छत्तीसगढ़ की राजनीति में भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए अधिग्रहित की गई भूमि और आवासीय भवनों का लिज मामला नई दिशा देने वाला है क्योंकि यह दोनो मामला पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा चुनावी सभा में कि गई झूठी घोषणा को दी गई न्यायलयीन चुनौती के कारण... नए पड़ाव पर पहुंच गया है
लोकतंत्र को बचाने की मुहिम... अगले निर्णायक पड़ाव पर पहुंच गई है...
झूठी चुनावी घोषणा पर जवाबदेही सुनिश्चित करवाने के लिए न्यायालयीन दस्तक !
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा विगत विधानसभा चुनाव में भिलाई विधानसभा क्षेत्र में आकर बीएसपी के लीज मामले में झूठी घोषणा की गई जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख और राजनैतिक विश्लेषक अमोल मालुसरे ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बाकायदा नोटिस भेजकर कर प्रश्नांकित किया गया था लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया नहीं दी जिसके बाद संभागायुक्त दुर्ग से लेकर महामहिम राष्ट्रपति कार्यालय तक सभी सक्षम न्यायालय और प्राधिकारियों के समक्ष नोटिस कर्ताओं ने याचिका लगाई परिणाम स्वरूप सभी स्तरों से संज्ञान लेकर कार्यवाही प्रारंभ हुई सक्षम प्राधिकारियों के स्तर से निर्देशात्मक पत्र व्यवहार और जांच कार्यवाहियां प्रारंभ हो गई लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन जांच कार्यवाहियों में अपना पक्ष रखने की पहल नहीं की और जांच कार्यवाहियों में अपनी अनुपस्थिति दर्ज कर निर्वाचन हेतु आयोजित सभा में किए गए झूठे भाषण के आरोप को मूक सहमति प्रदान की जिसके बाद से यह मामल निर्वाचन अपराध के श्रेणी में आया गौरतलब रहे कि, पाटन विधानसभा चुनाव लड़ते समय... जो शपथ पत्र अभ्यर्थी भूपेश बघेल द्वारा निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया था... उसमे निर्वाचन अपराध विषयक मामले की जानकारी नहीं दी की... बीएसपी लिज विषयक की गई झूठी घोषणा मामले की जांच कार्यवाही चल रहीं है उल्लेखनीय है कि, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्वाचन संविक्षा कार्यवाही में लिखित आपत्ति दर्ज करवाएं जाने के बाद भी... संवीक्षा कार्यवाही में अपना पक्ष नहीं रखा तो नोटिसकर्ताओं द्वारा सभी विधि अपेक्षित प्रक्रिया पूरी की गई परिणाम स्वरूप वर्तमान में यह मामल अब माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है ।
अधिग्रहित भूमि को किसान छोड़ेंगे क्यों ?
सर्व विहित है कि, भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए दुर्ग जिले के किसानों की जमीन बहुत बड़े स्तर पर अधिग्रहित की गई थी और इस अधिग्रहण कार्यवाहियों में की गई अनीयमित्ताओं के कारण दुर्ग जिले के किसानों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा था... अधिग्रहण कार्यवाही के वर्षो बाद अभी भी कई मामलों में व्यथित किसान परिवार अपनी पीड़ा को किसके सामने रखे इस प्रश्न से जूंझ रहे हैं और बीएसपी के कार्यालय में चक्कर लगाने को मजबूर है... स्पष्ट रहे कि, इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने व्यथित किसानों की पीड़ा दायक स्थिति पर कभी भी संज्ञान नहीं लिया जबकि दुर्ग जिले के किसानों की भूपेश बघेल से बेहद अपेक्षाएं थी उन्हें भूपेश बघेल ने पूरा नहीं किया... जिसके कारण दुर्ग जिले के किसानों ने भूपेश बघेल सरकार में कृषि क्षेत्र से सीधे जुड़े बड़े दिग्गज नेताओं जैसे ताम्रध्वज साहू, रविंद्र चौबे और अरुण वोरा को असम्मान जनक वोटों से हरा दिया ।
बीएसपी लिज मामला भूलेंगे कैसे ?
भिलाई इस्पात संयंत्र के आवासीय भवनों और व्यावसायिक भवनों का लिज मामला गलत तरीके से चुनावी लाभ लेने के लिए सीधे बीएसपी कर्मचारियों को बेवकूफ बनाने वाला मामला है गौरतलब रहे कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा विगत विधानसभा चुनाव पुनः वैसा ही झूठ बोला जैसा की दुर्ग के किसानों से जमीन अधिग्रहित किए जाने के समय तत्कालीन सरकार द्वारा बोला गया था और किसानों को असहनीय मानसिक वेदना दी थी... गौरतलब रहे कि, वर्तमान भिलाई की वह जनता... जिसने बीएसपी की स्थापना के लिए अपना खून पसीना एक किया था... उस जनता को बीएसपी लिज मामले में गुमराह करते हुए झूठ बोलकर भूपेश बघेल ने विगत दो विधानसभा चुनावों में वोट बटोर लिया लेकिन जब इस मामले में लिखित नोटिस भेजकर... भूपेश बघेल को निशा देशमुख द्वारा प्रश्नांकित किया गया तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोई जवाब नहीं दिया परिणाम स्वरूप पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अगली मुलाकात न्यायालय के बेंच के समक्ष करने की परिस्थिति बन गई है ।
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इस लेख पर प्रतिक्रिया अभिप्राप्त करने का इच्छुक लेखक :- आपका... अमोल मालुसरे 🙏
नोट :- इस लेख के विषयवस्तु पर किसी को दाव-आपत्ति हो तो उनका अमोल मालुसरे सहर्ष स्वागत करता है सक्षम न्यायालय में याचिका दायर कर अमोल मालुसरे को पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर अवश्य दें । 🙏
Mo 975239666
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अभ्यर्थी भूपेश बघेल ने भी इस आपत्ति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है । ऐसा क्यों ? खामोश क्यों है… भूपेश बघेल..?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंजीकृत डाक से प्रेषित की गई नोटिस का जवाब और प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नहीं दी जिसके बाद नोटिस पर संज्ञान लेकर संभाग आयुक्त न्यायालय दुर्ग के द्वारा कलेक्टर दुर्ग से जांच करवाने के लिए निर्देश दिए गए थे बावजूद इसके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नोटिस का जवाब नहीं दिया और संविक्षा कार्यवाही के दौरान अभ्यर्थी भूपेश बघेल के शपथ पत्र में नोटिस विषय पर की गई आपत्ति पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी । अतः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भूमिका जांच कार्यवाही में प्रश्नांकित करने वाली है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नोटिस विषय पर प्रतिक्रिया करके वस्तुस्थिति स्पष्ट करने की मंशा नहीं रखते है।