निगम अधिनियम को जानने वाला पार्षद निगम की आम सभा में सशक्त भूमिका निभायेग और सीधे आयुक्त तथा नगर निगम के विभाग प्रमुख से प्रश्न पूछकर वस्तुस्थिति को सभी के सामने ला सकेगा
अब कौन डरायेगा पार्षदों को :- अब
पार्षदों को कोई-भी न तो डरा सकेगा, न ही धमका सकेगा और न तो बेवकूफ बना सकेगा
क्योकि पार्षद के द्वारा निगम सभा की कार्यवाही में जो प्रश्न पूछा जायेगा उस प्रश्न
से संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारीयों को लिखित में जवाब देना पड़ेगा और सक्षम
प्राधिकारी के माध्यम से वांछित दस्तावेजों का अवलोकन करवाने का इंतजाम करना पड़ेगा
लेकिन...?
इसके लिए अपेक्षित है की पार्षद को जागरूक रहकर निगम अधिनियम से प्राप्त शक्तियों को जानना और समझाना पड़ेगा तथा निगम सम्मिलन के दौरान जन समस्याओ को प्रश्नांकित कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए अपनी पदेन जिम्मेदारी को पूरा करना पड़ेगा |
पार्षदों के अधिकार को निगम अधिनियम
में किस प्रकार परिभाषित किया गया है और पार्षद निगम कार्यवाहियों में अपने पदेन
प्राधिकार का विधि निर्देशित उपयोग कैसे कर सकते हैं इसकी ....
निगम अधिनियम में वार्ड पार्षद को कई महत्वपूर्ण अधिकार दिए गए है... जिनका प्रयोग करके वार्ड पार्षद अपने निर्वाचन क्षेत्र का सर्वागीण विकास कर सकता है... इसके लिए आवश्यक है की पार्षद को निगम अधिनियम के अग्रलिखित विधि निर्देश को पढ़ना और समझना पड़ेगा तथा अपने अधिकार को प्रयोग में लाना होगा