कंपनी मामलों में रुचि रखने वालों के लिए दुर्ग जिले के सुपेला थाना में दर्ज मामला चर्चित हो गया है क्योंकि इस मामले में पुलिस शिकायत पर जब एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो शिकायतकर्ता पक्ष ने न्यायालय की शरण ली और माननीय न्यायालय ने एफआईआर दर्ज करने निर्देश जारी किए…
पढ़िए पूरा मामला…
मामले का विचारणीय विषय :
माननीय न्यायालय द्वारा प्रश्नांकित पुलिस कार्यवाही पर दिए गए मार्गदर्शक निर्णय पर थाना सुपेला, भिलाई जिला दुर्ग छत्तीसगढ़ में धारा 154 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दर्ज की गई FIR प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0241 वर्ष 2024 के विषयवस्तु पर की जा रही पुलिस कार्यवाही प्रक्रिया पर समीक्षा लेख लिखे जाने की सूचना देकर प्रतिक्रिया अभिप्राप्त करने बाबत लेख कर इस मामले के विधिक पहलुओं को इस लेख में उल्लेखित किया गया है ।
इस लेख का संज्ञानार्थ संदर्भ:
माननीय न्यायालय कुमारी अंकिता तिग्गा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के न्यायालय से ज्ञापन क्रमांक/क/न्या0मजि0प्र0क्षे0/2024 दुर्ग दिनांक 04/03/2024 का पत्र जिसमे परिवादी अजय कुमार अग्रवाल विरुद्ध शशीभूषण शुक्ला मे अभियुक्त शशीभूषण शुक्ला एवं अन्य के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने बाबत आदेश |
पुलिस एफआईआर कार्यवाही से संबंधी विधिक विषयों पर प्रतिक्रिया लेने बाबत सभी पक्षकारों से पत्र सूचना देकर सूचित किया गया है और प्रतिक्रिया अभिप्रात्त करने के लिए अग्रलिखित लेख किया गया है
विषयांतर्गत लेख है कि, संदर्भित न्यायालयीन आदेश पर पुलिस थाने में दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0241 वर्ष 2024 के विषयवस्तु में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि, प्रकरण के आरोपियों के विरुद्ध धारा 420,467,468,471 एवं 120 बी, भादवि के अंतर्गत पुलिस कार्यवाही की जा रही है । इस पुलिस प्रकरण मे पक्षकारों का विवरण अग्रलिखित बिंदु 1, बिंदु 2, बिंदु 3, बिंदु 4 एवं बिंदु 5 में उल्लेखित हैं और इस एफआईआर में प्रथम सूचना तथ्य के तौर पर दर्ज है तथा माननीय न्यायालय ने परिवाद प्रकरण कार्यवाही निर्णय से बाद विषयों पर को विधिक प्रकाश डाला गाय है वह बिंदु … उल्लेखित है :
1/ एफआईआर के प्रथम सूचना तथ्य :
माननीय न्यायालय कुमारी अंकिता तिग्गा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के न्यायालय से ज्ञापन क्रमांक /क/न्या0 मजि0प्र0क्षे0/2024 दुर्ग दिनांक 04/03/2024 का पत्र परिवादी अजय कुमार अग्रवाल विरुद्ध शशीभूषण शुक्ला में दिए गए आदेशानुसार एफआईआर क्रमांक 0241 वर्ष 2024 दर्ज की गई है ।
2/ पुलिस प्रकरण मे निम्नानुसार अभियुक्त हैं :
शशीभूषण शुक्ला,
सुधीर अग्रवाल,
आशीष जोशी,
सुदामा वर्मा,
ओमप्रकाश निर्मलकर एवं
नीरज वैद
न्यायलयीन आदेशानुसार एफआईआर क्रमांक 0241 वर्ष 2024 दर्ज अभियुक्तगण उक्तानुसार है ।
3/ आरोपियों के विरुद्ध अग्रलिखित धाराओं का अपराध दर्ज है :
उक्त उल्लेखित बिंदु 3 में उल्लेखित आरोपियों के विरुद्ध धारा 420,467,468,471 एवं 120 बी, भादवि के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने बाबत आदेश दिए जाने का उल्लेख एफआईआर में दर्ज किया गया है ।
4/ FIR प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0241 वर्ष 2024 में समक्ष न्यायालय श्रीमान मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दुर्ग (छग) के समक्ष प्रस्तुत परिवाद प्रकरण के आवेदक/परिवादी एवं आरोपीगण का संपर्क विवरण निम्नानुसार दर्शित है जो कि, सुलभ संदर्भ हेतु अग्रलिखित है :
4A/ अजय अग्रवाल
निदेशक एस. के. बिल्डवर्क्स प्रा लि (वर्तमान नाम EBPL Ventures Pvt. Ltd.) कार्यालय-4/3, नेहरू परिसर, होटल ग्रांड ढिल्लन के पीछे भिलाई, जिला दुर्ग (छग) मो.नं. 9826390680
……………..आवेदक/परिवादी
// विरुद्ध//
4B1. शशीभूषण शुक्ला आ स्व चक्रपाणी शुक्ला उम्र 55 वर्ष.. निदेशक दुर्गा कॉन्टिनेंटल प्राइवेट लिमिटेड (DCPL) एवं दुर्गा कैरियर्स प्राइवेट लिमिटेड (DCrPL) कार्यालय पता-किसान राइस मिल के पास बलौदाबाजार जिला बलौदाबाजार (छग) निदेशक ज्वाइंट वेंचर से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्रायवेट लिमिटेड (DHPPL) पंजीकृत कार्यालय-डी आर वर्मा साहू हॉस्पिटल के पीछे बलौदाबाजार जिला बलौदाबाजार (छग)
4B2. सुधीर अग्रवाल आ. नामालूम, उम्र 58 वर्ष लगभग, कार्यालय पता- निदेशक दुर्गा कॉन्टिनेंटल प्राइवेट लिमिटेड (DCPL) एवं दुर्गा कैरियर्स प्राइवेट लिमिटेड (DCrPL) कार्यालय पता - किसान राइस मिल के पास बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) निदेशक ज्वाइंट वेंचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्रायवेट लिमिटेड (DHPPL) पंजीकृत कार्यालय डी. आर. वर्मा, साहू, हॉस्पिटल के पीछे, बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग)
4B3. आशीष जोशी आ. गोविंद लाल जोशी, उम्र लगभग 47 वर्ष लगभग निदेशक ज्वाइंट वेंचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्रायवेट लिमिटेड (DHPPL) कार्यालय पता किसन राईसमिल के पास बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) निदेशक ज्वाइंट वेंचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्रायवेट लिमिटेड (DHPPL) पंजीकृत कार्यालय - डी. आर. वर्मा, साहू, हॉस्पिटल के पीछे बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग)
4B4. सुदामा वर्मा आ. ननकूराम वर्मा, उम्र 54 वर्ष निदेशक ज्वाइंट वेंचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (DHPPL) कार्यालय पता किसान राइस मिल के पास बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) निदेशक ज्वाइंट वेचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (DHPPL) पंजीकृत कार्यालय डी. आर. वर्मा, साहू, हॉस्पिटल के पीछे बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग)
4B5 -ओमप्रकाश निर्मलकर आ. धनरूराम निर्मलकर उम्र 37 वर्ष निदेशक ज्वाइंट वेचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (DHPPL) कार्यालय पता-किसान राइस मिल के पास बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) निदेशक ज्वाइंट वेचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्रायवेट लिमिटेड (DHPPL) पंजीकृत कार्यालय डी. आर. वर्मा, साहू, हॉस्पिटल के पीछे बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग)
4B6. नीरज बैद (चार्टर्ड एकाउंटेंट) जैन एण्ड बैद चार्टर्ड एकाउंटेंट पता-पंजीकृत कार्यालय प्रथम तल एस.यू. आर वर्मा कॉम्प्लेक्स श्याम टाकीज रोड बुढापारा रायपुर तह० व जिला रायपुर (छग)
………………… आरोपीगण
5. आवेदक/परिवादी द्वारा की गई शिकायत का तारतम्य उल्लेख किया गया है।
माननीय न्यायालय के आदेश में अभिलिखित है कि, थाना प्रभारी सुपेला एवं पुलिस अधीक्षक दुर्ग के समक्ष शिकायत किये जाने के पश्चात् भी अभियुक्तगण के विरूद्ध प्र०सू०रि० दर्ज नहीं की गयी थी। अतः परिवादी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पेश कर अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 120 बी सहपठित धारा 34 भा०द०सं० के तहत अपराध पंजीबद्ध किये जाने हेतु संबंधित थाने को आदेशित किये जाने का निवेदन किया गया है।
6/ समीक्षा लेख से पूर्व आवेदन पत्र एवं आवेदन पत्र के साथ संलग्न दस्तावेजों का अध्यन किया गया ।
आवेदन पत्र के साथ संलग्न दस्तावेज के अवलोकन से दर्शित है कि आवेदक अजय अग्रवाल, तत्कालीन एस०के० बिल्डवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड, वर्तमान में EBPL VENTURE PRIVATE LIMITED के निदेशक के द्वारा अभियुक्त क्र० 01 शशिभूषण शुक्ला निदेशक DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED एवं अभियुक्त क्र० 02 सुधीर अग्रवाल निदेशक निदेशक DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED के साथ दिनांक 09.04.2010 JOINT VENTURE AGREEMENT के द्वारा निर्धारित DHPPL कंपनी का निर्माण किया एवं उक्त करार के माध्यम से EBPL VENTURE PRIVATE LIMITED एवं DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED को 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी एवं कार्य विभाजित करने का करार किया गया था । उक्त JOINT VENTURE AGREEMENT दिनांक 09.04.2010 के पंजीकरण दिनांक 22.04.2010 के पश्चात् दोनों पार्टनरशिप कंपनी को 5,000-5,000 शेयर आबंटित किया गया एवं दिनांक 21.02.2011 को पुनः 50,000-50,000 प्रतिशत शेयर आबंटित किया गया परन्तु दिसंबर 2018-जनवरी 2019 के मध्य अभियुक्त क्र० 01 व 02 के द्वारा सुनियोजित तरीके से JOINT VENTURE COMPANY, DURGA HIGHTECH PROJECT PRIVATE LIMITED (DHPPL) से करोड़ों की रकम गबन करने की मंशा से अपनी पूर्व भागीदारी कंपनी के 03 निदेशक आशीष जोशी, सुदामा वर्मा एवं ओमप्रकाश निर्मलकर को DHPPL में अवैध रूप से नियुक्त कर दिनांक 24.01.2019 को अपना त्यागपत्र दे दिया गया, जिसके उपरांत दिनांक 23.02.2019 को JOINT VENTURE AGREEMENT के प्रावधानों के विरूद्ध DHPPL में नवनियुक्त निदेशकों से प्राप्त बहुमत के आधार पर अनियमित व अवैध रूप से बड़ी रकम की अफरा-तफरी की गयी, जो कि कंपनी की बैलेंस शीट वर्ष 2018-19 व 2019-20 के दस्तावेजों से दर्शित है। षड्यंत्र पूर्वक धोखाधड़ी कर लाभ अर्जित करने हेतु अभियुक्त क्र० 01 व 02 के द्वारा एवं सहअभियुक्त क्र० 03, 04 व 05 की सहमति उपरान्त अभियुक्त क्र० 06 नीरज बैद को DHPPL का सी०ए० विधि विरूद्ध तरीके से नियुक्त कर कूटरचित दस्तावेजों व फर्जी बिल व खर्च दिखाकर कुल ₹1,82,44,593/-रूपये का गबन किया जाना भी ऑडिट रिपोर्ट 2018-19, 2019-20 में दर्शित है।
7/ माननीय न्यायालय के आदेश और एफआईआर कार्यवाही में उल्लेखित वाद विषय ।
उक्त बिंदु 1 से बिंदु 7 में उल्लिखित वाद विषय एवं संपूर्ण घटना के संबंध में थाना प्रभारी थाना सुपेला का जांच प्रतिवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत है। थाना प्रभारी महोदय ने उक्त धोखाधड़ी संबंधी मामला NATIONAL COMPANY LAW TRIBUNAL (NCLT) कटक में दायर होना बताते हुए NCLT कटक के स्टेटस रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, जिसके आधार पर NCLT कटक की वेबसाईट पर आवेदक अजय अग्रवाल के द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध Section 126 Companies Act के तहत शिकायत पेश करना दर्शित है। NCLT कटक के समक्ष Section 126 Companies Act के तहत वाद दायर होना दर्शित है। Section 126 Companies Act मूलतः शेयरों के हस्तांतरण का पंजीकरण लंबित रहने तक लाभांस का अधिकार, वरन् उक्त व लाभांस के आबंटन, शेयर के हस्तांतरण, शेयर अधिकार और बोनस शेयर स्थगित करने हेतु प्रावधानित करता है फ़र्जी ट्रांसपोर्टेशन बिल बनाकर करोड़ों रुपयों का गबन संबंधी विचारण की न्यायिक निर्णय लेने की शक्ति NCLT को प्राप्त नहीं है , जिसके संबंध में Shrimanta Kumar Tripathy and Anusuya Tripathy v/s S.S. Mining and Infra Private Limited CP (IB) NO. 38/CB/2022 का न्यायदृष्टांत अवलोकनीय है। उक्त न्यायदृष्टांत के तहत NCLT कटक के द्वारा शैलेश कुमार शर्मा वि० डी०एस० लिमिटेड (2019) एस०एस०सी० ऑनलाईन NCLT 1274 के आधार पर ट्रिब्यूनल द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया है कि NCLT धोखाधड़ी संबंधी जांच और विचारण का मंच (फोरम) नहीं है। अतः धोखाधड़ी संबंधी जांच व विचारण अधिकारिता आपराधिक न्यायालयों (जिला क्रिमिनल कोर्ट)को प्राप्त होना दर्शित होता है।
7A/ उक्तानुसार माननीय न्यायालय ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि, NCLT धोखाधड़ी संबंधी जांच और न्यायिक निर्णय का मंच (फोरम) नहीं है। अतः धोखाधड़ी संबंधी जांच व विचारण अधिकारिता आपराधिक न्यायालयों को प्राप्त होना दर्शित होता है।
7B/ उपरोक्तानुसार उल्ल्खित विषयों को माननीय न्यायालय के आदेश में स्पष्ट कर विधिक प्रकाश डाला गया है तथा आवेदक/परिवादी के परिवाद तथा शिकायत में अभिलिखित विषय वस्तु जिन पर माननीय न्यायालय ने अपना उक्त उल्लेखित निर्णय दिया है उन वाद विषयों को अधो हस्ताक्षरी अग्रलिखित बिंदूवार संज्ञान करवा रहा है ।
8/ माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय एवं एफआईआर विषयवस्तु के आधार पर आवेदक/परिवादी का पक्ष निमानूसार है :
आवेदक/परिवादी एवं पीड़ित अजय अग्रवाल निदेशक एस. के. बिल्डवर्क्स प्रा लि (वर्तमान नाम EBPL Ventures Pvt. Ltd.) कार्यालय-4/3, नेहरू परिसर, होटल ग्रांड ढिल्लन के पीछे भिलाई, जिला दुर्ग (छग) के द्वारा न्यायिक दंडाधिकारी दुर्ग (छग) के समक्ष एक परिवाद अंतर्गत धारा 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत आरोपीगण DHHPL के निदेशकगण शशीभूषण शुक्ला, सुधीर अग्रवाल, आशीष जोशी, सुदामा वर्मा, ओमप्रकाश निर्मलकर एवं नीरज वैद चार्टर्ड अकाउंटेंट के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया था जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा संज्ञान लेते हुए उक्त आरोपीगण के विरुद्ध धारा 420,467,468,471 एवं 120 बी, भा.दंड वि. के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया जाने का आदेश 04-03-2024 को दिया गया था जिस पर सुपेला पुलिस द्वारा उक्त धाराओं के तहत अपराध क्रमांक 0241/24 दर्ज की गयी ।
9/ परिवादी से उक्त मामले के सम्बन्ध में संपर्क करने पर व परिवादी से प्राप्त परिवाद पत्र का अवलोकन करने से ज्ञात हुआ कि :-
आवेदक/परिवादी एवं पीड़ित अजय अग्रवाल, तत्कालीन एस०के० बिल्डवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड, वर्तमान में EBPL VENTURE PRIVATE LIMITED के निदेशक के द्वारा आरोपी क्र० 01 शशिभूषण शुक्ला निदेशक DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED एवं आरोपी क्र० 02 सुधीर अग्रवाल निदेशक निदेशक DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED के साथ दिनांक 09.04.2010 JOINT VENTURE AGREEMENT के द्वारा निर्धारित DHPPL कंपनी का निर्माण किया एवं उक्त करार के माध्यम से EBPL VENTURE PRIVATE LIMITED एवं DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED को 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी एवं कार्य विभाजित करने का करार किया गया था । उक्त JOINT VENTURE AGREEMENT दिनांक 09.04.2010 के पंजीकरण दिनांक 22.04.2010 के पश्चात् दोनों पार्टनरशिप कंपनी को 5,000-5,000 शेयर आबंटित किया गया एवं दिनांक 21.02.2011 को पुनः 50,000-50,000 प्रतिशत शेयर आबंटित किया गया परन्तु दिसंबर 2018-जनवरी 2019 के मध्य आरोपी क्र० 01 व 02 के द्वारा सुनियोजित तरीके से JOINT VENTURE COMPANY, DURGA HIGHTECH PROJECT PRIVATE LIMITED (DHPPL) से करोड़ों की रकम गबन करने की मंशा से DCPL 03 कर्मचारी आशीष जोशी, सुदामा वर्मा एवं ओमप्रकाश निर्मलकर को DHPPL में अवैधानिक विधिविरुद्ध प्रक्रिया अपनाते हुए निदेशक के रूप में नियुक्त कर दिनांक 24.01.2019 को षड्यंत्र पूर्वक अपना त्यागपत्र दे दिए, जिसके उपरांत दिनांक 23.02.2019 को JOINT VENTURE AGREEMENT के प्रावधानों के विरूद्ध DHPPL में नवनियुक्त निदेशकों से प्राप्त बहुमत के आधार पर अनियमित व अवैध रूप से बड़ी रकम की अफरा-तफरी की गयी, जो कि कंपनी की बैलेंस शीट वर्ष 2018-19 व 2019-20 के दस्तावेजों से दर्शित है। षड्यंत्र पूर्वक धोखाधड़ी कर लाभ अर्जित करने हेतु आरोपी क्र० 01 व 02 के द्वारा एवं आरोपी क्र० 03, 04 व 05 की सहमति उपरान्त आरोपी क्र० 06 नीरज बैद को DHPPL का सी०ए०/ ऑडिटर विधि विरूद्ध तरीके से नियुक्त कर कूटरचित दस्तावेजों व फर्जी बिल व खर्च दिखाकर कुल ₹1,82,44,593/-रूपये का गबन किया जाना भी ऑडिट रिपोर्ट 2018-19, 2019-20 में दर्शित है।
10/ जनहित और विधिक कार्यवाही के दृष्टिकोण से समीक्षक लेख से ध्यानाकर्षित किए जाने वाला न्याय संगत प्रश्न ?
क्या पुलिस आरोपीगण से निम्म बिंदुओं पर पूछताच कर रही है जिससे विधि अपेक्षित विवेचना जाँच होने का पता चल सके।
जन अपेक्षित जाँच के बिंदु :-
जॉइंट वेंचर्स से निर्मित कंपनी DHPPL में किसी भी समय क्या किसी भी निदेशक को कंपनी के बाकि निदेशकों की / भागीदारों लिखित सहमति के बगैर अपने मन मर्जी से पृथक होने का अधिकार था।
नए निदेशकों की नियुक्ति के पूर्व ROC में लिखित जानकारी देकर क्या विधिवत अनुमति सभी निदेशकों के हस्ताक्षर से प्राप्त की गयी।
क्या DHPPL में नए ऑडिटर/ सी.ए की नियुक्ति के पूर्व कंपनी के पूर्व सभी निदेशकों से लिखित सहमती प्राप्त की गयी।
क्या DHHPL के पूर्व ऑडिटर/ सी.ए से लिखित NOC प्राप्त की गयी थी ।
क्या DHPPL के खाते में जमा राशि ₹1,82,44,593/- रूपये को गबन करने के लिए उक्त साजिशें रची गयी थी।
उक्त राशि को षड्यंत्रपूर्वक गबन करने के उद्देश्य से आरोपीगणों ने ट्रकों की तक़रीबन 24000 ट्रिप के माध्यम से कचरा उठाने का बिल होने की बात कही है उसमे किस किस दिनांक से किस किस स्थान से कितना कितना कचरा किस किस स्थान में डाला गया उस ट्रकों का तक़रीबन 24000 ट्रिप कौन-कौन से ट्रक क्रमांक का बिल संलग्न किया है बिलो की जाँच के सम्बन्ध में क्या विवेचना की जा रही है।
ट्रकों का तक़रीबन 24000 ट्रिपों के वाहन चालकों का बयान लिया जाना प्रकरण के निष्पक्ष जाँच एवं विवेचना हेतु क्या आवश्यक नहीं है।
टूटी रेलवे पांत स्क्रैप के कौन से कचरे को उठाकर किस स्थान पर डाला गया वहां पर के वीडियो ग्राफी CCTV फुटेज को क्या एकत्रित किया जा रहा है।
टूटी रेलवे पांत स्क्रैप की तक़रीबन 24000 ट्रिपों में परिवहन किया गया रेल पांत का भार (10 टन प्रति ट्रिप लेने से )करीब 2,40,000 टन होता है जिसका बाजार मूल्य लौह स्क्रैप का रेट Rs 30,000/- प्रति टन के हिसाब से लगभग 720 करोड़ रूपये होता है। क्या विवेचना अधिकारी इस एंगल से भी विवेचना कर रही है।
720 करोड़ रूपये के मूल्य का लौह स्क्रैप का भुगतान किस कंपनी के मार्फ़त हुआ और उसका पेमेंट कहाँ गया।
रूपये 70 करोड़ के कुल टेका कार्य में 720 करोड़ रूपये के मूल्य का लौह स्क्रैप कहाँ से उत्पन्न होता है क्या विवेचना अधिकारी इस एंगल से भी जाँच करेंगे।
ठेका कार्य का सम्पादन जब 2014 में सम्पूर्ण हो गया था और उसका कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र L &T के द्वारा DHHPL को प्रदान कर दिया गया था तो उसके पश्चात 2017 से 2019 पर टूटी रेल पांत लौह स्क्रैप होने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
क्या आरोपीगण ने सुपेला थाना पुलिस को यह झूठी और विधि विपरीत जानकारी देकर गुमराह किया है कि, NCLT धोखाधड़ी संबंधी जांच और विचारण का मंच (फोरम) है, यह जाँच का विषय है ।
क्या सुपेला थाना के विवेचना अधिकारी पुलिस मामलों की जांच कार्यवाही करने हेतु सुसंगत विधिक जानकारी के अभाव में संदर्भित अपराध मामले में विधि सम्मत निर्णय लेने की बौद्धिक क्षमता विहीन स्थिति में है और उक्त आपराधिक कृत्य के विरुद्ध विधि विपरीत पुलिस कार्यवाही करने का कार्य संपादन कर रही है, यह जाँच का विषय है ।
11/ विधि संगत प्रश्नों से प्रश्नांकित होती सुपेला पुलिस कार्यवाही लोकहित संरक्षण का विषय है ।
संदर्भित पुलिस कार्यवाही पर माननीय न्यायालय के द्वारा विधिक प्रकाश डालने के उपरांत उक्त उल्लेखित बिंदु 10 के विधि संगत प्रश्नों से प्रश्नांकित होती सुपेला पुलिस की अनियमित जांच कार्यवाही विशाल लोकहित और व्यावसायिक वित्तीय व्यवहार के मामलों में विपरीत प्रभाव डालने वाली पुलिस कार्यवाही का उदाहरण है अतः इस मामले में विधिक विश्लेषण किए जाने की न्यायसंगत आवश्यकता है l इसलिए इस विषय के विभिन्न विधिक पहलुओं पर प्रकाश डालने वाले लेख अधोहस्ताक्षरी अभिलिखित कर प्रकाशित कर रहा है जिसके संबंध में यह सूचना पत्र सुपेला पुलिस के माध्यम से श्रीमान पुलिस अधीक्षक दुर्ग व आवेदक/परिवादी एवं आरोपीगण के संज्ञान में लाकर निवेदन कर रहा है कि, अधोहस्ताक्षरी के लेख के संबंध में किसी भी प्रकार की दावा आपत्ति हो तो सूचित करने का कष्ट करें जिससे की उनके पक्ष को भी लेख में उचित स्थान देकर पाठकों तक विधि अपेक्षित विषयों को समावेशित करने वाला लेख प्रस्तुत किया जा सके ।
12/ संदर्भित मामले में धोखाधड़ी की शिकायत पर पुलिस कार्यवाही के विरुद्ध परिवाद निर्णय के आधार पर खड़े किए जाने वाले समीक्षा लेख के प्रश्न :
उल्लेखनीय है कि, संदर्भित जांच कार्यवाही में आवेदक अजय अग्रवाल के द्वारा अभियुक्तों के विरूद्ध Section 126 Companies Act के तहत शिकायत पेश की जानकारी दर्शित होना और इसी गैर विधि सम्मत आधार पर सुपेला पुलिस द्वारा जांच कार्यवाही में विसंगतिपूर्ण विधि विपरीत निर्णय लेकर धोखाधड़ी संबंधी जांच व विचारण अधिकारिता का निर्णय लेकर आरोपीगण के विरुद्ध कार्यवाही नहीं किया जाना व्यथा का विषय है तथा यह व्यर्थनीय पुलिस कार्यवाही दो विधिक विषयों पर सुपेला थाना पुलिस को निम्नलिखित दो विषयों पर प्रश्नांकित करने का आधार बन प्रदान कर रही है कि :
12 A / क्या आरोपीगण ने सुपेला थाना पुलिस को यह झूठी और विधि विपरीत जानकारी देकर गुमराह किया है कि, NCLT धोखाधड़ी संबंधी जांच और विचारण का मंच (फोरम) है।
12 B / क्या सुपेला थाना पुलिस गबन मामलों की जांच कार्यवाही करने हेतु सुसंगत विधिक जानकारी के अभाव में संदर्भित गबन अपराध मामले में विधि सम्मत निर्णय लेने की बौद्धिक क्षमता विहीन स्थिति में है और गबन अपराध के विरुद्ध विधि विपरीत पुलिस कार्यवाही करने का कार्य संपादन कर रही है ।
संदर्भित पुलिस कार्यवाही पर माननीय न्यायालय के द्वारा विधिक प्रकाश डालने के उपरांत उक्त उल्लेखित दोनो विधि संगत प्रश्नों से प्रश्नांकित होती सुपेला पुलिस की अनियमित जांच कार्यवाही विशाल लोकहित और व्यावसायिक वित्तीय व्यवहार के मामलों में विपरीत प्रभाव डालने वाली पुलिस कार्यवाही का उदाहरण है अतः इस मामले में विधिक विश्लेषण किए जाने की न्यायसंगत आवश्यकता है इसलिए इस विषय के विभिन्न विधिक पहलुओं पर प्रकाश डालने वाले लेख अधोहस्ताक्षरी अभिलिखित कर प्रकाशित कर रहा है जिसके संबंध में यह सूचना पत्र सुपेला पुलिस के माध्यम से श्रीमान पुलिस अधीक्षक दुर्ग व आवेदक/परिवादी एवं आरोपीगण के संज्ञान में लाकर निवेदन कर रहा है कि, अधोहस्ताक्षरी के लेख के संबंध में किसी भी प्रकार की दावा आपत्ति हो तो सूचित करने का कष्ट करें जिससे की यू के पक्ष को भी लेख में उचित स्थान देकर पाठकों तक विधि अपेक्षित विषयों को समावेशित करने वाला लेख प्रस्तुत किया जा सके ।
निवेदन किया गया है कि:
आशा है कि, सुपेला थाना माध्यम से श्रीमान पुलिस अधीक्षक दुर्ग व आवेदक/परिवादी एवं आरोपीगण संज्ञान लेकर अपना पक्ष व दावा आपत्ति से अवगत करवायेंगे।
इसी आशा के साथ…..
अमोल मालुसरे
समाज सेवक एवं राजनीतिक विश्लेषक तथा
विधिक कार्यवाहियों का स्वविवेक समीक्षक