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कंपनी मामलों में रुचि रखने वालों के लिए दुर्ग जिले के सुपेला थाना में दर्ज मामला चर्चित हो गया है क्योंकि इस मामले में पुलिस शिकायत पर जब एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो शिकायतकर्ता पक्ष ने न्यायालय की शरण ली और माननीय न्यायालय ने एफआईआर दर्ज करने निर्देश जारी किए…

 पढ़िए पूरा मामला…



मामले का विचारणीय विषय : 

माननीय न्यायालय द्वारा प्रश्नांकित पुलिस कार्यवाही पर दिए गए मार्गदर्शक निर्णय पर थाना सुपेला, भिलाई जिला दुर्ग छत्तीसगढ़ में धारा 154 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दर्ज की गई FIR प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0241 वर्ष 2024 के विषयवस्तु पर की जा रही पुलिस कार्यवाही प्रक्रिया पर समीक्षा लेख लिखे जाने की सूचना देकर प्रतिक्रिया अभिप्राप्त करने बाबत लेख कर इस मामले के विधिक पहलुओं को इस लेख में उल्लेखित किया गया है ।

इस लेख का संज्ञानार्थ संदर्भ:

माननीय न्यायालय कुमारी अंकिता तिग्गा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के न्यायालय से ज्ञापन क्रमांक/क/न्या0मजि0प्र0क्षे0/2024 दुर्ग दिनांक 04/03/2024 का पत्र जिसमे परिवादी अजय कुमार अग्रवाल विरुद्ध शशीभूषण शुक्ला मे अभियुक्त शशीभूषण शुक्ला एवं अन्य के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने बाबत आदेश | 

पुलिस एफआईआर कार्यवाही से संबंधी विधिक विषयों पर प्रतिक्रिया लेने बाबत सभी पक्षकारों से पत्र सूचना देकर सूचित किया गया है और प्रतिक्रिया अभिप्रात्त करने के लिए अग्रलिखित लेख किया गया है 

विषयांतर्गत लेख है कि, संदर्भित न्यायालयीन आदेश पर पुलिस थाने में दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0241 वर्ष 2024 के विषयवस्तु में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि, प्रकरण के आरोपियों के विरुद्ध धारा 420,467,468,471 एवं 120 बी, भादवि के अंतर्गत पुलिस कार्यवाही की जा रही है । इस पुलिस प्रकरण मे पक्षकारों का विवरण अग्रलिखित बिंदु 1, बिंदु 2, बिंदु 3, बिंदु 4 एवं बिंदु 5 में उल्लेखित हैं और इस एफआईआर में प्रथम सूचना तथ्य के तौर पर दर्ज है तथा माननीय न्यायालय ने परिवाद प्रकरण कार्यवाही निर्णय से बाद विषयों पर को विधिक प्रकाश डाला गाय है वह बिंदु … उल्लेखित है :

1/ एफआईआर के प्रथम सूचना तथ्य :

माननीय न्यायालय कुमारी अंकिता तिग्गा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के न्यायालय से ज्ञापन क्रमांक /क/न्या0 मजि0प्र0क्षे0/2024 दुर्ग दिनांक 04/03/2024 का पत्र परिवादी अजय कुमार अग्रवाल विरुद्ध शशीभूषण शुक्ला में दिए गए आदेशानुसार एफआईआर क्रमांक 0241 वर्ष 2024 दर्ज की गई है ।

2/ पुलिस प्रकरण मे निम्नानुसार अभियुक्त हैं : 

  1. शशीभूषण शुक्ला, 

  2. सुधीर अग्रवाल, 

  3. आशीष जोशी, 

  4. सुदामा वर्मा, 

  5. ओमप्रकाश निर्मलकर एवं 

  6. नीरज वैद

न्यायलयीन आदेशानुसार एफआईआर क्रमांक 0241 वर्ष 2024 दर्ज अभियुक्तगण उक्तानुसार है ।

3/ आरोपियों के विरुद्ध अग्रलिखित धाराओं का अपराध दर्ज है :

 उक्त उल्लेखित बिंदु 3 में उल्लेखित आरोपियों के विरुद्ध धारा 420,467,468,471 एवं 120 बी, भादवि के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने बाबत आदेश दिए जाने का उल्लेख एफआईआर में दर्ज किया गया है । 

4/ FIR प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0241 वर्ष 2024 में समक्ष न्यायालय श्रीमान मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दुर्ग (छग) के समक्ष प्रस्तुत परिवाद प्रकरण के आवेदक/परिवादी एवं आरोपीगण का संपर्क विवरण निम्नानुसार दर्शित है जो कि, सुलभ संदर्भ हेतु अग्रलिखित है :

4A/ अजय अग्रवाल 

निदेशक एस. के. बिल्डवर्क्स प्रा लि (वर्तमान नाम EBPL Ventures Pvt. Ltd.) कार्यालय-4/3, नेहरू परिसर, होटल ग्रांड ढिल्लन के पीछे भिलाई, जिला दुर्ग (छग) मो.नं. 9826390680 

……………..आवेदक/परिवादी

// विरुद्ध// 

4B1. शशीभूषण शुक्ला आ स्व चक्रपाणी शुक्ला उम्र 55 वर्ष.. निदेशक दुर्गा कॉन्टिनेंटल प्राइवेट लिमिटेड (DCPL) एवं दुर्गा कैरियर्स प्राइवेट लिमिटेड (DCrPL) कार्यालय पता-किसान राइस मिल के पास बलौदाबाजार जिला बलौदाबाजार (छग) निदेशक ज्वाइंट वेंचर से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्रायवेट लिमिटेड (DHPPL) पंजीकृत कार्यालय-डी आर वर्मा साहू हॉस्पिटल के पीछे बलौदाबाजार जिला बलौदाबाजार (छग) 

4B2. सुधीर अग्रवाल आ. नामालूम, उम्र 58 वर्ष लगभग, कार्यालय पता- निदेशक दुर्गा कॉन्टिनेंटल प्राइवेट लिमिटेड (DCPL) एवं दुर्गा कैरियर्स प्राइवेट लिमिटेड (DCrPL) कार्यालय पता - किसान राइस मिल के पास बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) निदेशक ज्वाइंट वेंचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्रायवेट लिमिटेड (DHPPL) पंजीकृत कार्यालय डी. आर. वर्मा, साहू, हॉस्पिटल के पीछे, बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) 

4B3. आशीष जोशी आ. गोविंद लाल जोशी, उम्र लगभग 47 वर्ष लगभग निदेशक ज्वाइंट वेंचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्रायवेट लिमिटेड (DHPPL) कार्यालय पता किसन राईसमिल के पास बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) निदेशक ज्वाइंट वेंचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्रायवेट लिमिटेड (DHPPL) पंजीकृत कार्यालय - डी. आर. वर्मा, साहू, हॉस्पिटल के पीछे बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) 

4B4. सुदामा वर्मा आ. ननकूराम वर्मा, उम्र 54 वर्ष निदेशक ज्वाइंट वेंचर्स  से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (DHPPL) कार्यालय पता किसान राइस मिल के पास बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) निदेशक ज्वाइंट वेचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (DHPPL) पंजीकृत कार्यालय डी. आर. वर्मा, साहू, हॉस्पिटल के पीछे बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) 

4B5 -ओमप्रकाश निर्मलकर आ. धनरूराम निर्मलकर उम्र 37 वर्ष निदेशक ज्वाइंट वेचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (DHPPL) कार्यालय पता-किसान राइस मिल के पास बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) निदेशक ज्वाइंट वेचर्स से निर्मित कंपनी (DHPPL) दुर्गा हाईटेक प्रोजेक्ट्स प्रायवेट लिमिटेड (DHPPL) पंजीकृत कार्यालय डी. आर. वर्मा, साहू, हॉस्पिटल के पीछे बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार (छग) 

4B6. नीरज बैद (चार्टर्ड एकाउंटेंट) जैन एण्ड बैद चार्टर्ड एकाउंटेंट पता-पंजीकृत कार्यालय प्रथम तल एस.यू. आर वर्मा कॉम्प्लेक्स श्याम टाकीज रोड बुढापारा रायपुर तह० व जिला रायपुर (छग) 

………………… आरोपीगण 

5. आवेदक/परिवादी द्वारा की गई शिकायत का तारतम्य उल्लेख किया गया है।

माननीय न्यायालय के आदेश में अभिलिखित है कि, थाना प्रभारी सुपेला एवं पुलिस अधीक्षक दुर्ग के समक्ष शिकायत किये जाने के पश्चात् भी अभियुक्तगण के विरूद्ध प्र०सू०रि० दर्ज नहीं की गयी थी। अतः परिवादी द्वारा प्रस्तुत आवेदन पेश कर अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 120 बी सहपठित धारा 34 भा०द०सं० के तहत अपराध पंजीबद्ध किये जाने हेतु संबंधित थाने को आदेशित किये जाने का निवेदन किया गया है।

6/ समीक्षा लेख से पूर्व आवेदन पत्र एवं आवेदन पत्र के साथ संलग्न दस्तावेजों का अध्यन किया गया ।

आवेदन पत्र के साथ संलग्न दस्तावेज के अवलोकन से दर्शित है कि आवेदक अजय अग्रवाल, तत्कालीन एस०के० बिल्डवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड, वर्तमान में EBPL VENTURE PRIVATE LIMITED के निदेशक के द्वारा अभियुक्त क्र० 01 शशिभूषण शुक्ला निदेशक DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED एवं अभियुक्त क्र० 02 सुधीर अग्रवाल निदेशक निदेशक DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED के साथ दिनांक 09.04.2010 JOINT VENTURE AGREEMENT के द्वारा निर्धारित DHPPL कंपनी का निर्माण किया एवं उक्त करार के माध्यम से EBPL VENTURE PRIVATE LIMITED एवं DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED को 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी एवं कार्य विभाजित करने का करार किया गया था । उक्त JOINT VENTURE AGREEMENT दिनांक 09.04.2010 के पंजीकरण दिनांक 22.04.2010 के पश्चात् दोनों पार्टनरशिप कंपनी को 5,000-5,000 शेयर आबंटित किया गया एवं दिनांक 21.02.2011 को पुनः 50,000-50,000 प्रतिशत शेयर आबंटित किया गया परन्तु दिसंबर 2018-जनवरी 2019 के मध्य अभियुक्त क्र० 01 व 02 के द्वारा सुनियोजित तरीके से JOINT VENTURE COMPANY, DURGA HIGHTECH PROJECT PRIVATE LIMITED (DHPPL) से करोड़ों की रकम गबन करने की मंशा से अपनी पूर्व भागीदारी कंपनी के 03 निदेशक आशीष जोशी, सुदामा वर्मा एवं ओमप्रकाश निर्मलकर को DHPPL में अवैध रूप से नियुक्त कर दिनांक 24.01.2019 को अपना त्यागपत्र दे दिया गया, जिसके उपरांत दिनांक 23.02.2019 को JOINT VENTURE AGREEMENT के प्रावधानों के विरूद्ध DHPPL में नवनियुक्त निदेशकों से प्राप्त बहुमत के आधार पर अनियमित व अवैध रूप से बड़ी रकम की अफरा-तफरी की गयी, जो कि कंपनी की बैलेंस शीट वर्ष 2018-19 व 2019-20 के दस्तावेजों से दर्शित है। षड्यंत्र पूर्वक धोखाधड़ी कर लाभ अर्जित करने हेतु अभियुक्त क्र० 01 व 02 के द्वारा एवं सहअभियुक्त क्र० 03, 04 व 05 की सहमति उपरान्त अभियुक्त क्र० 06 नीरज बैद को DHPPL का सी०ए० विधि विरूद्ध तरीके से नियुक्त कर कूटरचित दस्तावेजों व फर्जी बिल व खर्च दिखाकर कुल ₹1,82,44,593/-रूपये का गबन किया जाना भी ऑडिट रिपोर्ट 2018-19, 2019-20 में दर्शित है।

7/ माननीय न्यायालय के आदेश और एफआईआर कार्यवाही में उल्लेखित वाद विषय ।

उक्त बिंदु 1 से बिंदु 7 में उल्लिखित वाद विषय एवं संपूर्ण घटना के संबंध में थाना प्रभारी थाना सुपेला का जांच प्रतिवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत है। थाना प्रभारी महोदय ने उक्त धोखाधड़ी संबंधी मामला NATIONAL COMPANY LAW TRIBUNAL (NCLT) कटक में दायर होना बताते हुए NCLT कटक के स्टेटस रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, जिसके आधार पर NCLT कटक की वेबसाईट पर आवेदक अजय अग्रवाल के द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध Section 126 Companies Act के तहत शिकायत पेश करना दर्शित है। NCLT कटक के समक्ष Section 126 Companies Act के तहत वाद दायर होना दर्शित है। Section 126 Companies Act मूलतः शेयरों के हस्तांतरण का पंजीकरण लंबित रहने तक लाभांस का अधिकार, वरन् उक्त व लाभांस के आबंटन, शेयर के हस्तांतरण, शेयर अधिकार और बोनस शेयर स्थगित करने हेतु प्रावधानित करता है फ़र्जी ट्रांसपोर्टेशन बिल बनाकर करोड़ों रुपयों का गबन संबंधी विचारण की न्यायिक निर्णय लेने की शक्ति NCLT को प्राप्त नहीं है , जिसके संबंध में Shrimanta Kumar Tripathy and Anusuya Tripathy v/s S.S. Mining and Infra Private Limited CP (IB) NO. 38/CB/2022 का न्यायदृष्टांत अवलोकनीय है। उक्त न्यायदृष्टांत के तहत NCLT कटक के द्वारा शैलेश कुमार शर्मा वि० डी०एस० लिमिटेड (2019) एस०एस०सी० ऑनलाईन NCLT 1274 के आधार पर ट्रिब्यूनल द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया है कि NCLT धोखाधड़ी संबंधी जांच और विचारण का मंच (फोरम) नहीं है। अतः धोखाधड़ी संबंधी जांच व विचारण अधिकारिता आपराधिक न्यायालयों (जिला क्रिमिनल कोर्ट)को प्राप्त होना दर्शित होता है।

7A/ उक्तानुसार माननीय न्यायालय ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि, NCLT धोखाधड़ी संबंधी जांच और न्यायिक निर्णय का मंच (फोरम) नहीं है। अतः धोखाधड़ी संबंधी जांच व विचारण अधिकारिता आपराधिक न्यायालयों को प्राप्त होना दर्शित होता है। 

7B/ उपरोक्तानुसार उल्ल्खित विषयों को माननीय न्यायालय के आदेश में स्पष्ट कर विधिक प्रकाश डाला गया है तथा आवेदक/परिवादी के परिवाद तथा शिकायत में अभिलिखित विषय वस्तु जिन पर माननीय न्यायालय ने अपना उक्त उल्लेखित निर्णय दिया है उन वाद विषयों को अधो हस्ताक्षरी अग्रलिखित बिंदूवार संज्ञान करवा रहा है ।

8/ माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय एवं एफआईआर विषयवस्तु के आधार पर आवेदक/परिवादी का पक्ष निमानूसार है :

आवेदक/परिवादी एवं पीड़ित अजय अग्रवाल निदेशक एस. के. बिल्डवर्क्स प्रा लि (वर्तमान नाम EBPL Ventures Pvt. Ltd.) कार्यालय-4/3, नेहरू परिसर, होटल ग्रांड ढिल्लन के पीछे भिलाई, जिला दुर्ग (छग) के  द्वारा न्यायिक दंडाधिकारी दुर्ग (छग) के समक्ष एक परिवाद अंतर्गत धारा 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत आरोपीगण DHHPL के निदेशकगण शशीभूषण शुक्ला, सुधीर अग्रवाल, आशीष जोशी, सुदामा वर्मा, ओमप्रकाश निर्मलकर एवं नीरज वैद चार्टर्ड अकाउंटेंट के विरूद्ध  प्रस्तुत किया गया था जिस पर माननीय  न्यायालय द्वारा संज्ञान लेते हुए उक्त आरोपीगण के विरुद्ध धारा 420,467,468,471 एवं 120 बी, भा.दंड वि. के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया जाने का आदेश 04-03-2024 को दिया गया था जिस पर सुपेला पुलिस द्वारा उक्त धाराओं के तहत अपराध क्रमांक 0241/24 दर्ज की गयी ।

9/ परिवादी से उक्त मामले के सम्बन्ध में संपर्क करने पर व परिवादी से प्राप्त परिवाद पत्र  का अवलोकन करने से ज्ञात हुआ कि :-

आवेदक/परिवादी एवं पीड़ित अजय अग्रवाल, तत्कालीन एस०के० बिल्डवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड, वर्तमान में EBPL VENTURE PRIVATE LIMITED के निदेशक के द्वारा आरोपी  क्र० 01 शशिभूषण शुक्ला निदेशक DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED एवं आरोपी क्र० 02 सुधीर अग्रवाल निदेशक निदेशक DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED के साथ दिनांक 09.04.2010 JOINT VENTURE AGREEMENT के द्वारा निर्धारित DHPPL कंपनी का निर्माण किया एवं उक्त करार के माध्यम से EBPL VENTURE PRIVATE LIMITED एवं DURGA CONTINENTAL PRIVATE LIMITED को 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी एवं कार्य विभाजित करने का करार किया गया था । उक्त JOINT VENTURE AGREEMENT दिनांक 09.04.2010 के पंजीकरण दिनांक 22.04.2010 के पश्चात् दोनों पार्टनरशिप कंपनी को 5,000-5,000 शेयर आबंटित किया गया एवं दिनांक 21.02.2011 को पुनः 50,000-50,000 प्रतिशत शेयर आबंटित किया गया परन्तु दिसंबर 2018-जनवरी 2019 के मध्य आरोपी  क्र० 01 व 02 के द्वारा सुनियोजित तरीके से JOINT VENTURE COMPANY, DURGA HIGHTECH PROJECT PRIVATE LIMITED (DHPPL) से करोड़ों की रकम गबन करने की मंशा से DCPL 03 कर्मचारी  आशीष जोशी, सुदामा वर्मा एवं ओमप्रकाश निर्मलकर को DHPPL में अवैधानिक विधिविरुद्ध प्रक्रिया अपनाते हुए निदेशक के रूप में  नियुक्त कर दिनांक 24.01.2019 को षड्यंत्र पूर्वक अपना त्यागपत्र दे दिए, जिसके उपरांत दिनांक 23.02.2019 को JOINT VENTURE AGREEMENT के प्रावधानों के विरूद्ध DHPPL में नवनियुक्त निदेशकों से प्राप्त बहुमत के आधार पर अनियमित व अवैध रूप से बड़ी रकम की अफरा-तफरी की गयी, जो कि कंपनी की बैलेंस शीट वर्ष 2018-19 व 2019-20 के दस्तावेजों से दर्शित है। षड्यंत्र पूर्वक धोखाधड़ी कर लाभ अर्जित करने हेतु आरोपी क्र० 01 व 02 के द्वारा एवं आरोपी क्र० 03, 04 व 05 की सहमति उपरान्त आरोपी  क्र० 06 नीरज बैद को DHPPL का सी०ए०/ ऑडिटर  विधि विरूद्ध तरीके से नियुक्त कर कूटरचित दस्तावेजों व फर्जी बिल व खर्च दिखाकर कुल ₹1,82,44,593/-रूपये का गबन किया जाना भी ऑडिट रिपोर्ट 2018-19, 2019-20 में दर्शित है।

10/ जनहित और विधिक कार्यवाही के दृष्टिकोण से समीक्षक लेख से ध्यानाकर्षित किए जाने वाला न्याय संगत प्रश्न ?

क्या पुलिस आरोपीगण से निम्म बिंदुओं पर पूछताच कर रही है जिससे विधि अपेक्षित विवेचना जाँच होने का पता चल सके।  

जन अपेक्षित जाँच के बिंदु :- 

  1. जॉइंट वेंचर्स से निर्मित कंपनी DHPPL में किसी भी समय क्या किसी भी निदेशक को कंपनी के बाकि निदेशकों की / भागीदारों लिखित सहमति के बगैर अपने मन मर्जी से पृथक होने का अधिकार था।  

  2. नए निदेशकों की नियुक्ति के पूर्व ROC में  लिखित जानकारी देकर क्या विधिवत अनुमति सभी निदेशकों के हस्ताक्षर से प्राप्त की गयी।  

  3. क्या DHPPL में नए ऑडिटर/ सी.ए  की नियुक्ति के पूर्व कंपनी के पूर्व सभी निदेशकों से लिखित सहमती प्राप्त की गयी।  

  4. क्या DHHPL के पूर्व ऑडिटर/ सी.ए से लिखित NOC प्राप्त की गयी थी ।  

  5. क्या DHPPL के खाते  में जमा  राशि  ₹1,82,44,593/- रूपये को गबन  करने के लिए उक्त साजिशें रची गयी थी।  

  6. उक्त राशि को षड्यंत्रपूर्वक गबन करने के उद्देश्य से आरोपीगणों ने ट्रकों की तक़रीबन 24000 ट्रिप के माध्यम से कचरा उठाने का बिल होने की बात कही है उसमे किस किस दिनांक से किस किस स्थान से कितना कितना कचरा किस किस स्थान में डाला गया उस ट्रकों का तक़रीबन 24000 ट्रिप कौन-कौन से ट्रक क्रमांक का बिल संलग्न किया है बिलो की जाँच के सम्बन्ध में क्या विवेचना की जा रही है।  

  7.  ट्रकों का तक़रीबन 24000 ट्रिपों के वाहन चालकों का  बयान लिया जाना प्रकरण के निष्पक्ष जाँच एवं विवेचना हेतु क्या आवश्यक नहीं है।  

  8. टूटी रेलवे पांत स्क्रैप के कौन से कचरे को उठाकर किस स्थान पर डाला गया वहां पर के वीडियो ग्राफी CCTV फुटेज को क्या एकत्रित किया जा रहा है।  

  9. टूटी रेलवे पांत स्क्रैप की तक़रीबन 24000 ट्रिपों में परिवहन किया गया रेल पांत का भार (10 टन प्रति ट्रिप लेने से )करीब  2,40,000 टन होता है जिसका बाजार मूल्य लौह स्क्रैप का रेट  Rs 30,000/- प्रति टन  के हिसाब से लगभग 720  करोड़ रूपये होता है। क्या विवेचना अधिकारी इस एंगल से भी विवेचना कर रही है।   

  10.  720  करोड़ रूपये के मूल्य का लौह स्क्रैप का भुगतान किस कंपनी के मार्फ़त हुआ और उसका पेमेंट कहाँ गया।  

  11. रूपये 70 करोड़ के कुल टेका कार्य में  720 करोड़ रूपये के मूल्य का लौह स्क्रैप कहाँ से उत्पन्न होता है क्या विवेचना अधिकारी इस एंगल से भी जाँच करेंगे।  

  12. ठेका कार्य का सम्पादन जब 2014 में सम्पूर्ण हो गया था और उसका कार्य पूर्णता  प्रमाण पत्र L &T के द्वारा DHHPL को प्रदान कर दिया गया था तो उसके पश्चात 2017 से 2019 पर टूटी रेल पांत लौह स्क्रैप होने का प्रश्न ही नहीं उठता है।  

  13. क्या आरोपीगण ने सुपेला थाना पुलिस को यह झूठी और विधि विपरीत जानकारी देकर गुमराह किया है कि, NCLT धोखाधड़ी संबंधी जांच और विचारण का मंच (फोरम) है, यह जाँच का विषय है ।

  14. क्या सुपेला थाना के विवेचना अधिकारी पुलिस मामलों की जांच कार्यवाही करने हेतु सुसंगत विधिक जानकारी के अभाव में संदर्भित अपराध मामले में विधि सम्मत निर्णय लेने की बौद्धिक क्षमता विहीन स्थिति में है और उक्त आपराधिक कृत्य के विरुद्ध विधि विपरीत पुलिस कार्यवाही करने का कार्य संपादन कर रही है, यह जाँच का विषय है ।

11/ विधि संगत प्रश्नों से प्रश्नांकित होती सुपेला पुलिस कार्यवाही लोकहित संरक्षण का विषय है ।

संदर्भित पुलिस कार्यवाही पर माननीय न्यायालय के द्वारा विधिक प्रकाश डालने के उपरांत उक्त उल्लेखित बिंदु 10 के विधि संगत प्रश्नों से प्रश्नांकित होती सुपेला पुलिस की अनियमित जांच कार्यवाही विशाल लोकहित और व्यावसायिक वित्तीय व्यवहार के मामलों में विपरीत प्रभाव डालने वाली पुलिस कार्यवाही का उदाहरण है अतः इस मामले में विधिक विश्लेषण किए जाने की न्यायसंगत आवश्यकता है l इसलिए इस विषय के विभिन्न विधिक पहलुओं पर प्रकाश डालने वाले लेख अधोहस्ताक्षरी अभिलिखित कर प्रकाशित कर रहा है जिसके संबंध में यह सूचना पत्र सुपेला पुलिस के माध्यम से श्रीमान पुलिस अधीक्षक दुर्ग व आवेदक/परिवादी एवं आरोपीगण के संज्ञान में लाकर निवेदन कर रहा है कि, अधोहस्ताक्षरी के लेख के संबंध में किसी भी प्रकार की दावा आपत्ति हो तो सूचित करने का कष्ट करें जिससे की उनके पक्ष को भी लेख में उचित स्थान देकर पाठकों तक विधि अपेक्षित विषयों को समावेशित करने वाला लेख प्रस्तुत किया जा सके ।

12/ संदर्भित मामले में धोखाधड़ी की शिकायत पर पुलिस कार्यवाही के विरुद्ध परिवाद निर्णय के आधार पर खड़े किए जाने वाले समीक्षा लेख के प्रश्न :

उल्लेखनीय है कि, संदर्भित जांच कार्यवाही में आवेदक अजय अग्रवाल के द्वारा अभियुक्तों के विरूद्ध Section 126 Companies Act के तहत शिकायत पेश की जानकारी दर्शित होना और इसी गैर विधि सम्मत आधार पर सुपेला पुलिस द्वारा जांच कार्यवाही में विसंगतिपूर्ण विधि विपरीत निर्णय लेकर धोखाधड़ी संबंधी जांच व विचारण अधिकारिता का निर्णय लेकर आरोपीगण के विरुद्ध कार्यवाही नहीं किया जाना व्यथा का विषय है तथा यह व्यर्थनीय पुलिस कार्यवाही दो विधिक विषयों पर सुपेला थाना पुलिस को निम्नलिखित दो विषयों पर प्रश्नांकित करने का आधार बन प्रदान कर रही है कि :

 12 A /  क्या आरोपीगण ने सुपेला थाना पुलिस को यह झूठी और विधि विपरीत जानकारी देकर गुमराह किया है कि, NCLT धोखाधड़ी संबंधी जांच और विचारण का मंच (फोरम) है।

  12 B /  क्या सुपेला थाना पुलिस गबन मामलों की जांच कार्यवाही करने हेतु सुसंगत विधिक जानकारी के अभाव में संदर्भित गबन अपराध मामले में विधि सम्मत निर्णय लेने की बौद्धिक क्षमता विहीन स्थिति में है और गबन अपराध के विरुद्ध विधि विपरीत पुलिस कार्यवाही करने का कार्य संपादन कर रही है ।


संदर्भित पुलिस कार्यवाही पर माननीय न्यायालय के द्वारा विधिक प्रकाश डालने के उपरांत उक्त उल्लेखित दोनो विधि संगत प्रश्नों से प्रश्नांकित होती सुपेला पुलिस की अनियमित जांच कार्यवाही विशाल लोकहित और व्यावसायिक वित्तीय व्यवहार के मामलों में विपरीत प्रभाव डालने वाली पुलिस कार्यवाही का उदाहरण है अतः इस मामले में विधिक विश्लेषण किए जाने की न्यायसंगत आवश्यकता है इसलिए इस विषय के विभिन्न विधिक पहलुओं पर प्रकाश डालने वाले लेख अधोहस्ताक्षरी अभिलिखित कर प्रकाशित कर रहा है जिसके संबंध में यह सूचना पत्र सुपेला पुलिस के माध्यम से श्रीमान पुलिस अधीक्षक दुर्ग व आवेदक/परिवादी एवं आरोपीगण के संज्ञान में लाकर निवेदन कर रहा है कि, अधोहस्ताक्षरी के लेख के संबंध में किसी भी प्रकार की दावा आपत्ति हो तो सूचित करने का कष्ट करें जिससे की यू के पक्ष को भी लेख में उचित स्थान देकर पाठकों तक विधि अपेक्षित विषयों को समावेशित करने वाला लेख प्रस्तुत किया जा सके ।

निवेदन किया गया है कि:

आशा है कि, सुपेला थाना माध्यम से श्रीमान पुलिस अधीक्षक दुर्ग व आवेदक/परिवादी एवं आरोपीगण संज्ञान लेकर अपना पक्ष व दावा आपत्ति से अवगत करवायेंगे।

इसी आशा के साथ…..

अमोल मालुसरे

समाज सेवक एवं राजनीतिक विश्लेषक तथा

विधिक कार्यवाहियों का स्वविवेक समीक्षक 


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मेरा दृष्टिकोण:- छल कपट के आरोपी पक्षकार शशिभूषण शुक्ला और सुधीर अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ गयी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने विधिक मुद्दों के आधार पर हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। गौरतलब रहे कि, छत्तीसगढ़ के जिला बलौदाबाजार में महिर्षि महेश योगी के ट्रस्ट SRM Spiritual Regenerartion Movement Foundation of India की बलौदाबाजार स्थित दो जमींनों को गलत तरीके से रजिस्ट्री कर के हड़पने के आरोपित मामले में जिला सत्र न्यायालय बलौदाबाजार ने सुनवाई कर इन दोनों आरोपियों शशिभूषण शुक्ला और सुधीर अग्रवाल को आरोपी बताते हुए इनके विरुद्ध में क्रिमिनल धाराएं 419, 420, 465, 467, 468, 471, 16, 212, 217 & 120B इंगित करते हुए दिनांक 10-11-2014 एवं 22-11-2014 को निर्णय जारी करते किया और निर्देशित किया की स्थानीय पुलिस स्टेशन बलौदाबाजार में FIR दर्ज करने का आदेश दिया इसके पश्चात आरोपियों ने अपना प्रभाव दिखाकर तथा भ्रमित करने वाले चार अलग-अलग आवेदन देकर पुनरीक्षण केस को हाई कोर्ट बिलासपुर में दाखिल करवाया जिसमे हाई कोर्ट बिलासपुर ने तथाकथित तौर पर बिना तथ्यों की जाँच करते हुए FIR को निरस्त करने का आदेश नौ साल बाद दिनांक 09-08-2023 को कर दिया था।

  हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है और मार्गदर्शक निर्णय देकर... संस्थागत मामलों के अपराधिक कृत्यों पर की जाने वाली पुलिस कार्यवाही पर विधिक प्रकाश डाला है.... आरोपियों के द्वारा हाई कोर्ट बिलासपुर के समक्ष क्रिमिनल (Criminal) केस को दीवानी (Civil) केस दिखाकर निरस्त करवा लिया गया था लेकिन SRM Spiritual Regenerartion Movement Foundation of India के प्राधिकारियों ने उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए क्राइम केस न:- 486 /2014 के संबंध में दिनांक 22-10-2024 को सुप्रीम कोर्ट से आदेश प्राप्त करके खारिज करवाया और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को दोबारा इस केस के तथ्यों को पुनः जाँच कर के क्रिमिनल केस की समूर्ण विवेचना करने का न्यायालयीन परामर्श दिलवा दिया है। भ्रामक जानकारी के आधार पर आरोपियों ने प्राप्त किया विधि विरुद्ध लाभ    आरोपियों ने हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में 10 साल से लंबित मामले का सम्पूर्ण लाभ उठाते हुए लोकल पुलिस से इस केस की विवेचना एवं चार्जशीट किया है क्या यह लंबित चार्जशीट कार्यवाही...

भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मियों की मनोभावनाओं से खिलवाड़ करके… अपनी राजनैतिक रोटी सेकने वाले… चालबाज विधायक देवेंद्र यादव ने… पुनः एक बार बीएसपी कर्मियों के भावनात्मक ज़ख्मों को कुरदने वाला कार्य व्यवहार किया है… जिसका खुलासा विगत 19 मार्च के विधानसभा प्रश्न कार्यवाही से उजागर हुआ है… जिसमें विधायक देवेंद्र के द्वारा पूछे गए विधानसभा प्रश्नों का मुंहतोड़ प्रशासकीय जवाब… छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री ओ.पी.चौधरी ने दिया है… उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री के जवाब का विषयवस्तु स्पष्ट करता है कि, विधानसभा चुनाव जीतने के लिए विधायक देवेंद्र ने बीएसपी कर्मियों को बेवकूफ बनाओ का कूटनीतिक कार्य व्यवहार अपनाकर चुनाव जीता है….

बी.एस.पी प्रबंधन को लीज डीड अनुबंध पंजीयन हेतु प्राप्त आवेदनों के विषय की कूटनीतिक और छल-कपटपूर्ण राजनीति पर प्रकाश डाल रहे है… मौकापरस्त विधायक देवेंद्र के विधानसभा प्रश्न… पढ़िए कैसे ? बीएसपी लीज मामले में विधायक देवेंद्र यादव की धोखाधड़ी उजागर हुई   छत्तीसगढ़ विधानसभा कार्यवाही 19 मार्च से भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मियों को आहत करने वाला मामला सामने आया गौर तलब रहे कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा प्रश्न क्रम 1. प्रश्न क्रमांक. 186 से विधायक देवेन्द्र ने चार प्रश्न पूछे… जिसका जवाब छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त मंत्री ने दिया है जिसके बाद विधायक देवेंद्र यादव के कथनी और करनी के बीच का भ्रम स्पष्ट हो गया और यह भी स्पष्ट हो गया कि… विधायक देवेंद्र ने विगत विधानसभा चुनावों के पहले कैसे बीएसपी आवासीय मकान के लीज मामले मतदाताओं को गुमराह किया है… पढ़िए विधायक देवेंद्र के विधानसभा प्रश्न और मंत्री द्वारा दिया गया जवाब तथा विधायक देवेंद्र यादव के कूटनीतिक छलावे पर प्रकाश डालने वाले विचारणीय पहलू… विधायक देवेंद्र का प्रश्न क्रमांक 186/1  क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बी.एस.पी प...

कुलपति हेमचंद विश्वविद्यालय का गैर जिम्मेदाराना कार्य व्यवहार कब तक जारी रहेगा ? इस प्रश्न पर जल्द ही विराम लग जायेगा क्योंकि सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख ने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार को नोटिस देकर… कई ऐसे प्रशासकीय प्रश्न पूछ दिए हैं… जिसका उत्तर देने से… कुलपति और रजिस्ट्रार ये दोनों गैरजिम्मेदार अधिकारी भाग रहें… पढ़िए मामला….

मामला जनहित का.... दुर्ग का शासकीय विश्वविद्यालय अनियमितताओं के मामले अब न्यायायलय की कार्यवाही प्रकरण का स्वरूप लेने की दिशा बढ़ रहे है विश्वविद्यालय हित रक्षण के लिए विधि का सहारा लेकर निशा देशमुख दे रहीं है चुनौती… प्रदेश की विगत भूपेश बघेल सरकार कार्यकाल में तो दुर्ग जिला वीआईपी जिला था क्योंकि इसी दुर्ग जिले से मुख्यमंत्री गृहमंत्री कृषि मंत्री जैसे पदो पर काबिज विधायक थे लेकिन इन्होंने दुर्ग जिले के शासकीय विश्वविद्यालय को अनियमितताओं से मुक्त करवाने की जिम्मेदारी नहीं निभाई… परिणामस्वरूप हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार को विश्वविद्यालय की पारदर्शिता को गैर जिम्मेदाराना कार्य व्यवहार कर अनियमितताओं के हवाले करने का विधि विरुद्ध  अवसर मिला… जिसको रोकने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख पहल कर चुकी है… इसलिए निशा देशमुख की विधिक नोटिस चर्चा का विषय बन गया है… छात्र संगठनों की निष्क्रियता कब समाप्त होगी ? विद्यार्थी परिषद को महत्व अब मिलेगा ! उल्लेखनीय है कि, हेमचंद विश्वविद्यालय के प्रशासन का प्रमुख घटक विद्यार्थी परिषद को हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलप...

अविभाजित भिलाई निगम के संपत्ति का लेखा-जोखा पारदर्शिता के दायरे में नहीं होने कर कारण भिलाई और रिसाली निगम को भारी नुकसान पहुंचाने वाले जमीन दलालों को फायदा हुआ है… वहीं दूसरी ओर आम-जनता जो अपनी जीवन भर के मेहनत की कमाई से महंगे भूखंड खरीद कर मकान बनाती है… उसे नगर पालिक निगम भिलाई और रिसाली के प्रशासन की अनियमितताओं के कारण ठगी का शिकार होने की चिंताजनक संभावना का सामान करना पड़ रहा था… इसलिए महापौरगण को अग्रलिखित बिंदुवार भूमि लेखा-जोखा संज्ञान नोटिस देकर प्रश्नांकित किया गया है..! पढ़िए पूरा मामला और नोटिस…

जन सामान्य के आवासीय प्रयोजन के भूखंडों का नियमितीकरण मामला नोटिस कार्यवाही प्रक्रिया से पारदर्शिता के दायरे में आयेगा… मौकापरस्त महापौर अब जन-सामान्य की समस्याओं को नजरंदाज करने की स्थिति में नहीं रहेंगे… अविभाजित भिलाई निगम में विगत कई वर्षों से लगातार कांग्रेस की शहर सरकार रहीं है… निगम महापौर भी कांग्रेस का रहा है… जिसने अविभाजित भिलाई निगम और विभाजित रिसाली एवं भिलाई निगम की संपत्ति का लेखा-जोखा पारदर्शिता के दायरे में लाने की पदेन जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया है जिसके कारण नोटिस देकर कार्यवाही करने की परिस्थिति बनी है… नोटिस Download लिंक 👇क्लिक करें 👇 https://drive.google.com/file/d/152ki3rd2ZzJRzu-pB_LDlrLpYwz9WqGR/view?usp=drivesdk पार्षद अब अपने प्राधिकार का उपयोग कर महापौर की पदेन जिम्मेदारी तय करवायेगें  जन सामान्य स्तर से की गई संज्ञान नोटिस पर अब पार्षद संज्ञान लेकर निगम महापौर से अपने वार्ड के शासकीय अचल संपत्ति ब्यौरा मांगने के बाध्य हो गए हैं क्योंकि… इस नोटिस की प्रति सभी पार्षदों को व्हाट्सएप पर दी गई है और पार्षद चाहें तो निगम आयुक्त से विधिवत इसकी छायाप्...

भूपेश सरकार की नाकामी को उजागर कर रहा है विधायक देवेंद्र… भिलाई की कामकाजी महिलाओं को तर्क विहीन संभावना बताकर भावनात्मक आधार पर गुमराह करने का मामल है : भिलाई का सी-मार्ट व्यवस्थापन कार्य व्यवहार... इसलिए आमंत्रित है विधायक देवेंद्र यादव… सी-मार्ट की नोट शीट और मूल नस्ती के साथ.. “विशेष चर्चा के लिए”... सार्वजनिक मंच पर आईए… विधायक महोदय…

कामकाजी महिलाओं की आर्थिक स्थिति से खिलवाड़ का मामल विधानसभा कार्यवाही के बाद से पारदर्शिता के दायरे में आ रहा है । भिलाई क्षेत्र की कामकाजी महिलाओं को अपूर्णीय आर्थिक क्षति पहुंचाने वाली विगत भूपेश सरकार की  "ख्याली पुलाव साबित होने वाली योजना सी-मार्ट" पर विगत वर्षों से जमी अनियमितताओं की धूल को हटाने वाल विधानसभा प्रश्न इस योजना से व्यथित महिलाओं के बीच विशेष चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि विधानसभा सत्र दिनांक 25 फरवरी, 2025 का प्रश्न क्रम 25. प्रश्न क्र. 176 से विधायक देवेन्द्र यादव ने प्रश्न पूछा कि, क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि, 1/ नगर पालिका निगम भिलाई के अंतर्गत संचालित सी-मार्ट की वर्तमान स्थिति क्या है ?  2/ क्या उनका संचालन किया जा रहा है ?  3/ यदि हां तो उनमें किन उत्पादनों का विक्रय किया जा रहा है ?  4/ यदि बंद है तो उसको पुनः संचालित कब तक किया जाएगा, जानकारी देवें ? उल्लेखनीय है कि, विधायक देवेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ की विगत भूपेश सरकार की नाकामी और भिलाई नगर निगम के महापौर की तर्क विहीन प्रशासकीय कार्य नीति तथा शासकीय कोष को क्षत...

छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल का मुख्य कार्य प्रदेश में होने वाले प्रदूषण को विधिवत नियंत्रित करना और ऐसी प्रदूषण गतिविधियों को रोकना और समूल ख़त्म करना है जिसकी अनिवार्य आवश्यकता आम आदमी को नहीं है… लेकिन छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल का सदस्य सचिव अपने पदेन कर्तव्य को पूरा करने की मंशा से कार्य करता नजर नहीं आ रहा है… जो कि व्यथनीय है… पढ़िए लोकस्वास्थ्य संरक्षण के विषय…

पर्यावरण संरक्षण का विधिक पहलू है कि ऐसे घातक प्रदूषण करने वाले कारकों और प्रदूषणकारी तत्वों को जनित करने वालों की प्रावधानुसार पंजीकृत कर उनकी जवाबदेही तय करना… इसलिए हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने नितांत आवश्यकता की पूर्ति हेतु पर्यावरण मंत्रालय की स्थापना कर पर्यावरण मंत्री को पदेन जिम्मेदारी दी है कि… वह लोकस्वास्थ्य का संरक्षण करें.. लेकिन छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंत्री प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्या रहा है यह प्रश्न अनुत्तरित है … प्रदूषण नियंत्रण हेतु छत्तीसगढ़ राज्य में जिम्मेदार प्राधिकारी कौन है और पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या कर रहा है..? प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राज्य के सर्वोच्च संगठन होने के नाते छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की योजना तैयार करता है और उसके निष्पादन हेतु जिम्मेदार है। मण्डल पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए उच्च टैक्नॉलाजी और बेहतर प्रबंधन को विकसित करने और कार्यान्वित करने हेतु प्रतिबद्ध भी है। राज्य में जल स्त्रोतों एवं वायु गुणवत्ता पर सतत् निगरानी रखना एवं उसको स्वच्छ बनाए रखना छत्तीस...

भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मियों के परिवारों की भावनाओं को… हाउस लीज विषय बेहद आहत करने वाला मामला, हमेशा से रहा है लेकिन..! इससे भी कहीं अधिक पीड़ा..! इस बात की है कि, बीएसपी हाउस लीज मामले में… झूठा आश्वासन देकर अपनी राजनीतिक दुकान चलाने वाले कांग्रेसी नेता देवेंद्र यादव जैसे लोगों की… मौका परस्ती वाली राजनीतिक भूमिका ने भिलाई वासियों के भावनात्मक ज़ख्मों को… बेरहमी से कुरेदने का काम किया है लेकिन..! अब इस मामले में विधि अपेक्षित संघर्ष प्रारंभ हो गया है… कागजी कार्यवाहियों में दफ़न किए गए..! जमीन घोटालों को उजागर करने वाला पहला पड़ाव भिलाई निगम संपत्ति ब्यौरा मांगने की नोटिस देकर… मौक परस्त कांग्रेसी नेता देवेंद्र यादव से प्रतिक्रिया मांगी गई क्योंकि इसी प्रतिक्रिया के आधार पर हाउस लीज विषय स्वमेव पुनर्जीवित हो जाएगा है…

निगम संपत्ति का ब्यौरा क्यों ? भिलाई विधानसभा चुनाव जीतने के लिए विधायक देवेंद्र यादव ने दो बार बीएसपी कर्मियों के परिवार की भावनाओं से जुड़े बीएसपी हाउस लीज मामले को झूठी और तथ्य विहीन जानकारी देकर राजनीतिक तौर पर भुनाया है..! उल्लेखनीय है कांग्रेसी नेता देवेंद्र यादव ने अपने चुनावी प्रचार में… यह तथ्य विहीन भ्रम फैलाया था कि… बीएसपी हाउस लीज की रजिस्ट्री होगी तदोपरांत… भ्रमित होकर कई लोगों ने मालिकाना हक्क प्राप्त करने के तर्क विहीन बहकावे में आकर बीएसपी हाउस लीज रजिस्ट्री भी करवाई लेकिन…! इसके बाद रजिस्ट्री करवाने वाले कितने हाउस लीज धारकों को तथाकथित मालिकाना हक्क मिला है..! यह अनुत्तरित प्रश्न विचारणीय पहलू है।  कांग्रेसी नेता देवेंद्र यादव की कुटिल राजनीति के लिए मुंहतोड़ प्रश्न ? गौरतलब रहे कि, पूर्व महापौर देवेंद्र यादव ने भिलाई नगर पालिक निगम संपत्ति का लेखा-जोखा की वार्ड वार विभागीय पारदर्शिता को सुनिश्चित करवाने का पदेन कर्तव्य पूरा नहीं किया था । जिसके कारण भिलाई नगर निगम की अचल संपत्ति पर कितना अवैधानिक अतिक्रमण और कब्जा किया गया है ? यह अधिकृत तौर पर स्पष्ट नहीं हु...

चलो अरपा नदी को बचा लेते हैं… क्योंकि छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग की अरपा भैंसाझार वृहद परियोजना को… वर्षों बाद भी पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किए जाने की परिस्थिति बन नहीं पाई है… बेहद खेद जनक है कि हमारे द्वारा छत्तीसगढ़ शासन को दिए गए आयकर, संपत्तिकर राशि में से करोड़ों रुपए… गैर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस महत्वकांक्षी परियोजना पर खर्च कर दिए हैं परन्तु… यह राशि भ्रष्टाचार का निवाला बन गई है… इसलिए जिम्मेदार प्राधिकारियों को अब विधिक चुनौती देने की परिस्थिति बन गई है…

बिलासपुर के लिए आवश्यक मानव उपयोग का जल उपलब्ध करवाने वाली अरपा नदी के जल बहाव को नियंत्रित कर उसका उपयोग जन कल्याण के लिए करने हेतु… अरपा भैंसाझार वृहद परियोजना का निर्माण कार्य करने के लिए शासन द्वारा ठेका दिया गया है लेकिन इस ठेका कार्य की वर्तमान स्थिति क्या हैं इसका अधिकृत जवाब देने वाला बिलासपुर में क्यों नहीं है…? वर्षो बाद भी अपूर्ण और अधूरी क्यों है बिलासपुर की अरपा भैंसाझार वृहद जल संसाधन परियोजना… कौन बतायेगा ? छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना है। यह परियोजना बिलासपुर जिले के कृषि क्षेत्र को नया आयाम देने के उद्देश्य से शासन द्वारा प्रारंभ की गई है। इस परियोजना के माध्यम से क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जाने की व्यवस्था की जानी थी जिससे कि बिलासपुर क्षेत्र के कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। परियोजना के लोक लुभावने उद्देश्य जो वर्तमान में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए और जिम्मेदार अधिकारी मूक दर्शक बन गए… सिंचाई क्षमता में वृद्धि: इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र की ...

छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के प्रोफेसर और विद्यार्थियों के लिए गरिमापूर्ण कामकाजी वातावरण स्थापित करने के लिए… विगत दिनों शासन आदेश जारी किया गया है… उल्लेखनीय है कि, यह शासन आदेश सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख के द्वारा किए गए पत्र व्यवहार की प्रतिक्रिया में जारी किया गया है… जिसमें निर्देशित किया गया है कि, उच्च शिक्षण संस्थानों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन किए जाने के उपरांत कार्यशाला एवं अभिविन्यास कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाय… पढ़िए पूरा विवरण….

छत्तीसगढ़ शासन ने उच्च शिक्षा विभाग ने महिला सुरक्षा और गरिमा स्थापित करने वाले अधिनियम और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि, वें अपने कार्यस्थल पर विधिवत आंतरिक शिकायत समिति का गठन कर… समिति सदस्यों एवं सभी अधिकारी, कर्मचारी, प्राध्यापकों एवं छात्रों के लिए कार्यशाला एवं अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन करे । उच्च शिक्षा विभाग के… शासनादेश जारी करने पर आभार व्यक्त किया गया  महिला सुरक्षा एवं संरक्षण विषयों पर कार्य करने वाली सामाजिक संस्थाओं ने छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश का स्वागत किया है और इस आदेश को महिलाओं को उनके अधिकार दिलवाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाला बताया है । सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता एवं सामाजिक अंकेक्षक निशा देशमुख ने शासनादेश के विषयवस्तु को महत्वपूर्ण बताया छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा जारी आदेश पर निशा देशमुख ने छत्तीसगढ़ शासन का आभार व्यक्त किया और कहा कि उच्च शिक्षा देने वाले कार्यस्थल पर विधिवत कार्यान्वयन करने वाली आंतरिक शि...

सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख ने भिलाई वासियों के बिजली बिल मामले पर चर्च में कहा कि...भिलाई वालों का बिजली बिल मामला कब सुलझेगा..? यह निरुत्तरीय प्रश्न और उलझ गया है क्योंकि… गोलमोल शब्दशैली वाला स्वार्थसिद्धि पूर्ण… विधानसभा प्रश्न पूछ कर..?... विधायक देवेंद्र यादव द्वारा भिलाई विधानसभा क्षेत्र से पुनः विश्वासघात किया जाना… जन सामान्य द्वारा महसूस किया जा रहा है… इसलिए जन सामान्य के स्तर से आवाज उठ रहीं है कि, इस विषम परिस्थिति पर स्पष्टीकरण दो… विधायक महोदय!

भिलाई नगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत बिलों में उपभोक्ताओं को प्रदायित छूट के संबंध में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री महोदय ने विधानसभा प्रश्न पर…  महत्वपूर्ण जानकारी दी है लेकिन इस जानकारी के आधार पर भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मियों के आवास का बिजली कितना कम होगा  ? यह विधायक महोदय कब बतायेंगे..? इसका इंतजार सभी को है… विधायक देवेंद्र यादव का विधानसभा प्रश्न… छत्तीसगढ़ शासन के ऊर्जा विभाग से विधानसभा कार्यवाही में 12 मार्च, 2025 विधानसभा प्रश्न क्रम 33. प्रश्न क्र. 1564 विधायक देवेंद्र यादव द्वारा पूछा गया था कि, क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि, भिलाई नगर विधान सभा क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली बिल में क्या छूट प्रदान की जा रही है ? इस प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री (श्री विष्णु देव साय) ने बताया कि:-  भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को "घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत देयकों में राहत" योजना”, बीपीएल उपभोक्ताओं को एकल बत्ती कनेक्शन हेतु अनुदान योजना एवं कृषकों को "डॉ० खूबचंद बघेल किसान विद्युत सहायता योजना" क...

मामले जिन पर चर्चा गरमाई हुयी है

राष्ट्रीय कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी का विकल्प छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने तैयार कर लिया है… गौरतलब रहे कि, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने अपनी गिरफ्तारी के पूर्व कांग्रेस हाई कमान को कई कूटनीतिक संकेत दिए है… उल्लेखनीय है कि, प्रदेश कांग्रेस दीपक बैज के खेमे ने आरोपी देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी के पूर्व अपनी उपस्थिति दल-बल के साथ देकर… कांग्रेस के राष्ट्रीय पदाधिकारियों को यह बता दिया है कि, विगत छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेतृत्व ने राहुल गांधी से भी अधिक प्रभावशील नेतृत्व क्षमता वाले नेता को… भिलाई विधायक के तौर पर विधानसभा में बैठाया है… उसे वर्तमान प्रदेश हाई कमान ने नियंत्रण में कर लिया है… पढ़िए अंदरूनी राजनीतिक पहलू…

पुलिस प्रशासन ने जिम्मेदारी निभाई आमाजिक तत्व हुए हताश दुर्ग जिला प्रशासन द्वारा घर में छिपे आरोपी विधायक को दी गई समझाइश और विधिक कार्यवाही के बाद बलौदाबाजार-भाटापारा जिला प्रशासन ने भिलाई विधायक आरोपी देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी उसके घर से करके… यह बता दिया की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सामाजिक विद्वेष पैदा करने वाली मानसिकता से राजनीतिक रोटी सेंकने वाले नेता को… दृढ़ प्रशासकीय इच्छाशक्ति कायम कर उसके घर से विधि अपेक्षानुसार गिरफ्तार किया जा सकता है… ताडफोड जैसी अवांछित घटना का शिकार होने से  बच गई भिलाई इस्पात संयंत्र के आवासीय क्षेत्र की शांति व्यवस्था क्यों घर में छिपा था देवेंद्र यादव… बलौदा बाज़ार ज़िला  ( Baloda Bazar district ) पुलिस का सहयोग कर कांग्रेस के दीपक बैज के खेमा ने बीच बचाव करके घर में छिपे बैठे आरोपी देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी बिना किसी सार्वजनिक नुकसान के करवाई… क्योंकि आरोपी देवेंद्र यादव के द्वारा पुलिस को असहयोग किए जाने पर… छत्तीसगढ़ कांग्रेस का कोई बड़ा नेता आरोपी देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी को कानून हाथ में लेकर बलात रोकने के लिए आगे आना नहीं चाहता ...

निगम अधिनियम में वार्ड पार्षद को कई महत्वपूर्ण अधिकार दिए गए है... जिनका प्रयोग करके वार्ड पार्षद अपने निर्वाचन क्षेत्र का सर्वागीण विकास कर सकता है... इसके लिए आवश्यक है की पार्षद को निगम अधिनियम के अग्रलिखित विधि निर्देश को पढ़ना और समझना पड़ेगा तथा अपने अधिकार को प्रयोग में लाना होगा

पार्षदों को मिला असीमित अधिकार अब पार्षद प्रश्न भी पूछ सकेंगे,   प्रश्न से सम्बंधित दस्तावेजो और फ़ाइल का अवलोकन भी कर सकेंगे और   नियम आयुक्त और निगम अधिकारियो से निगम सम्मिलन के दिन लिखित में जवाब भी प्राप्त कर सकेंगे इसलिए अब निगम आयुक्त, निगम के अधिकारी / कर्मचारी और जिम्मेदार जन प्रतिनिधि अर्थात एम.आई.सी. सदस्य इन तीनो से पार्षद सीधे प्रश्न पूछकर जवाब मांग सकेंगे तथा विधायक और सांसद की तरह शहर सरकार का सशक्त अंग होने की अपनी पहचान बना सकेंगे पार्षद को शक्ति संपन्न बनाने वाले निगम अधिनियम के अंतर्गत बनाये गए नियम निम्नानुसार हैं :-  पहला नियम :-   छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम १९५६ की धारा २५-क पार्षदों के कर्तव्य - छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम १९५६ की धारा २५-क में परिभाषित किये गए है और इस विधि निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि, पार्षद निगम सम्मिलन में भाग लेकर महापौर या आयुक्त का ध्यान... निगम की सम्पत्ति की किसी हानी या... निगम के किसी योजना या.... सेवा में किसी कमी के तरफ ध्यानान्कर्षण करवायेगा दूसरा नियम :- छ,ग. नगरपालिक (कामकाज के ...

झोलाछाप डॉक्टरों और अपंजीकृत चिकित्सा व्यवसाइयों को पहचानना और उनसे बचाव करने के लिए हमारे लोकतांत्रिक कानूनी व्यवस्था में चिकित्सा सुविधा देने के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने की है पर्याप्त व्यवस्था है… पढ़िए जागरूक रहने के विधिक पहलू…

लोक स्वास्थ्य को अपूरणीय क्षति पहुंचाने वाले अनियमित चिकित्सा व्यवसाई ग्रामीण और शहरी दोनो ही जगह… अपनी दुकान चला रहें है लेकिन जन जागरूक के आभाव में इनके विरुद्ध शासन कानूनी कार्यवाही नहीं कर पा रहा है… इसलिए यह लेख जन जागरूकता लाने का एक प्रयास है… झोलाछाप डॉक्टरों को पहचानना और उनसे बचना बेहद ज़रूरी है। ये लोग न केवल आपके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं बल्कि आपकी जान को भी खतरे में डाल सकते हैं। झोलाछाप डॉक्टरों की कुछ खास पहचान: अयोग्यता का दावा: ये लोग अक्सर असाध्य बीमारियों का भी इलाज करने का दावा करते हैं, जो किसी योग्य डॉक्टर के लिए भी मुश्किल हो सकता है। गुप्त स्थान: ये लोग अक्सर घरों, छोटी दुकानों या ऐसी जगहों पर अपना क्लीनिक चलाते हैं जहां कोई मेडिकल सुविधाएं नहीं होतीं। सस्ते इलाज का लालच: ये लोग आमतौर पर अन्य डॉक्टरों की तुलना में बहुत कम पैसे में इलाज करने का झांसा देते हैं। आधुनिक तकनीक से अनभिज्ञता: ये लोग आधुनिक मेडिकल उपकरणों और तकनीकों से अनजान होते हैं। अनावश्यक दवाएं: ये लोग अक्सर मरीजों को अनावश्यक दवाएं देते हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती...

छत्तीसगढ़ का महिला आयोग कार्यालय ने तथाकथित विधि विरूद्ध कार्य व्यवहार के कारण गंभीर आरोपों से घिर गया है क्योंकि व्यथित महिलाओं को आयोग के कार्यालय में पदस्थ अधिकारी कैसे परेशान करते है इस बात का खुलासा सामाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख ने किया है पढ़िए क्या है पूरा मामला

समाजिक कार्यकर्ता निशा देशमुख ने छत्तीसगढ़ राज्य के महिला आयोग के जन सूचना अधिकारी के कार्य व्यवहार पर प्रश्न उठाकर यह गंभीर आरोप लगाया है कि, महिला आयोग से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी लेने के हेतु आवेदन करने वाली महिलाओं से, आवेदन शुल्क महिला आयोग द्वारा नगद नहीं लिया जाता है और उन्हें पोस्टल आर्डर या शुल्क अदा करने के अन्य माध्यम से शुल्क अदा करने के लिए महिला आयोग के अधिकारियों द्वारा विधि विरूद्ध तरीके से मजबूर किया जाता है । जिसके कारण महिला आयोग में आने वाली व्यथित महिलाओं की व्यथा कम होने के बजाय बढ़ जाती है ।  व्यथित महिला को छत्तीसगढ़ महिला आयोग से वांछित सूचना लेने के लिए अंतिम उपाय के रूप में सुचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन करने के लिए मजबूर किया जाता है जिसके बाद व्यथित महिला जब सुचना के अधिकार के तहत आवेदन जमा करने जाती है तो सूचना के अधिकार के तहत आवेदन करने वाली महिला से नगद राशि प्राप्त कर शुल्क प्राप्ति रसीद प्रदान करने की व्यवस्था छत्तीसगढ़  महिला आयोग नहीं करता है परिणाम स्वरुप व्यथित महिला को वांछित दस्तावेजों और ...

मंच कला क्षेत्र के छह प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को अकादमी फेलो (अकादमी रत्न) के रूप में चुना गया, वर्ष 2022 और 2023 के लिए 92 कलाकार संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों के लिए चुने गए, 80 युवा कलाकारों को वर्ष 2022 और 2023 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार दिया जाएगा

  संगीत , नृत्य और नाट्य कला से संबंधित संगीत नाटक अकादमी , नई दिल्ली की जनरल काउंसिल , नेशनल ने 21 और 22 फरवरी 2024 को नई दिल्ली में आयोजित अपनी बैठक में सर्वसम्मति से मंच कला के क्षेत्र में छह ( 6) प्रतिष्ठित हस्तियों को अकादमी फेलो (अकादमी रत्न) के रूप में चुना है। अकादमी की फेलोशिप सबसे प्रतिष्ठित और अपूर्व सम्मान है। यह फेलोशिप किसी भी खास समय में 40 व्यक्तियों को दी जाती है। जनरल काउंसिल ने वर्ष 2022 और 2023 के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (अकादमी पुरस्कार) के लिए संगीत , नृत्य , रंगमंच , पारंपरिक/लोक/जनजातीय संगीत/नृत्य/रंगमंच , कठपुतली और मंच कला में समग्र योगदान/छात्रवृत्ति के क्षेत्र से 92 कलाकारों का भी चयन किया। इस प्रकार चुने गए फेलो और पुरस्कार विजेता समग्र रूप से राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आते हैं। इसके अतिरिक्त ये ख्याति प्राप्त कलाकार संगीत , नृत्य , नाटक , लोक और जनजातीय कला , कठपुतली और संबद्ध रंगमंच कला रूपों आदि के रूप में मंच कला रूपों के संपूर्ण रूप को कवर करते हैं। अकादमी की जनरल काउंसिल ने वर्ष ...

लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना केन्द्र/राज्य सरकारों और जिला संगठनों द्वारा किये गये असाधारण और अभिनव कार्यों को मान्यता देता है ,सरकार की ओर से 2019 से 2023 तक लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये 62 प्रधानमंत्री पुरस्कार दिये गये, 2023 योजना के तहत 16 पुरस्कार दिये जायेंगे

    ‘‘ लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार 2023’’ पीएम पुरस्कार पोर्टल पर नामांकन जमा कराने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2024, सभी केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों , राज्य सरकारों , जिला कलेक्टरों को पीएम पुरस्कार पोर्टल पर नामांकन करना होगा लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना केन्द्र/राज्य सरकारों और जिला संगठनों द्वारा किये गये असाधारण और अभिनव कार्यों को मान्यता देता है , सरकार की ओर से 2019 से 2023 तक लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये 62 प्रधानमंत्री पुरस्कार दिये गये , 2023 योजना के तहत 16 पुरस्कार दिये जायेंगे सरकार ने लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार 2023 योजना की शुरुआत की है जिसे देशभर में सिविल सेवकों द्वारा किये गये अनुकरणीय कार्यो को स्वीकार करने , मान्यता देने और पुरस्कृत करने के लिये तैयार किया गया है। वर्ष 2023 के लिये निम्नलिखित योजनाओं के तहत जिलों के समग्र विकास में सिविल सेवकों द्वारा किये गये योगदान को मान्यता देने के लिये लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार य...

ई-साक्षी मोबाइल एप्लीकेशन, मोबाइल एप्लिकेशन सांसदों को उनकी प्रस्तावित परियोजनाओं की स्थिति और प्रगति पर त्वरित अपडेट प्रदान करके पारदर्शिता को प्रोत्साहन देगा और सांसदों और संबंधित अधिकारियों के बीच संचार को सुव्यवस्थित करेगा, जिससे सूचनाओं के अधिक कुशल आदान-प्रदान की सुविधा मिलेगी।

  सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय माननीय संसद सदस्यों और अन्य हितधारकों से निरंतर आधार पर नए सुझाव/अभ्यावेदन प्राप्त करता है और उनकी जांच करता है , जिसमें उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास (एमपीएलएडी) योजना के अंतर्गत दिशानिर्देशों में सुधार के सुझाव भी सम्मिलित हैं। संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडी) योजना प्रत्येक संसद सदस्य को लोगों की स्थानीय आवश्यकतओं के आधार पर टिकाऊ सामुदायिक संपत्तियों के निर्माण पर बल देने के साथ विकासात्मक प्रकृति के कार्यों की सिफारिश करने में सक्षम बनाती है। संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडी) ई-साक्षी मोबाइल एप्लिकेशन सुविधा और पहुंच प्रदान करता है , जिससे सांसदों को वास्तविक समय में परियोजनाओं को प्रस्तावित करने , निगरानी करने और देखरेख करने की अनुमति मिलती है , जो निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को बढ़ाता है , जिससे उभरती आवश्यकतओं या मुद्दों पर त्वरित प्रतिक्रिया सक्षम होती है। इसके अलावा , मोबाइल एप्लिकेशन सांसदों को उनकी प्रस्तावित परियोजनाओं की स्थिति और प्रगति पर त्वरित अपड...

निर्माण श्रमिकों के सर्वांगीण उत्थान के लिए शासन योजनाओं का संचालन कर रहीं जिनकी जानकारी हितग्राही श्रमिक तक पहुंचना आवश्यक है... इसलिए इनको जान लीजिए...

  निर्माण श्रमिक अर्थात कौन ? निर्माण श्रमिक से तात्पर्य जो किसी भवन या निर्माण कार्य में कुशल, अर्द्ध कुशल या अकुशल श्रमिक के रूप में शारीरिक, पर्यवेक्षणिक, तकनीकी अथवा लिपिकीय कार्य भाड़े या पारिश्रमिक के लिए करता हो। नियोजन के निबन्धन प्रकट हों या विवक्षित हो, किन्तु प्रबंधकीय या प्रशासकीय हैसियत में नियोजित व्यक्ति इसमें सम्मिलित नहीं है। कहां होता पंजीयन ? हितग्राही पंजीयन भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम, 1996 के अंतर्गत प्रत्येक निर्माण श्रमिक का पंजीयन मंडल के द्वारा किया जाता है। पंजीयन हेतु अर्हताएं क्या है ? निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीयन हेतु निर्धारित आयु सीमा 18 वर्ष से कम नहीं किन्तु 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। उल्लेखनीय हैे कि, हितग्राही श्रमिक द्वारा विगत एक वर्ष में भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक के रूप में 90 दिवस कार्य करने संबंधी नियोजक / श्रमिक संघ / श्रम निरीक्षक द्वारा जारी प्रमाण पत्र अपलोड किया जाना अनिवार्य है। कहां होता हैं पंजीयन ? किसी भी लोक सेवा केन्द्र से श्रम विभाग के वेबसाईट पर ऑन-लाईन आवेदन कर सकते हैं। वेबसाईट लिंक अंत में दी गई जिस...

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