विगत दिनों एक महिला वकील से दो पुरुष वकीलों ने न्यायालय के परिसर में मारपीट करके चोट ग्रस्त कर दिया और न्यायालयीन सुरक्षा व्यवस्था की असलियत को सभी के सामने ला दिया…. जिसके कारण छत्तीसगढ़ की प्रशासकीय व्यवथा पर प्रश्नचिन्ह लग गया है…. पढ़िए इस घटना से जुड़े व्यवहारिक पहलु 👇🏾.
छत्तीसगढ़ की कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को स्थापित करवाने वाली कानूनी प्रक्रियाओं और व्यवथाओँ को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने वाले शासकीय प्राधिकारी अर्थात महिला बाल विकास अधिकारी महज खानापूर्ति करने वाली कार्यवाही कर रहे है और कामकाजी महिलाओं को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना सहने के लिए मजबूर कर रहे हैं इसलिए छत्तीसगढ़ में महिलाओं को उनके कार्यक्षेत्र में सुरक्षित कामकाजी वातावरण नहीं मिल रहा है विगत दिनों महिला वकील के साथ की गई मारपीट और धमकी देने की शिकायत छत्तीसगढ़ के कामकाजी महिलाओं की विपरित कामकाजी परिस्थितियों की गवाही दे रही है
महिला वकील की शिकायत में उल्लेखित है कि, थाना प्रभारी महोदय सिटीकोतवाली जांजगीर जिला जांजगीर चांपा छ.ग विषय एफआईआर प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करने बावत महोदय सादर निवेदन है कि मै श्रीमति चोलेश्वरी वैष्णव उम्र 39 वर्ष पति रेखराज ध्रुव निवासी दिनदायल कालोनी जाजगीर की निवासी हूं । जिला एवं सत्र न्यायालय में 04 साल से वकालत करती हू जिला एवं सत्र न्यायालय जाजगीर में अपना काम निपटाकर आज दिनांक 15.06.23 को शाम 05.00 बजे चेम्बर में गयी तो बगल के अधिवक्ता लक्षण कुमार कमलेश अपना हेल्मेट मेरा टेबल मे रखे थे काम करते नहीं बन रहा था तो बोली अपना हेल्मेट को अपने टेवल में रख लिजीये तो नहीं रखे दोबारा बोली नहीं सुने तो हेल्मेट उठाकर उनके टेबल में रख दी तो लक्षण कमलेश आवेश में आकर हेल्मेट उठाकर सिर में मारा पिछ हट गयी तो बच गई। हेल्मेट को फिर से मेरे टेबल में रख दिया दादागिरी के साथ फिर वापस उनके टेबल में हेल्मेट में रखी तो बगल के अधिवक्ता चेतन प्रसाद कोसले आये और गंदी नियत एवं गंदे तरीके से हाथ वाह को छूते हुए मुरकेट दिया तभी लक्षण कमलेश तान के झापड चेहरे कान पर मारा कान सुन्न हो गया और जोरो का दर्द है हाथ मुक्के से मारते हुए जोर से लक्षण कमलेश ने दिया तो बैंच में गिरते हुए जमिन पर गिर गयी गिरने से कमर पैर व पैर के तलवे में जोर से लगा पैर का तलवा हिल गया व खुन निकलने लगा लक्षण कमलेश एवं चेतन कोशले गंदी गंदी गाली गुप्तार करते हुए
अधिवक्ता संघ के वकील एवं कक्ष क्र -01 में उपस्थित अधिवक्ता एवं पक्षकार देखे एवं सुने है कान में जोरो का दर्द व हाथ पैर सुन्न होने पर डायल 112 को फोन की तब 108 एम्बुलेंस गाडी जिला एवं सत्र न्यायालय परीसर जांजगीर से जिला हस्पीटल लेकर गई जहां मैने अपना उपचाकर कराकर सिटीकोतवाली जांजगीर रिपोर्ट लिखाने आयी हूं
महिला वकील द्वारा मारपीट की घटना का शिकार होने बाद जब महिला वकील ने घटना की टेलीफोनिक जानकारी पुलिस को दी तो पुलिस तत्काल हरकत में आई और घटना स्थल पर पहुंची जिसके बाद महिला वकील को पुलिस संरक्षण में चिकित्सा सुविधा तक पहुंचने की मदद मिली l उल्लेखिनिय है कि, समय रहते महिला वकील को मिली पुलिस सहायता जन सामान्य और महिलाओं को सुरक्षित महसूस करवाने के नजरिए से एक सकारात्मक विषय के रूप में देखा जाना अपेक्षित है l
महिला वकील से मारपीट का मामला अब न्यायालय के संज्ञान में है दोनो पक्षों की दलील और आरोप अब न्यायालय के सामने होने वाली कार्यवाहियों के दौरान जन सामान्य के सामने आयेंगी और यह स्पष्ट होगा की दोनों पक्षों का कार्य व्यवहार और न्यायालयीन परिसर में किया जाने वाला विधि अपेक्षित आचरण किस विधिक दृष्टिकोण से आपत्तिजनक था लेकिन जन अपेक्षा यह भी है कि, न्यायालय इस घटना की सुनवाई करने के दौरान उन विषयों पर भी स्वतः संज्ञान ले जिनके कारण यह अप्रिय घटना घटी और महिला वकील को मारपीट का शिकार होने की अनापेक्षित परिस्थितियां निर्मित हुई उल्लेखनीय है कि, महिला वकील के साथ घटित मारपीट की घटना इस बात का पुख्ता प्रमाण है की न्यायालयीन परिसर में महिला सुरक्षा का व्यवहारिक कार्यवाही तंत्र विकसित नहीं हुआ है और इस अव्यवस्थित स्थिति के लिए आवश्यक कार्यवाही किया जाना अपेक्षित है l
जन सामान्य वकीलों के संगठन को बार काउंसिल के नाम से जनता है मारपीट की शिकायत करने वाली महिला वकील भी वकीलों के इस संगठन की हिस्सा होगी इसलिए अपेक्षित है की वकीलों का यह संगठन महिला सुरक्षा और गरिमपूर्ण कामकाजी वातावरण स्थापित करने के विषय पर इस घटना से अनुभव लेने के बाद कुछ करेगा लेकिन वर्तमान विडंबनापूर्ण परिस्थिति हो यह है की वकीलों का संगठन महिला वकीलों के संरक्षण की जिम्मेदारी पूरा करता नजर नहीं आता है और आंतरिक शिकायत समिति के मासिक बैठकों के विधि निर्देशित विषय को नजरंदाज करने का कार्य व्यवहार करता नजर आ रहा उल्लेखनीय है वकीलों के संगठन का यह गैर जिम्मेदाराना कार्य व्यवहार चिंता जनक है l
छत्तीसगढ़ के जनजगीर की महिला वकील के साथ न्यायालय परिसर में घटित मारपीट की घटना के लिए जिम्मेदार कारकों में से सबसे अहम कारण आंतरिक शिकायत समिति को महत्व नहीं दिए जाना है उल्लेखनीय है कि, जब महिला वकील से मारपीट की घटना हुई तब उस घटना स्थल पर बड़ी संख्या में वकीलों की उपस्थिति थी और विधिक दृष्टिकोण से सभी शिकायत समिति के विधिक संरक्षण में थे लेकिन इस घटना के बाद शिकायत समिति ने व्यथित और पीड़ित महिला वकील को कोई सहायता या संरक्षण दिया है क्या यह जन सामान्य के जानकारी में नहीं आया है l पीड़ित महिला वकील की शिकायत को भी शिकायत समित द्वारा पुलिस में दर्ज कार्य जाने के संबंध में कोई अधिकृत वक्तव्य जन सामान्य के लिए जारी नहीं किए जाने की जानकारी मिल रही है अतः यह विषम विधिक परिस्थिति इस मामले को जनहित याचिका के विधिक दृष्टिकोण देखे जाने का मामला बन गया है l
छत्तीसगढ़ के न्यायालय परिसर में महिला वकील के साथ की गई मारपीट की शिकायत हमारी प्रशासकीय व्यवस्था को प्रश्नानकित भी कर रही है और यह कहे जाने का आधार दे रही है कि अगर छत्तीसगढ़ में महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करना है तो महिला सुरक्षा के लिए पदाभित किए गए जिला अधिकारी के अनियमित और गैर जिम्मेदाराना कार्य व्यवहार को दस्तावेजिक प्रमाणों के आधार पर न्यायालयीन चुनौती देना पड़ेगा क्योंकि अब तो महिला वकील भी न्यायालय में मारपीट की घटना का शिकार होने की शिकायत दर्ज करवाकर महिला सुरक्षा के विषय के चिंताजनक पहलू को न्यायालय के समक्ष ला चुकी है इसलिए अब इस बात का इंतजार है की महिला वकील से मारपीट के मामले में महिला सुरक्षा की व्यवहार व्यवस्था को स्थापित करने के लिए प्राधिकृत जिला अधिकारी इस मामले में क्या कार्यवाही कर रहा है l इस बात पर नजर रखना पड़ेगा l