किसानों से ठगी : ढाई हजार हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र के किसानों से प्रशासकीय ठगी करने वाले जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ के गड़बड़ी बाज अधिकारियों के गिरोह को विधिक कार्यवाही प्रक्रिया से दंडित करवाने की आवश्यकता क्यों है आप भी जान लीजिए…
मामला बिलासपुर के अरपा-भैंसाझार वृहद परियोजना निर्माण का जिसमें 25000 हैक्टेयर भूमि को सिंचित क्षेत्र बनाने का लक्ष्य शासन का है जिसके लिए शासन ने इस लोकहिताय परियोजना को बड़ी राशि से वित्त पोषित किया जिसमें से ठेकेदार को 317 करोड़ का भुगतान जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ के अधिकारियों द्वारा किए जाने की जानकारी जांच कार्यवाही विवरण में स्पष्ट की गई है ।
अनियमितता और भ्रष्टाचार के हवाले है अरपा-भैंसाझार
जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के अधिकारी अरपा-भैंसाझार परियोजना को अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के हवाले कर चुके है परिणाम स्वरूप यह महत्वाकांक्षी परियोजना वर्तमान में अधूरी और अपूर्ण स्थिति में है जिसके कारण छत्तीसगढ़ शासन को बड़ा नुकसान हुआ है और छत्तीसगढ़ सरकार की छवि भी दागदार हुई है तथा सबसे चिंताजनक बात यह है कि वर्तमान में परियोजना लगात बढ़ गई है इसलिए जब भी यह परियोजना पूरी करने की कोशिश जब भी सरकार करेगी तब सरकार को बड़ी राशि खर्च करनी पड़ेगी
सरकार को पूरी करनी पड़ेगी अरपा-भैंसाझार
बिलासपुर वासियों के लिए आवश्यक जल आपूर्ति व्यवस्था और किसानों के कृषि कार्यों के लिए आवश्यक जल व्यवस्था सरकार द्वारा की जाने वाली नितांत आवश्यक जिम्मेदारी है गौरतलब रहे कि सरकार पर अरपा-भैंसाझार वृहद परियोजना को पूरा करने का दबाव दिनों दिन बढ़ता ही जाएगा क्योंकि अरपा-भैंसाझार परियोजना क्षेत्र में आबादी बढ़ती जा रही है प्रतिवर्ष नई आवासीय कालोनी इस क्षेत्र में बनती जा रही है और जिसके लिए रोजमर्रा के इस्तमाल के पानी का इंतजाम सरकार को करना है साथ ही साथ सरकार को कृषकों के लिए आवश्यक जल व्यवस्था करना पड़ेगा नहीं तो कृषि उपज विशेषकर सब्जी भाजी के पैदावार पर इसका विपरित असर पड़ेगा और बिलासपुर वासियों महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी ।
किसानों का अहित सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता ने किया है
छत्तीसगढ़ के सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा अरपा-भैंसाझार परियोजना के ठेकेदार को ठेका अनुबंध शर्तों का उल्लंघन करने का नियम विरुद्ध अवसर दिया है जिसके कारण अरपा-भैंसाझार परियोजना की लागत कई गुना बढ़ गई और वृहद सिंचाई परियोजना सिंचाई विभाग की अनियमितताओं की भेंट चढ़ गई है लेकिन जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ के प्रमुख अभियंता द्वारा अरपा-भैंसाझार परियोजना की गड़बडिय़ों को शासन के समक्ष नहीं लाया गया है और ठेकेदार का अवैध संरक्षण देकर किसानों का बड़े पैमाने पर अहित किया जा रहा है ।
बिलासपुर वासियों को महंगी सब्ज़ी खरीदने को मजबूर कर रहा है सिंचाई विभाग
अरपा-भैंसाझार परियोजना क्षेत्र के 25000 हे. भूमि की वृहद सिंचाई परियोजना समय पर अस्तित्व में तो निश्चित तौर पर बिलासपुर क्षेत्र की कृषि उपज विशेषकर सब्जी भाजी की पैदावार में गुणात्मक वृद्धि होती और बिलासपुर मुख्यालय के आसपास तेजी से बढ़ते आबादी क्षेत्र की सब्जी भाजी की दैनिक मांग की पूर्ति करने के लिए सक्षम होती लेकिन जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के भ्रष्ट आचरण के कारण ऐसा नहीं हो सका और बिलासपुर के लोगों को महंगी सब्ज़ी खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
बे-रोकटोक फलफूल रहा भ्रष्टाचार सिंचाई विभाग का सचिव बना मूकदर्शक
जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ के प्रशासकीय कार्य व्यवहार को अनियमितताओं ने इस कदर जकड़ लिए है कि, जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता ने अरपा-भैंसाझार परियोजना के अनियमितताओं के मामले में जांच आदेश सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किए जाने के बाद आवश्यक जांच कार्यवाही नहीं कर रहा है जबकि विधि अपेक्षित हैं कि, सिंचाई विभाग का प्रमुख अभियंता अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए आवश्यक प्रशासकीय कदम समय रहते उठता और अपना पदेन कर्तव्य पूरा करता लेकिन प्रमुख अभियंता ऐसा नहीं कर रहा है परिणाम स्वरूप भ्रष्टाचार में संलिप्त जल संसाधन विभाग के अधिकारी वर्तमान में चिन्हांकित नहीं हो पा रहे है जिसके कारण अरपा-भैंसाझार परियोजना को अनियमितताओं के हवाले करने वाले अधिकारी प्रमुख अभियंता के गैर जिम्मेदाराना कार्य व्यवहार का अवैध संरक्षण प्राप्त करने में सफल हो रहें है ।
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