नगर निगम से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए निगम पार्षद को जिस नियम का अनुपालन करके वांछित जानकारी हासिल करने होती है उसका सविस्तार उल्लेखन छ,ग. नगरपालिक (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया ) नियम २०१६ नियम १७ में किया गया है पढ़िए क्या कहता है यह नियम
छ,ग. नगरपालिक (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया ) नियम २०१६ नियम १७ पार्षदों द्वारा जानकारी प्राप्त करना :-
१) कोई पार्षद, अधिनियम के अधीन नगरपालिका के कृत्यों और दायित्वों के संबंध में या किसी समिति के कृत्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए पीठासीन अधिकारी को संबोधित कर प्रश्न पूछ सकेगा|
२) प्रश्न पूछने वाला पार्षद कम से कम दस दिन पूर्व अपने सम्यक हस्ताक्षर करके अथवा अंगूठे का निशान लगाकर तिन प्रतियों में प्रश्न सचिव को प्रस्तुत करेगा जिसे वह मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजेगा|
३) इस नियम के उप- नियम (५) के अध्यधीन रहते हुए, प्रत्येक पार्षद उसके द्वारा पूछे गये प्रश्न का उत्तर नगरपालिका के सम्मिलन अथवा उसके पश्चातवर्ती सम्मिलन में मौखिक रूप में प्राप्त करने का हकदार होगा: परन्तु यह कि यदि महापौर/ अध्यक्ष की राय में ऐसे किसी प्रश्न का मौखिक उत्तर देणे के स्थान पर लिखित उत्तर दिया जाना अधिक उपयुक्त हो तो, ऐसे प्रश्न का उत्तर लिखित में दिया जायेगा|
४) प्रत्येक प्रश्न का उत्तर महापौर/ अध्यक्ष के दवारा अथवा उसके द्वारा प्राधिकृत मेयर - इन- काउन्सिल / प्रेसिडेंट - इन- काउन्सिल के किसी सदस्य द्वारा दिया जायेगा: परन्तु यह कि पीठासीन अधिकारी की अनुमति से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, महापौर / अध्यक्ष अथवा किसी सदस्य की ओर से प्रश्न का उत्तर दे सकेगा|
५) कोई भी प्रश्न अग्राह्य किया जायेगा , यदि वह :-
५-क) नगरपालिका के कार्यों से प्रत्यक्षत: संबंध नहीं रखता है;
५-ख) नगरपालिका अथवा उसकी किसी समिति की शक्तियों से संबंधित नहीं है;
५-ग) किसी विधि के न्यायलय के समक्ष लंबित मामले से संबंधित है;
५-घ) किसी पार्षद अथवा नगरपालिका के किसी अधिकारी या सेवक के उसके पदीय या सार्वजनिक हैसियत के सिवाय, उसके चरित्र या आचरण से संबंधित है;
५-ङ) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानहानिकारक या आक्षेपणीय है अथवा किसी व्यक्ति अथवा किसी समाज के वर्ग के विरुद्ध आरोप लगता है अथवा व्यंग्यात्मक है अथवा तुच्छ स्वरूप का है;
५-च) महापौर/ अध्यक्ष या नगरपालिका के अधिकारी या सेवक को विश्वास में दी गई जानकारी की संसूचना में अन्तर्वलित है;
५-छ) अत्यधिक लम्बा है या उसका पूर्व में उत्तर दिया जा चुका है;
५-ज) महापौर/ अध्यक्ष या नगरपालिका के अधिकारी अथवा सेवक को दी गई किसी गोपनीय जानकारी के प्रकटीकरण से संबंधित है.-
५-झ) पार्षद या नगरपालिका के किसी पार्षद, अधिकारी अथवा सेवक के संबंध में वैयक्तिक स्वरूप का है या शिकायत से संबंधित है.-
परन्तु यह और कि किसी प्रश्न को ग्राह्य या अग्राह्य करने के संबंध में महापौर/ अध्यक्ष का निर्वाचन अंतिम होगा |
पार्षद महोदय ! आपकी शक्तियों को पहचान लीजिये और आपने वार्ड के मतदाताओं की अपेक्षा को पूरा करने के लिए निगम अधिनियम को जान लीजिये - सुलभ सन्दर्भ के लिए इस पेज पर पूरी जानकारी है