निर्वाचन आयोग को प्रश्नांकित करने वाले कई सवाल छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव 2023 अपने पीछे छोड़ गया है… और यह गंभीर मामला विधानसभा चुनाव निर्वाचन नतीजे आने के बाद भी न्यायालय में विचाराधीन बने रहने की स्थिति में होगा… गौरतलब रहे कि, न्यायालय में पाटन विधानसभा के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा की गई निर्वाचन प्रक्रिया पर बहस किया जाना लोकतंत्र को बचाने के लिए आवश्यक है पढ़िए क्यों..?
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“प्रेस विज्ञप्ति”
भूपेश बघेल नामांकन मामले में…
जिला निर्वाचन अधिकारी ने नहीं दी, “प्रतिक्रिया”
राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष होगी
“निर्वाचन अपील”
जवाब दो! भूपेश बघेल
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रिटर्निग अधिकारी पर आरोप…
भूपेश बघेल को दिया विशेष महत्व…
छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री ने पाटन विधानसभा क्षेत्र से अभ्यर्थी के तौर पर अपने नामांकन पत्र के साथ जो शपथ पत्र निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया था उस शपथ पत्र में भिलाई इस्पात संयंत्र के आवासीय प्रयोजन के मकानों के लिज आबंटन संबधित “जांच कार्यवाही का उल्लेख नहीं था” जिसकी आपत्ति संविक्षा कार्यवाही के दौरान समाज सेविका निशा देशमुख और सामाजिक कार्यकर्ता अमोल मालुसरे ने लिखित में दर्ज करवाई थी उल्लेखनीय है कि, लिखित में दर्ज करवाई गई आपत्ति नोटराइज थी और इस आपत्ति के साथ ऐसे दस्तावेजिक प्रमाण प्रस्तुत किए गए थे जो आपत्ति को विधिक सम्मत आधार प्रदान करते है । बावजूद इसके राइटर्निग अधिकारी पाटन विधानसभा ने इस आपत्ति को खारिज किए जाने का आधार अपने निर्णय में अभिलिखित नहीं किया और खारिज कर दिया इसलिए इस विधि विपरित आदेश के विरुद्ध पुनरीक्षण याचिका प्रस्तुत की गई थी सुलभ संदर्भ हेतु इसका पूरा विवरण इस लिंक पर है 👇
https://meradrushtikon.blogspot.com/2023/11/blog-post_2.html
अभ्यर्थी भूपेश बघेल ने भी इस आपत्ति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है । ऐसा क्यों ?
खामोश क्यों है… भूपेश बघेल..?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंजीकृत डाक से प्रेषित की गई नोटिस का जवाब और प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नहीं दी जिसके बाद नोटिस पर संज्ञान लेकर संभाग आयुक्त न्यायालय दुर्ग के द्वारा कलेक्टर दुर्ग से जांच करवाने के लिए निर्देश दिए गए थे बावजूद इसके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नोटिस का जवाब नहीं दिया और संविक्षा कार्यवाही के दौरान अभ्यर्थी भूपेश बघेल के शपथ पत्र में नोटिस विषय पर की गई आपत्ति पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी । अतः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भूमिका जांच कार्यवाही में प्रश्नांकित करने वाली है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नोटिस विषय पर प्रतिक्रिया करके वस्तुस्थिति स्पष्ट करने की मंशा नहीं रखते है।
चुनाव और…
लोकतांत्रिक व्यवस्था का संबंध
चुनाव या निर्वाचन, लोकतंत्र शासन व्यवस्था की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है । जिसके द्वारा जनता (लोग) अपने प्रतिनिधियों को चुनती है। चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका (और कभी-कभी न्यायपालिका एवं कार्यपालिका) के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों को चुनते हैं। भारतीय संविधान के भाग 15 में अनुच्छेद 324 से अनुच्छेद 329 तक निर्वाचन की व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 324 निर्वाचनों का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना बताता है। संविधान ने अनुच्छेद 324 में ही निर्वाचन आयोग को चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी है। उल्लेखनीय है कि, निष्पक्ष और व्यक्ति विशेष को महत्व नहीं देने वाली निर्वाचन व्यवस्था लोकतंत्र को मजबूत बनाती है लेकिन छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में रिटर्निग अधिकारी पाटन ने अपने पदेन कर्तव्य को पूरा करते हुए संविक्षा कार्यवाही को विधि अपेक्षित प्रक्रिया में पूरा नहीं किया है । जिसे विधिक तौर पर चुनौती देना नागरिक जिम्मेदारी है । जिसका निर्वहन प्रेस विज्ञप्ति जारीकर्ता कर रहें है ।
प्रेस विज्ञप्ति जारीकर्ता
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निशा देशमुख
समाज सेविका
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अमोल मालुसरे
समाज सेवक
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