छत्तीसगढ़ का महिला आयोग कार्यालय ने तथाकथित विधि विरूद्ध कार्य व्यवहार के कारण गंभीर आरोपों से घिर गया है क्योंकि व्यथित महिलाओं को आयोग के कार्यालय में पदस्थ अधिकारी कैसे परेशान करते है इस बात का खुलासा सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख ने किया है पढ़िए क्या है पूरा मामला
समाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख ने छत्तीसगढ़ राज्य के महिला आयोग के जन सूचना अधिकारी के कार्य व्यवहार पर प्रश्न उठाकर यह गंभीर आरोप लगाया है कि, महिला आयोग से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने के हेतु आवेदन करने वाली महिलाओं से, आवेदन शुल्क महिला आयोग द्वारा नगद नहीं लिया जाता है और उन्हें पोस्टल आर्डर या शुल्क अदा करने के अन्य माध्यम से शुल्क अदा करने के लिए महिला आयोग के अधिकारियों द्वारा विधि विरूद्ध तरीके से मजबूर किया जाता है । जिसके कारण महिला आयोग में आने वाली व्यथित महिलाओं की व्यथा कम होने के बजाय बढ़ जाती है ।
व्यथित महिला को छत्तीसगढ़ महिला आयोग से वांछित सूचना लेने के लिए अंतिम उपाय के रूप में सुचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन करने के लिए मजबूर किया जाता है जिसके बाद व्यथित महिला जब सुचना के अधिकार के तहत आवेदन जमा करने जाती है तो सूचना के अधिकार के तहत आवेदन करने वाली महिला से नगद राशि प्राप्त कर शुल्क प्राप्ति रसीद प्रदान करने की व्यवस्था छत्तीसगढ़ महिला आयोग नहीं करता है परिणाम स्वरुप व्यथित महिला को वांछित दस्तावेजों और साक्ष्यों कि छायाप्रति लेने के लिए भटकना पड़ता है और अनावश्यक परेशानी तथा खर्चा करना पड़ता है क्योंकि पोस्टल ऑर्डर और अन्य तरीके से शुल्क अदा करने की सुविधा छत्तीसगढ़ महिला आयोग कार्यालय के आसपास नहीं है व्यथित महिलाओं की इस परेशानी को सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख ने स्वयं आवेदन करके अनुभव किया है देखिए कितना गंभीर आरोप लगा रहीं है सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख 👇👇👇
व्यथित महिला को छत्तीसगढ़ महिला आयोग से वांछित सूचना लेने के लिए अंतिम उपाय के रूप में सुचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन करने के लिए मजबूर किया जाता है जिसके बाद व्यथित महिला जब सुचना के अधिकार के तहत आवेदन जमा करने जाती है तो सूचना के अधिकार के तहत आवेदन करने वाली महिला से नगद राशि प्राप्त कर शुल्क प्राप्ति रसीद प्रदान करने की व्यवस्था छत्तीसगढ़ महिला आयोग नहीं करता है परिणाम स्वरुप व्यथित महिला को वांछित दस्तावेजों और साक्ष्यों कि छायाप्रति लेने के लिए भटकना पड़ता है और अनावश्यक परेशानी तथा खर्चा करना पड़ता है क्योंकि पोस्टल ऑर्डर और अन्य तरीके से शुल्क अदा करने की सुविधा छत्तीसगढ़ महिला आयोग कार्यालय के आसपास नहीं है व्यथित महिलाओं की इस परेशानी को सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख ने स्वयं आवेदन करके अनुभव किया है देखिए कितना गंभीर आरोप लगा रहीं है सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख 👇👇👇