निर्माण श्रमिकों के सर्वांगीण उत्थान के लिए शासन योजनाओं का संचालन कर रहीं जिनकी जानकारी हितग्राही श्रमिक तक पहुंचना आवश्यक है... इसलिए इनको जान लीजिए...
निर्माण श्रमिक अर्थात कौन ?
निर्माण श्रमिक से तात्पर्य जो किसी भवन या निर्माण कार्य में कुशल, अर्द्ध कुशल या अकुशल श्रमिक के रूप में शारीरिक, पर्यवेक्षणिक, तकनीकी अथवा लिपिकीय कार्य भाड़े या पारिश्रमिक के लिए करता हो। नियोजन के निबन्धन प्रकट हों या विवक्षित हो, किन्तु प्रबंधकीय या प्रशासकीय हैसियत में नियोजित व्यक्ति इसमें सम्मिलित नहीं है।
कहां होता पंजीयन ?
हितग्राही पंजीयन भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम, 1996 के अंतर्गत प्रत्येक निर्माण श्रमिक का पंजीयन मंडल के द्वारा किया जाता है।
पंजीयन हेतु अर्हताएं क्या है ?
निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीयन हेतु निर्धारित आयु सीमा 18 वर्ष से कम नहीं किन्तु 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। उल्लेखनीय हैे कि, हितग्राही श्रमिक द्वारा विगत एक वर्ष में भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक के रूप में 90 दिवस कार्य करने संबंधी नियोजक / श्रमिक संघ / श्रम निरीक्षक द्वारा जारी प्रमाण पत्र अपलोड किया जाना अनिवार्य है।
कहां होता हैं पंजीयन ?
किसी भी लोक सेवा केन्द्र से श्रम विभाग के वेबसाईट पर ऑन-लाईन आवेदन कर सकते हैं। वेबसाईट लिंक अंत में दी गई जिसको क्लिक कर आप विभाग की वेबसाईट पर जाकर अपना पंजीयन कर सकते हैं ।
इस योजना का उद्देश्य क्या है ?
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा-शर्त विनियमन) अधिनियम, 1996 सहपठित छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा-शर्तों का विनियमन) नियम, 2008 के परिपालन में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल का गठन 05 सितम्बर 2008 को किया गया, जिसके द्वारा निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण हेतु कार्य किया जाता है।
- भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्य में कौन कौन से निर्माण कार्य आते हैं ।
- भवनों, मार्गों, सड़कें, रेल्वे मार्ग व ट्रेक, ट्रामवे, हवाई मैदान जैसे निर्माण कार्य। सिंचाई, जल निकास, तटबंध, नौ परिवहन, संकर्म, बाढ़ नियंत्रण कार्य जिसमें वृश्टिजल निकास संकर्म भी आते है ।
- विद्युत के उत्पादन, पारेशण एवं वितरण, जल संकर्म जिसमें जल के वितरण के लिये सारणियां कार्य भी आते है ।
- तेल तथा गैस प्रतिश्ठानों, विद्युत लाईनों, बेतार, रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन, तार तथा विदे संचार माध्यम निर्माण कार्य।
- बांध, नहर, जलाशय, जल सारणियां, सुरंग, पुल, सेतु, जल सेतु निर्माण कार्य आते हैं।
- पाइप लाइन, मीनार भभीतलन, मीनार (टावर) पारेशण को भी सम्मिलित किया गया है।
- इसमें ऐसे कार्य भी है, जो समुचित सरकार, अधिसूचना द्वारा इस निमित्त विनिर्दिश्ट करे या उनके संबंध में सन्निर्माण, परिवर्तन, मरम्मत, अनुरक्षण या गिराया जाना भाामिल है,
- परन्तु इसके अन्तर्गत ऐसे भवन या अन्य सन्निर्माण कार्य सम्मिलित नहीं होंगे जिनमें कारखाना अधिनियम, 1948 अथवा खदान अधिनियम, 1952 के प्रावधान लागू होते हों।
विभागीय वेबसाईट पर विवरण देखने के लिए इस लिंक 👇 पर क्लिक करे ।
https://shramevjayate.cg.gov.in/Departments.aspx?id=3 Click करें श्रम विभाग छत्तीसगढ़ की वेबसाईट