क्या दुर्ग जिले को पुनः मिल गई है “प्रशासकीय अनियमितताओं का संरक्षण करने वाली” कलेक्टर और गैर जिम्मेदार जिला दंडाधिकारी..? वर्षों से लंबित जन सामान्य के इन प्रश्नों का समाधान खोजने को मजबूर… दुर्ग की जनता के ये प्रश्न… अब अनुत्तरित नहीं रहेंगे क्योंकि जनहित संरक्षण के लिए एक से अधिक परिवाद सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख ने जिला न्यायालय के समक्ष सप्रमाण प्रस्तुत कर दिए हैं पढ़िए पूरे विषय…
नव पदस्थ दुर्ग कलेक्टर की प्रशासकीय काबिलियत की वस्तुस्थिति जल्द ही सामने आयेगी…
गौरतलब रहे कि, छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले ने उन हाई प्रोफाइल राजनैतिक लोगो को उत्पन्न किया हैं जिन्होंने दुर्ग के मतदाताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर केंद्र और राज्य सरकार में समय-समय पर अग्रणी भूमिका निभाई है । कांग्रेस के स्व.मोतीलाल वोरा जी और जननेता भूपेश बघेल ऐसे ही उल्लेखनीय नाम है लेकिन विडंबना यह है कि, दुर्ग जिले में पदस्थ कलेक्टरों ने कई ऐसी प्रशासकीय अनियमितताओं का खुल्लम-खुल्ला संरक्षण किया हैं जिसके कारण लोकन्याय और लोकहित पर प्रत्यक्ष अतिक्रमण हुआ है क्योंकि दुर्ग के मतदाताओं से जनादेश प्राप्त करने वाले नेताओं ने दुर्ग में पदस्थ कलेक्टरों के कार्यों की नियमानुसार समीक्षा नहीं की थी इसलिए कई प्रशासकीय अनियमितताओं को दुर्ग जिले में फलने-फूलने का अवसर मिला जिसे सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख व्यक्तिगत रूप से जिला न्यायालय के समक्ष विधिवत परिवाद विषय बनाकर प्रस्तुत करके प्रश्नांकित कर रही है । इसलिए अब आने वाला समय बताएगा की दुर्ग की नव पदस्थ कलेक्टर साहिबा प्रशासकीय अनियमितताओं के प्रश्नों पर जनहित संरक्षण करने की कितनी प्रशासकीय सक्षमता रखती है उल्लेखनीय है कि जल्द ही भ्रामक समाचार प्रकाशन और खबरे, अनियमित निर्वाचन कार्यवाही, लोक स्वास्थ्य, भूमि अधिग्रहण, शासकीय भू-अभिलेख संधारण जैसे जनहित के मुद्दों पर जिला दंडाधिकारी न्यायालय का निर्णय आ जायेगा क्योंकि जनहित के ये सभी मामले सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख के परिवाद के रूप में जिला दंडाधिकारी न्यायालय के समक्ष अंतिम विचाराधीन पड़ाव पर हैं ।
क्या लोकतांत्रिक अहित करेगी दुर्ग कलेक्टर ?
दुर्ग जिले में भ्रामक खबर फैलाने वाले अनियमित समाचार प्रकाशन करने वाले लोग अवैधानिक प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त करके खुल्लम-खुल्ला स्वयं को पत्रकार और समाचार प्रसारक घोषित कर रहे हैं बावजूद इसके वर्षों से दुर्ग कलेक्टर इस गैर लोकतांत्रिक गतिविधियों के प्रति सिर्फ मूकदर्शक बने बैठे हैं लेकिन वें अपनी पदेन जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए फर्जी समाचार प्रकाशकों एवं प्रसारकों के अनियमित कार्य व्यवहार का संज्ञान नहीं ले रहे है और प्रेस पुस्तक एक्ट एवं ब्रॉडकास्टिंग नियमों के अनुपालन सुनिश्चित करवाने की पदेन जिम्मेदारी पूरी नहीं कर रहें है जबकि दुर्ग जिले में दुर्ग कलेक्टर के अधीन कार्यरत राज्य शासन का जन संपर्क अधिकारी पदस्थ है जो डिजिटल माध्यम से भ्रामक और अनियमित समाचार के प्रकाशकों और प्रसारकों को अधिनियमित नियमों के दायरे में रखने की प्रशासकीय जिम्मेदारी पूरी करने के लिए नियुक्त किए गए है परंतु इस मामले में दुर्ग कलेक्टर गैर जिम्मेदाराना कार्य व्यवहार करते आ रहे हैं परिणाम स्वरूप दुर्ग में अनियमित समाचार पोर्टल को दुर्ग कलेक्टर का विधि विरुद्ध संरक्षण मिल रहा है जिससे हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है जिसे समय रहते विधि अपेक्षित प्रक्रिया में सक्षम न्यायालयों के समक्ष प्रस्तुत किए जाने की नितांत आवश्यकता खड़ी हो गई है । इसी विधि अपेक्षित कानूनी प्रक्रिया को निशा देशमुख पूरी कर रहीं है ।
क्या प्रशासकीय अनियमितताओं को संरक्षित करने के अपराध की पुनरावृत्ति करेगा दुर्ग कलेक्टर का पद ?
दुर्ग जिले का कलेक्टर पद प्राधिकारी अनियमित निर्वाचन कार्यवाही, लोक स्वास्थ्य, भूमि अधिग्रहण, शासकीय भू-अभिलेख संधारण जैसे जनहित के मुद्दों पर जिला दंडाधिकारी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत परिवाद में कानूनी प्रावधानों के अनुसार विभागीय प्रमुख के तौर पर उत्तरवादी पक्षकार के रूप कटघरे में खड़ा है क्योंकि जिला कलेक्टर का पदेन कर्तव्य है कि वह जिले के लोकहित संरक्षण करने वाले सभी विभागों का शीर्ष प्रशासकीय अधिकारी का पदेन कर्तव्य पूरा करें तथा जिला कलेक्टर का पदेन दायित्व है की वह जिले का लोकहित संरक्षण करें ।
वर्तमान दुर्ग कलेक्टर भी है पक्षकार कैसे ?
गौरतलब रहे कि, जिला दंडाधिकारी न्यायालय में लोकहित संरक्षण मामले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 200 के तहत प्रस्तुत परिवाद में उत्तरवादी विभाग के शीर्ष प्रशासकीय अधिकारी के तौर पर विभागीय पक्ष प्रस्तुत करने की पदेन जिम्मेदारी भी जिला कलेक्टर की होती है इसलिए अब सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख के जनहित संरक्षण के परिवाद पर नव पदस्थ दुर्ग कलेक्टर अपना पदेन दायित्व का निर्वहन कैसे करती है यह देखने, सुनने और समझने वाला विषय बन गाय है ।
क्या विशाल लोकहित से खिलवाड़ कर सकता है दुर्ग कलेक्टर पद का प्राधिकारी ?
भ्रामक समाचार प्रकाशन और खबरे, अनियमित निर्वाचन कार्यवाही, लोक स्वास्थ्य, भूमि अधिग्रहण, शासकीय भू-अभिलेख संधारण जैसे जनहित के मुद्दों पर अब तक दुर्ग जिला कलेक्टर पद पर पदस्थ प्राधिकारी गैर जिम्मेदाराना कार्य व्यवहार करते नजर आया है शासकीय अभिलेख के दस्तावेजिक प्रमाण और उन पर जिला कलेक्टर द्वारा प्राधिकृत किए गए प्राधिकारियों द्वारा अभिलिखित निर्णायक विषयवस्तु अधिनियमित नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करवाने में जिला प्रशासन विफल नजर आ रहा है जिन्हें सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख ने अपने परिवाद से जिला दंडाधिकारी न्यायालय दुर्ग के संज्ञान में लाया है और इन मामलों में आने वाले निर्णयों का इंतजार सभी विधि विशेषज्ञों को है क्योंकि इन निर्णयों के आधार पर ही लोकहित संरक्षण मामले सक्षम न्यायालयों के समक्ष प्रस्तुत करने के विधिक आधार कायम होंगे ।
क्या लोकस्वास्थ्य को प्रशासकीय गड़बड़ियों के हवाले करेगी दुर्ग कलेक्टर ?
दुर्ग जिले का लोक स्वास्थ्य प्रत्येक प्रशासकीय स्तर पर प्रश्नांकित करने की चिंताजनक परिस्थिति में है दुर्ग जिले का परवेक्षी प्राधिकारी इस मामले में क्या कर रहा हैं इसकी वस्तुस्थिति जन सामान्य के स्वास्थ्य पर विपरित परिस्थितियों में फसाने वाली प्रशासकीय भूमिका को बयान कर रही है अनियमित चिकित्सा व्यवसाईयों का एक बड़ा मामला जिला कलेक्टर के समक्ष विचाराधीन है लेकिन विडंबना यह है कि, शिकायतकर्ता निशा देशमुख को जिला प्रशासन स्तर से मामले की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाने की पहल नहीं की गई है अतः यह मामला भी न्यायालयीन कार्यवाहियों में आने की स्थिति मे पहुंच गया है ।
उक्त जनहित के प्रश्नों के जवाब जिला दंडाधिकारी दुर्ग के आदेश में जल्द ही स्पष्ट हो जायेंगे पढ़िए कैसे ?
अगले लेख का शीर्षक यही है जल्द… अमोल मालु सरे की कलम से…
अमोल मालुसरे सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनैतिक विश्लेषक
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इस लेख पर प्रतिक्रिया अभिप्राप्त करने का इच्छुक लेखक :-
आपका... अमोल मालुसरे 🙏
नोट :- इस लेख के विषयवस्तु पर किसी को दाव-आपत्ति हो तो उनका अमोल मालुसरे सहर्ष स्वागत करता है सक्षम न्यायालय में याचिका दायर कर अमोल मालुसरे को पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर अवश्य दें । 🙏
Mo 9752396665
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प्रतिक्रिया दो भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बीएसपी लिज मामले में कि गई घोषणा की वस्तुस्थिति जानने के लिए पंजीकृत डाक से प्रेषित नोटिस पर कोई जवाब और प्रतिक्रिया नहीं गई दी है इससे भी गंभीर मामला यह है की भूपेश बघेल ने नोटिस पर संज्ञान लेकर जांच आदेश देने वाले संभाग आयुक्त दुर्ग न्यायालय की कार्यवाही पर भी अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है और भिलाई के मतदाताओं को गुमराह करने वाला राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति का भाषण करके छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जैसे गरिमापूर्ण पद की छवि को धूमिल की है । भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत किए गए झूठे शपथ पत्र संबंधित सभी दस्तावेज इस लिंक से डाऊनलोड करें 👇
https://meradrushtikon.blogspot.com/2023/11/blog-post_2.html
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने किसानों के हितों पर सीधे प्रशासकीय शक्तियों का अतिक्रमण करवाकर किसानों के साथ छल कपट पूर्ण प्रशासकीय व्यवहार किया जिसके कारण किसानों ने भूपेश बघेल सरकार को सत्ताविहीन कर दिया उल्लेखनीय है की भूपेश बघेल सरकार से व्यथित किसान सड़क से लेकर अदालत तक लड़े और संघर्षशील किसान परिवार की निशा देशमुख ने एनआरडीए प्रबंधन के अनियमित कार्य व्यवहार के साथ भूपेश बघेल के निर्वाचन को भी विधिक चुनौती दी है पढ़िए पूरा विवरण इस लिंक पर है | 👇👇👇 Riko Village NRDA
https://meradrushtikon.blogspot.com/2023/11/blog-post_89.html