चलो अरपा नदी को बचा लेते हैं… क्योंकि छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग की अरपा भैंसाझार वृहद परियोजना को… वर्षों बाद भी पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किए जाने की परिस्थिति बन नहीं पाई है… बेहद खेद जनक है कि हमारे द्वारा छत्तीसगढ़ शासन को दिए गए आयकर, संपत्तिकर राशि में से करोड़ों रुपए… गैर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस महत्वकांक्षी परियोजना पर खर्च कर दिए हैं परन्तु… यह राशि भ्रष्टाचार का निवाला बन गई है… इसलिए जिम्मेदार प्राधिकारियों को अब विधिक चुनौती देने की परिस्थिति बन गई है…
बिलासपुर के लिए आवश्यक मानव उपयोग का जल उपलब्ध करवाने वाली अरपा नदी के जल बहाव को नियंत्रित कर उसका उपयोग जन कल्याण के लिए करने हेतु… अरपा भैंसाझार वृहद परियोजना का निर्माण कार्य करने के लिए शासन द्वारा ठेका दिया गया है लेकिन इस ठेका कार्य की वर्तमान स्थिति क्या हैं इसका अधिकृत जवाब देने वाला बिलासपुर में क्यों नहीं है…?
वर्षो बाद भी अपूर्ण और अधूरी क्यों है बिलासपुर की अरपा भैंसाझार वृहद जल संसाधन परियोजना… कौन बतायेगा ?
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना है। यह परियोजना बिलासपुर जिले के कृषि क्षेत्र को नया आयाम देने के उद्देश्य से शासन द्वारा प्रारंभ की गई है। इस परियोजना के माध्यम से क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जाने की व्यवस्था की जानी थी जिससे कि बिलासपुर क्षेत्र के कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
परियोजना के लोक लुभावने उद्देश्य जो वर्तमान में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए और जिम्मेदार अधिकारी मूक दर्शक बन गए…
- सिंचाई क्षमता में वृद्धि: इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र की सिंचाई क्षमता में वृद्धि करना था लेकिन ऐसा क्यों नहीं हुआ ?
- कृषि उत्पादन में वृद्धि: सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से कृषि उत्पादन में वृद्धि करने की कार्य योजना थी लेकिन कृषि उपज में वृद्धि क्यों नहीं हुई ?
- किसानों की आय में वृद्धि: बढ़ते कृषि उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि होगी यह योजना को मिलने वाली शासकीय स्वीकृति का मुख्य आधार थी पर किसान आज भी संघर्ष करने को मजबूर क्यों है ?
- क्षेत्र के विकास में योगदान: इस परियोजना से क्षेत्र का समग्र विकास किए जाने का लोक लुभावना सपना दिखाया गया पर यह सपना हकीकत में नहीं बदल ऐसा क्यों हुआ ?
परियोजना के प्रमुख घटक जिन्हें अधूरी व निर्माण स्थिति तथा शासन हित को नुकसान पहुंचाने वाली प्रशासकीय कार्यवाही ने अनियमितताओं के हवाले कर दिया…
- अरपा भैंसाझार बैराज: इस परियोजना का मुख्य घटक अरपा भैंसाझार बैराज है। यह बैराज अरपा नदी पर बनाया जा रहा है लेकिन इस अनुबंधित निर्माण कार्य को पूर्णता प्रमाण पत्र देने की स्थिति में जिला प्रशासन क्यों नहीं है ?
- नहरें: बैराज से निकलने वाली नहरों के माध्यम से पानी खेतों तक पहुंचाया जाना पूर्व निर्धारित व अनुबंधित ठेका कार्य वास्तविकता की धरातल पर आकर क्यों नहीं ले सका ?
- पंपिंग स्टेशन: कुछ क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए पंपिंग स्टेशन लगाए जाने की योजना थी लेकिन यह योजना कागजी कार्यवाही का हिस्सा बनकर क्यों रह गई ?
अरपा भैंसाझार बैराज जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ के जिन अधिकारियों की कर्तव्य निष्ठा को प्रश्नांकित कर रहा है वे हैं :
- श्रीमान पी.दयानंद, सचिव जन संपर्क विभाग छत्तीसगढ़ शासन
- श्रीमान रवि मित्तल, आयुक्त जन संपर्क विभाग छत्तीसगढ़ शासन
- श्रीमान संचालक, जन संपर्क विभाग छत्तीसगढ़ शासन
- श्रीमान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), छत्तीसगढ, रायपुर
- श्रीमान संचालक, स्थानीय निधि संपरीक्षा छत्तीसगढ़
- श्रीमान संभाग आयुक्त बिलासपुर
- श्रीमान कलेक्टर बिलासपुर
- श्रीमान श्री मुनूदाऊ पटेल, उप संचालक जन संपर्क विभाग बिलासपुर छ.ग.
- सुश्री रचना मिश्रा, सहायक जनसम्पर्क अधिकारी, जन संपर्क विभाग बिलासपुर छ.ग.
- विशेष सचिव, छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय जल संसाधन विभाग महानदी भवन छत्तीसगढ़
- श्रीमान प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ शिवनाथ भवन अटल नगर नवा रायपुर छत्तीसगढ़
- मुख्य अभियंता, हसदेव कछार, ज.सं. विभाग छत्तीसगढ़
- अधीक्षण अभियंता जल संसाधन मण्डल बिलासपुर
- कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग कोटा बिलासपुर
- मेसर्स राधेश्याम अग्रवाल, सुनील कुमार अग्रवाल एवं एम.आरके.आर, सी.आई.पी.एल. जॉइंट वेंचर रायपुर