा जानकारी प्राप्त करना :- १) कोई पार्षद, अधिनियम के अधीन नगरपालिका के कृत्यों और दायित्वों के संबंध में या किसी समिति के कृत्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए पीठासीन अधिकारी को संबोधित कर प्रश्न पूछ सकेगा| २) प्रश्न पूछने वाला पार्षद कम से कम दस दिन पूर्व अपने सम्यक हस्ताक्षर करके अथवा अंगूठे का निशान लगाकर तिन प्रतियों में प्रश्न सचिव को प्रस्तुत करेगा जिसे वह मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजेगा| ३) इस नियम के उप- नियम (५) के अध्यधीन रहते हुए, प्रत्येक पार्षद उसके द्वारा पूछे गये प्रश्न का उत्तर नगरपालिका के सम्मिलन अथवा उसके पश्चातवर्ती सम्मिलन में मौखिक रूप में प्राप्त करने का हकदार होगा: परन्तु यह कि यदि महापौर/ अध्यक्ष की राय में ऐसे किसी प्रश्न का मौखिक उत्तर देणे के स्थान पर लिखित उत्तर दिया जाना अधिक उपयुक्त हो तो, ऐसे प्रश्न का उत्तर लिखित में दिया जायेगा| ४) प्रत्येक प्रश्न का उत्तर महापौर/ अध्यक्ष के दवारा अथवा उसके द्वारा प्राधिकृत मेयर - इन...

महापौर की मनमानी और एकाधिकार पर अंकुश लगाने के लिए... एक जागरूक और निगम अधिनियम का जानकर पार्षद निगम की आम सभा में अपनी अहम भूमिका निभा सकता है... क्योंकि पार्षद के पास है अचूक विधि निर्देश जिसका नाम है छ,ग. नगरपालिक (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया ) नियम २०१६ नियम ३. कार्यसूची इसको पढ़ लीजिये

छ,ग. नगरपालिक (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया ) नियम २०१६ नियम ३. कार्यसूची :- नगरपालिका के सम्मिलन की कार्यसूची के संबंध में स्पष्ट विधि निर्देश है की :- नगरपालिका के सम्मिलन के लिए सुचना में सम्मिलित की जाने वाली कार्यसूची निम्नानुसार होगी,- क) पूर्ववर्ती सम्मिलन के कार्यवृत्त की पुष्टि करना, यदि उसकी पुष्टि उस सम्मिलन में न हुई हो; ख) पार्षदों द्वारा पूछे गये प्रश्न तथा उनके उत्तर; ग) महत्त्वपूर्ण पत्र व्यवहार के संबंध में जानकारी ; घ) कार्यसूची के शेष कामकाज जो पूर्ववर्ती सम्मिलन में संपादित न किये जा सके हों; ङ) समितियों या मुख्य कार्यपालन अधिकारी   द्वारा प्रस्तुत सुझाव तथा प्रस्ताव; च) पार्षदों द्वारा लोक महत्त्व के विषयों पर व्यक्तव्य देने के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव :- परन्तु यह कि किसी विशेष सम्मिलन में सुचना में विनिर्दिष्ट कमाक्ज के सिवाय कोई अन्य कामकाज संपादित नहीं किया जाएगा: परन्तु यह और कि लोक महत्त्व के विषयों पर व्यक्तव्य देने के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव केवल साधारण सम्मिलन में ही रखा जायेगा | पार्षद का व्यक्तित्व निगम सम्मिलन में उजागर हो ...

निगम पार्षद को विधि द्वारा प्रदात सबसे महत्वपूर्ण प्राधिकार निगम के दस्तावेजों का निरिक्षण करने का होता है जिसके आधार पर पार्षद निगम से संबंधित किसी भी अभिलेख / दस्तावेज / फाइल आदि का निरिक्षण कर सकता है पढियें क्या कहता है छ,ग. नगरपालिक (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया ) नियम २०१६ नियम ६ :-

  छ,ग. नगरपालिक (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया ) नियम २०१६ नियम ६ कार्यसूची की मदों से संबंधित दस्तावेज का निरिक्षण किये जाने का पार्षदों का अधिकार :- मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा कार्यसूची में सम्मिलित विषयों से संबंधित समस्त दस्तावेजों को साधारण सम्मिलन से दो कार्य दिवस तथा विशेष सम्मिलन से पुरे एक दिवस पूर्व पार्षद के निरिक्षण के लिए तैयार रखे जायेंगे और कोई भी पार्षद, मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा नियुक्त अधिकारी के समक्ष उनका निरिक्षण कार्यालयीन समय के दौरान कर सकेंगे | मेरा दृष्टिकोण है कि, पार्षद को जिन मामलों में निगम आयुक्त या महापौर को विधिक आधार पर निगम कार्यवाहियों की अनियमितताओं के संबंध में प्रश्नांकित करना है ऐसे मामलों का प्रश्न विधिवत पूछना चाहिए साधारण सम्मिलन पार्षद को चाहिए कि, साधारण सम्मिलन से दो कार्य दिवस के पूर्व अपना प्रश्न निगम सचिव के पास लिखित में ऐसी प्रक्रिया, जिसमे निगम सचिव सूचना करें और ऐसे प्रारूप में जो निगम सचिव जारी करें उस रीती में पार्षद को अपना प्रश्न निगम सचिव के पास जमा करवाकर निगम सम्मिलन की अपनी भूमिका स्पष्ट कर अपना पदेन...

पार्षदों के कर्तव्य - छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम १९५६ की धारा २५-क में परिभाषित किये गए है और इस विधि निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि, पार्षद निगम सम्मिलन में भाग लेकर महापौर या आयुक्त का ध्यान... निगम की सम्पत्ति की किसी हानी या... निगम के किसी योजना या.... सेवा में किसी कमी के तरफ ध्यानान्कर्षण करवायेगा

छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम १९५६ की धारा २५-क में पार्षदों के कर्तव्य को स्पष्ट करते हुए लेख किया गया है कि, अधिनियम के उपबन्धों के अध्यधीन रहते हुए प्रत्येक पार्षद के निम्नलिखित कर्तव्य होंगे:- (एक) निगम के सम्मिलन में उपस्थित होना तथा उसमे भाग लेना तथा आवश्यकता होने पर मत देना | (दो) महापौर या आयुक्त का ध्यान निगम की सम्पत्ति की किसी हानी या निगम के किसी योजना या सेवा में किसी कमी या निगम द्वारा निष्पादित किए जा रहे किसी कार्य की ओर आकर्षित करना | मेरा दृष्टिकोण है कि , उपरोक्तानुसार निगम अधिनियम का स्पष्ट विधि निर्देश है कि , पार्षद निगम सम्मिलन में भाग लेकर महापौर या आयुक्त का ध्यान निगम की सम्पत्ति की किसी हानी या निगम के किसी योजना या सेवा में किसी कमी को प्रश्नांकित करके अपना पदेन कर्तव्य पूरा करें और निगम अधिनियम से पार्षद को प्राप्त प्राधिकार का प्रयोग करके अपने वार्ड और नगर निगम को होने वाली हानी पर अंकुश लगाये | ---------------------------------------------- निगम पार्षद को विधि द्वारा प्रदात सबसे महत्वपूर्ण प्राधिकार निगम के दस्तावेजों का न...

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